भुट्टे के रेशे किडनी को कैसे स्वस्थ रखते हैं?

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
भुट्टे के रेशे किडनी को कैसे स्वस्थ रखते हैं?

हम सभी को भुट्टा खाना बहुत पसंद होता है, लेकिन  हम भुट्टा खाने के दौरान उसके रेशे यानी बाल उससे अलग कर देते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भुट्टे के रेशे हमारी सेहत के लिए काफी लाभकारी होते हैं। भुट्टे के रेशे हमारी किडनी के स्वास्थ्य के लिए काफी उतम औषधि के रूप में कार्य करते हैं। किडनी के लिए भुट्टे के बाल किसी संजीवनी से कम नहीं है। भुट्टे के रेशे आपकी किडनी को कई ऐसी समस्याओं से बचा कर रखते हैं, जिनके कारण से आपकी किडनी खराब हो सकती है। यह किडनी खराब होने के कारणों को जड़ से खत्म करने का काम करते हैं। अगर आप भुट्टे के रेशों का सेवन करना शुरू करेंगे तो आप निम्नलिखित तरीकों से अपनी किडनी को स्वस्थ बना सकते हैं :-

किडनी डिटोक्स करे

भुट्टे के रेशे किडनी को साफ करने में आपकी काफी सहायता करते हैं। किडनी को साफ करने के लिए आप इन रेशों को घर में छावं में सुखा लीजिये। अच्छे से सूखने के बाद आप इसे 50 ग्राम की मात्रा में लें और इसे दो गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो उसका सेवन करें, आप इसका स्वाद बढ़ने के लिए इसमें नींबू, सेंधा नमक या हल्की सी चीनी डाल सकते हैं। आप इस पेय का सेवन महीने में एक से दो बार कर सकते हैं। इसका सेवन करने के बाद आपको सामान्य से ज्यादा पेशाब आ सकता है, जो कि सामान्य बात है। इसका सेवन करने के दौरान आप अधिक मीठा, डिब्बाबंद खाना, मांसाहार, शराब आदि का सेवन ना करे।

किडनी की पथरी से राहत दिलाए

किडनी में पथरी होने पर इससे होने वाला दर्द इस समस्या को काफी गंभीर बनाता है। जब किडनी में छोटे क्रिस्टलाइज्ड जमा होने लग जाते हैं तब किडनी में पथरी बन जाती है, जो दर्द और परेशानियों का कारण बनती है। किडनी में पथरी को रोकने के लिए प्राचीन दिनों से भुट्टे के बाल का उपयोग किया जाता है। भुट्टे के बालों से बनी चाय के सेवन से आपकी किडनी में जमा हुए टॉक्सिन्स और नाइट्रेट निकल जाते हैं, जिससे किडनी में पथरी बनने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा भुट्टे के बाल के उपयोग से मूत्र प्रवाह में भी वृद्धि होती है।

मूत्र पथ संक्रमण दूर करे

भुट्टे के रेशे मूत्र पथ संक्रमण (Urinary tract infection) से राहत दिलाने में मदद करते हैं। भुट्टे के रेशे, विरोधी भड़काऊ एजेंट (anti-inflammatory agent) की भांति काम करते है। यह रेशे मूत्र पथ अस्तर (urinary tract lining) को कम करने का काम करते हैं और पेशाब में समस्या के कारण होने वाली जलन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। अगर आप भुट्टे के बालों की बनी चाय का सेवन करते हैं तो आपके ब्‍लैडर और मूत्र पथ की सूजन को शांत करने में सहायता मिलती है। इससे पेशाब ज्‍यादा मात्रा में आता है, जिससे यूरीन ट्रेक्‍ट में बैक्‍टी‍रिया के निर्माण के जोखिम को कम करता है। मूत्र विकार होने के कारण किडनी खराब होने का खतरा बना रहता है।

मधुमेह से राहत दिलाए

मधुमेह को किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारणों में गिना जाता जाता है। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण किडनी को रक्त साफ करने में समस्या होती है और किडनी के फिल्टर्स नेफ्रोन खराब हो जाते हैं। मधुमेह को काबू में करने के लिए आप भुट्टे के बालों से बनी चाय का सेवन कर सकते हैं। यह इन्सुलिन बनाने का काम करते हैं, जिससे आपके रक्त में शर्करा का स्तर कम होने लगता है।

उच्च रक्तचाप को काबू करे

मधुमेह की भांति उच्च रक्तचाप भी किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। उच्च रक्तचाप होने पर किडनी के फिल्टर्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिससे उसकी कार्यक्षमता कम होने लगती है और लम्बे समय तक ऐसा रहने से किडनी खराब हो जाती है। ऐसे में आपको भुट्टे के रेशों से बनी चाय का सेवन करना चाहिए। इससे आपका बढ़ा हुआ रक्तचाप काबू में आने लगेगा।

सूजन में राहत दिलाएं

भुट्टे को विरोधी भड़काऊ एजेंट (anti-inflammatory) गुणों के लिए जाना जाता है। पारंपरिक चिकित्सा अनुयायियों का मानना है कि इसका उपयोग गाउट और आर्थराइटिस के कारण आई सूजन संबंधी बीमारियों के कारण होने वाले दर्द को कम करने के लिए किया जा सकता है। कॉर्न सिल्‍क का मूत्रवर्धक गुण शरीर के जोड़ों में अतिरिक्त यूरिक एसिड गठन को रोकता है।

भुट्टे के रेशो की चाय का सेवन करने के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

ऐसा नहीं है कि भुट्टे के रेशों से बनी चाय से आपको केवल फायदा ही हो, इसके सेवन से आपको कई समस्याएं भी हो सकती है। ऐसा सिर्फ अधिक मात्रा में इसका सेवन करने के दौरान होता है। इसके सेवन के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चहिये -

  • गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से जितना हो सके बचना चाहिए, यह गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता। इसका सेवन करने से गर्भाशय उत्तेजित होने लगता है जिसके कारण गर्भपात होने का खतरा बन जाता है।
  • अगर कोई महिला स्तनपान कराती है तो उसको भी इसका सेवन नही करना चाहिए। इसका सेवन करने से उनके शिशु को आम समस्याएं हो सकती है।
  • अगर आप इस पेय का सेवन करते हैं तो आपको ज्यादा पेशाब आ सकता है, जो कि सामान्य बात है।
  • इसका सेवन करने के दौरान आप अधिक मीठा, डिब्बाबंद खाना, मांसाहार, शराब आदि का सेवन ना करे।

ध्यान दें, यह लेख किडनी को स्वस्थ रखने की दृष्टि से लिखा गया है। अगर आप किडनी से जुड़े किसी भी रोग से जूझ रहे हैं, तो आप इसका प्रयोग बिना चिकित्सक की सलाह के ना करे।  

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से आयुर्वेदिक किडनी उपचार करते आ रहे हैं,, इसकी स्थापना धवन परिवार द्वारा की गई थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे हैं, जिन्होंने ना केवल भारत बल्कि विश्व भर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही आपको बता दें की डॉ. पुनीत धवन ने 48 हजार से भी ज्यादा किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया है, वो भी आयुर्वेदिक किडनी डायलिसिस उपचार या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

लेख प्रकाशित

Scroll to up