आयुर्वेदिक उपचार तन-मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करता हैं। आयुर्वेद में न केवल उपचार होता हैं। बल्कि ये जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता हैं, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे तीनों मूल तत्वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती है, लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता हैं तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती हैं और आयुर्वेद में इन्ही तीनों तत्वों का संतुलन बनाया गया हैं।
किडनी कैसे काम करती हैं?
किडनी शरीर का एक जरूरी हिस्सा हैं जो हमारे शरीर में विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करती हैं। ये मुख्य अंग प्रणाली हैं जो रक्त से अतिरिक्त तरल पदार्थ और अपशिष्ट से छुटकारा पाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किडनी रीढ़ की हड्डी के दोनों किनारों पर निचले हिस्से में स्थित किडनी की प्रणाली के दो सेम आकार के अंग हैं किडनी की कार्यात्मक इकांइया नेफ्रोन हैं।
किडनी फेल्योर क्या हैं?
किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने का काम करती हैं। वह अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती हैं। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती हैं। वह अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करती हैं जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता हैं। साथ ही शरीर में किडनी का मुख्य रक्त को शुद्धिकरण करना हैं। जब बीमारी की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती हैं, जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं।
किडनी फेल्योर के लक्षण:
- शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
- उच्च रक्तचाप
- शरीर में रक्त की कमी
- पेशाब के साथ प्रोटीन पास होना
- पेशाब में रक्त का आना
- पेशाब करते वक्त जलन या दर्द होना
- भूख में कमी
- नींद न आना
किडनी फेल्योर का निदान
रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता की जानकारी मिलती हैं, क्योंकि किडनी की कार्यक्षमता शरीर की आवश्यकता से अधिक होती हैं, इसलिए अगर किडनी की बीमारी से थोड़ा भी नुकसान हो जाए, तो भी रक्त की जांच में कई त्रुटि देखने को नहीं मिलती हैं, लेकिन जब किसी रोग की वजह से दोनों किडनी 50% से अधिक खराब हो गई हो, तभी रक्त में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा से अधिक पाया जाता हैं।
किडनी फेल्योर उपचार के लिए मुजफ्फरनगर के बेस्ट आयुर्वेदिक उपचार
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा जो एक चमत्कार के रूप में साबित हुआ हैं। यह 1937 में दिल्ली में स्थापित किया गया था और जिसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेद दवाओं पर भरोसा किया जाता हैं। आयुर्वेद किडनी की सभी समस्याओं को ठीक करने में परिणाम सफल रहा हैं। किडनी फेल्योर के लिए मुजफ्फरनगर में बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। उन्होंने देश-विदेश से आए हजारों मरीजों को आयुर्वेद की मदद से किडनी रोग से मुक्त किया हैं। बता दें कि, डॉ. पुनीत 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को ठीक किया हैं वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। आयुर्वेदिक किडनी उपचार रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता हैं जिससे हमारी बॉडी पर किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।