प्याज किडनी के लिए कैसे लाभकारी है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
प्याज किडनी के लिए कैसे लाभकारी है?

हम रोजाना अपने भोजन को तैयार करने के लिए कई चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं, जैसे नमक, मिर्च, हल्दी, मसाले, लहसुन और प्याज। यह सभी चीज़ें एक तरफ जहां हमारे भोजन का स्वाद बढ़ाने में हमारी मदद करते हैं, ठीक उसके साथ उसमे अपने औषधिक गुण भी डालते हैं जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। उदाहरण के तौर पर, हम हल्दी का प्रयोग अपने भोजन में करते है जो कि एक एंटीबीओटिक औषधि है।

रोज के खाने में प्रयोग की जाने वाली चीज़ों में सबसे खास और महत्वपूर्ण चीज़ है “प्याज”। एक भारतीय का खाना उस समय तक अधूरा है जब उसमे प्याज का इस्तेमाल ना किया जाए। विशेषकर उत्तर भारत में प्याज को बड़े ही चाव से खाया जाता। एक तरफ प्याज जहां अपने कटने पर रुलाती है, वहीं दूसरी तरफ यह आपकी किडनी को स्वस्थ भी बनाए रखती है। आज के इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि आखिर कैसे प्याज हमारी किडनी को स्वस्थ बनाएं रखने में हमारी मदद करती है।

प्याज में क्या-क्या पोषक गुण होते हैं?

प्याज हमारे लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है। किडनी अपने इन्हीं पोषक तत्वों की मदद से आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती है। आपको बता दें कि एक प्याज में 86 प्रतिशत प्रोटीन है और 13 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट्स मौजूद होता है। साथ ही एक आधा कप प्याज में 3 एमजी सोडियम, 116 एमजी पोटैशियम, और 3 एमजी फॉस्फोरस जैसे अन्य जरूरी पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं।

एक शोध में वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ताज़ा उखाड़े गए प्याज में तीन घंटे तक ‘एम’ नाम की ऐसी विद्दुत – किरण होती है जो कि सूर्योदय की किरणों के समान ही आरोग्य और संजीवन प्रदान करती है। शायद इसी कारण इसे आयुर्वेद में एक विशेष औषधि के रूप में स्थान दिया गया है। अकेले प्याज ही कई रोगो से आपको बचाती है, जिसकी एक लम्बी श्रंखला है। प्याज के रोजाना इस्तेमाल से हम खुद को कई  रोगो से दूर रख सकते हैं।

प्याज किडनी इस प्रकार रखती है स्वस्थ

किडनी हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई कार्यों को अंजाम देती है। ऐसे में हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी उसे स्वस्थ रखे, ताकि उसे काम करने में कोई समस्या ना आए और आप हमेशा स्वस्थ रह सके। आप प्याज की मदद से अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं, यह कुछ ऐसी समस्याओं पर काम करती है जिससे किडनी खराब होने का खतरा बना रहता है। तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे प्याज किडनी को स्वस्थ रखती है —

मधुमेह काबू करे

अगर आप मधुमेह जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको अपने आहर में प्याज को जरूर शामिल करना चाहिए। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है, जिसके कारण व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमे किडनी खराब होना सबसे गंभीर है। जब आप मधुमेह होने पर प्याज को अपने आहार में शामिल करते हैं, तो आपके शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे रक्त में शर्करा का स्तर कम होने लगता है।

हड्डियों को मजबूत करे

प्याज हड्डियों को मजबूत करने में सहायता देती है। उम्र बढ़ने के साथ होने वाली ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होकर टूटना) की समस्या होने की आशंका बनी रहती है, एक शोध के अनुसार अगर आप प्याज का सेवन करते हैं, तो आपको निश्चित ही इस समस्या से राहत मिलती है।

पेशाब की समस्या में राहत दिलाए

किडनी खराब होने के दौरान अक्सर रोगियों को पेशाब से जुडी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस अवस्था में व्यक्ति के लिए प्याज का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं  जो कि संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। इसके लिए आप 100 ग्राम प्याज का एक लीटर पानी में इतना उबाले की पानी आधा रह जाए। उबलने के बाद बनने वाले काढ़े से इस समस्या से छुटकारा मिलता है, यह घरेलू उपचार एक हफ्ते तक करने से मूत्र संक्रमण से राहत मिल सकती है।

किडनी की पथरी

किडनी से जुड़ी हुई सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है किडनी में पथरी का होना। इस बीमारी में पीड़ित को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है, इसलिए इससे छुटकारा पाना बहुत जरूरी भी हो जाता है। अगर आप किडनी में पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप प्याज के सेवन से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। यह आयुर्वेदिक औषधि की तरह काम करता है। प्याज न सिर्फ किडनी से पथरी को बाहर निकालता है, बल्कि पेट को भी साफ करता है। आप पथरी को बाहर निकालने के लिए प्याज के रस में चीनी घोलकर पी सकते हैं, इससे आपको काफी हद तक फायदा हो सकता है।

उच्च रक्तचाप में राहत दिलाए

अगर आप उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहें हैं, तो आपको अपने आहार में प्याज को जरूर शामिल करना चाहिए। प्याज के अंदर पोटेशियम मिलता है जो कि रक्त से सोडियम को अलग करता है और रक्त वाहिकाओं को आराम दिलाकर उन्हें फैलने में मदद करता है। ऐसा होने पर शरीर में रक्त प्रवाह सुचारू होता है और रक्तचाप काबू में आने लगता है।

खून में थक्का बनने से रोके

कई बार कुछ लोगो को खून में थक्का यानि ब्लड क्लॉट बनने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति का रक्त परिसंचारण भी प्रभावित होता है, ऐसा होने से किडनी और दिल दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस समस्या से समाधान पाने के लिए आप प्याज का सेवन कर सकते हैं। प्याज में रुटीन नामक तत्व होता है, जो शरीर में रक्त के थक्के बनने नहीं देता। रुटीन एंटीथ्रोम्बोटिक की तरह काम करता है जो कि खून के थक्के बनने की आशंका को कम करता है। यह तत्व खून के थक्के आर्टरी व नसों में बन सकते हैं। थक्के बनने पर कुछ एंजाइम का निर्माण होने लगता है और रुटीन इन्हीं एंजाइम को रोकने में मदद करता है।

सूजन में लाभकारी

प्याज के सेवन से सूजन से राहत पाई जा सकती है। प्याज में क्वेरसेटिन नामक एक खास तत्व होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही साथ प्याज में , क्वेरसेटिन में एंटीहिस्टामाइन नामक गुण भी होते हैं, जो एलर्जी से लड़ने में मदद करता है जिसके कारण एलर्जी से होने वाली सूजन से राहत मिलती है। किडनी खराब होने पर शरीर के कई अंगों में सूजन देखि जाती है जो कि किडनी खराब होने का एक आम लक्षण होता है।

पेट रखे स्वस्थ –

अगर आप नियमित रूप से प्याज का सेवन करते हैं, तो आप पेट से जुडी समस्याओं से दूर रहते हैं, क्योंकि प्याज आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ और मजबूत बनाने में आपकी मदद करती है। प्याज के अंदर ओलिगोफ्रुक्टोस नाम का एक खास फाइबर मिलता है जो कि आपके पेट को स्वस्थ रखता है। पके हुए प्याज में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे कब्ज व गैस जैसी समस्याएं दूर होती हैं। प्याज का फाइबर आंतों में अच्छे बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है, ताकि आंत ठीक से काम कर सकें। इतना ही नहीं, ओलिगोफ्रुक्टोस दस्त जैसी समस्या में भी लाभदायक साबित हो सकता है। प्याज में कुछ प्राकृतिक प्रोबायोटिक्स गुण भी मिलते हैं, जो कब्ज को दूर करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह पेट में दर्द व पेट में कीड़े होने जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है, लेकिन इस पर अभी और शोध की जरूरत है।

क्या प्याज खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं?

प्याज भले ही संजीवनी बूटी की भांति काम करती हो, लेकिन इसके सेवन से भी कई नुकसान हो सकते हैं। ऐसे में इसके सेवन के दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर जरूर रखना चाहिए, ताकि आप इसके नकारात्मक प्रभावों से बचे रहें। प्याज से होने वाले नकारात्मक प्रभाव निम्नलिखित है —

तेज गंध – कच्चे प्याज के सेवन के बाद मुह से तेज गंध आती है, जिसे लोग अक्सर पसंद नहीं करते। इसके पीछे प्याज में मौजूद सल्फर होता है। इसलिए कच्चा प्याज खाने के बाद हमेशा अच्छे से कुल्ला करना चाहिए।

रक्त में शर्करा की कमी – अगर आप पहले से ही रक्त में शर्करा की कमी से जूझ रहे हैं, तो आपको प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। प्याज इन्सुलिन का निर्माण करता है जिससे शर्करा का स्तर काफी कम हो जाता है। इसलिए, जो लोग इन्सुलिन लेते हैं उन्हें इसका सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।

गर्भावस्था – जो महिलाऐं गर्भवती है या स्तनपान करा रही हैं उनको प्याज का सेवन जितना हो सके उतना कम करना चाहिए। अधिक मात्रा में प्याज खाने से सिने में दर्द और जलन की शिकायत हो सकती है।

लिथियम – प्याज के सेवन से शरीर में लिथियम की मात्रा बढ़ सकती है। इसलिए, लिथियम की दवा लेने वाले रोगियों को इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से प्याज खाने के संबंध में जरूर पूछ लें।

रक्तचाप – जो व्यक्ति निम्न रक्तचाप की समस्या का सामना कर रहे हैं, उनको प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। निम्न रक्तचाप में प्याज का सेवन करने से रक्तचाप का स्तर और भी निचे गिर सकता है। प्याज के सेवन से सिस्टोलिक व डायस्टोलिक रक्तचाप का स्तर कम हो सकता है।

गैस –  अधिक मात्रा में प्याज खाने से पेट में गैस, जलन, उल्टी व मतली जैसी समस्या होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए प्याज का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा बीते कई दशकों से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी का आयुर्वेद द्वारा सफल उपचार कर रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। इस समय कर्मा आयुर्वेदा की बागड़ोर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। यह धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है जो कि कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है। डॉ. पुनीत धवन एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक है, जिन्होंने अब तक 48 हज़ार से भी ज्यादा लोगो की खराब किडनी को ठीक किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेद में बिना डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है।

लेख प्रकाशित