मूत्र पथ संक्रमण या यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (UTI) पेशाब से जुड़ी एक ऐसी गंभीर बीमारी है जो की हर उम्र वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है और गंभीर समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है। काफी बार यह समस्या खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार इस समस्या से निजात पाने के लिए चिकित्सक के पास जाना पड़ता है। पर हम आपको यही सलाह देंगे कि आप इस समस्या के दौरान चिकित्सक के पास जरूर जाएं, क्योंकि उचित उपचार ना मिलने पर इसकी वजह से किडनी संक्रमित होने के साथ-साथ खराब भी हो सकती है। वयस्कों के मुकाबले यह गंभीर बीमारी बच्चों और महिलाओं में अधिक पाई जाती है। मामलों के अध्यन से यह जानकारी मिलती है कि इस गंभीर बीमारी की चपेट में विशेषकर 10 वर्ष से कम के बच्चें आते हैं, वहीं 8-9 प्रतिशत महिलाऐं और 5 प्रतिशत पुरुष इसकी चपेट में आते हैं।
मूत्र पथ संक्रमण होने के पीछे क्या कारण है?
मूत्र संकर्मण के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण है बैक्टीरिया यानि जीवाणु जो की बाहर से हमारे शरीर में प्रवेश करता है। मूत्र पथ संक्रमण के कारण निम्नलिखित है –
- लिंग, योनी या गुदा (anal) के रास्ते शरीर में ई-कोलाई जीवाणु का शरीर में प्रवेश करने की वजह से यह संक्रमण होता है।
- ज्यादा टाइट कपडें पहनने से मूत्र पथ संक्रमण होने का खतरा रहता है।
- किडनी में पथरी के कारण यह संक्रमण हो सकता है।
- लीवर से जुड़ी समस्या होने पर।
- ब्लैडर में आई सूजन के कारण मूत्र पथ संक्रमण हो सकता है।
- टॉयलेट सीट से भी मूत्र पथ संक्रमण हो सकता है, क्योंकि टॉयलेट सीट पर करोडो की संख्या में जीवाणु होते हैं जो शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
- अधिक देर तक पेशाब रोकने के कारण मूत्र पथ संक्रमण होता है।
- शरीर में पोटाशियम की कमी होने पर भी यह संक्रमण होता है।
- किसी कारण सर पर चोट लगने के कारण भी इस संक्रमण के होने की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन यह काफी गंभीर चोट लगने पर होता है।
- कम पानी पीने की आदत से व्यक्ति को निर्जलीकरण की समस्या हो जाती है और फिर मूत्र पथ संक्रमण।
- जरूरत से ज्यादा पानी पीने की आदत के चलते भी यह संक्रमण हो सकता है।
- इन मधुमेह से जुड़ी समस्याओं के कारण से भी मूत्र पथ संक्रमण हो सकता है – मधुमेह मेलिटस और मधुमेह इन्सिपिन्डस।
मूत्र पथ संक्रमण होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
अगर आपको मूत्र पथ संक्रमण हो जाता है तो आपको निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं। इन लक्षणों की पहचान कर आप मूत्र पथ संक्रमण की बीमारी की पहचान कर सकते हैं और समय रहते उपचार कर इससे छुटकारा पा सकते हैं।
- दिन भर में सामान्य से ज्यादा और बार-बार पेशाब करना
- पेशाब कम आना या पेशाब आना बंद होना
- पेशाब करते समय तेज़ दर्द महसूस होना
- हड्डियों से जुड़ी समस्याएँ होना
- दस्त लगाना
- दिन भर में कई बार उल्टियाँ होना
- मूत्र मार्ग में जलन के साथ दर्द होना
- पेट दर्द और जलन होने
- पेशाब के दौरान खून आना
- पेशाब के दौरान लिंग या योनी में दर्द महसूस होना
- लाल या केसरी रंग का पेशाब आना
- पेशाब के दौरान पीठ के निचले हिस्से और नाभि में तेज़ दर्द होना
- दुर्गन्ध वाला पेशाब
- गाढ़ा पेशाब आना (यह समस्या मधुमेह होने के दौरान भी हो सकती है)
- पेशाब की धार कमजोर होना
मूत्र पथ संक्रमण के दौरान इस तरह का आहार लेना होगा फायदेमंद
मूत्र पथ संक्रमण होने पर अकसर लोगो का यह सवाल रहता है कि इस गंभीर समस्या में हमें किस चीज़ का सेवन करना चाहिए और किस चीज़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इस संक्रमण के दौरान अगर रोगी अपने खान-पान का ध्यान रखे तो वह जल्द ही इस समस्या से छुटकारा पा सकता है, क्योंकि किसी भी रोग में रोगी का आहार औषधियों से ज्यादा असरदार होता है। मूत्र पथ संक्रमण के दौरान ऐसा रखे आहार :-
संक्रमण के दौरान इनका करे सेवन
मूत्र पथ संक्रमण के दौरान आप निम्नलिखित चीजों को आहार में अपनाकर इस बीमारी से निदान पा सकते हैं –
- कच्चे दूध की लस्सी : मूत्र पथ संक्रमण होने पर आप कच्चे दूध से बनी लस्सी में छोटी इलाइची का पावडर मिला कर सुबह-शाम पिये। इससे आपको जल्द ही आराम मिलने लगेगा और दवाओं के साथ भी इसका सेवन किया जा सकता है।
- नारियल का पानी : मूत्र पथ संक्रमण के दौरान नारियल का पानी पीने से जलन में राहत मिलती है। इसके अलावा यह शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है।
- चावल का मांढ : सुबह शाम आधा गिलास चावल के पानी में स्वादनुसार चीनी मिलकर पीने से पेशाब करते समय होने वाली जलन और दर्द में राहत मिलती है।
- पानी और बैकिंग सोडा : एक गिलास ठंडे पानी में एक छोटा चम्मच बैकिंग सोडा मिलाकर पीने से मूत्र पथ संक्रमण के दौरान बार-बार आने वाले पेशाब से राहत मिलती है, साथ ही जलन और दर्द में भी राहत मिलती है।
- गन्ने का रस : मूत्र पथ संक्रमण होने पर गन्ने का रस पीने से जीवाणु खत्म होते हैं। क्योंकि यह पेट साफ़ करने में मदद करता है।
- इस गंभीर संक्रमण के दौरान पेठा और आवंले का मुरब्बा का सेवन सुबह शाम सेवन करने से जलन और दर्द में राहत मिलती है। ध्यान दें, अगर रोगी को संक्रमण के साथ मधुमेह भी है तो इसका सेवन ना करें।
- सिट्रिक एसिड वाले फलों का सेवन करे। इसमें आप खट्टे फल, मौसमी और संतरे को आहार में अपना सकते हैं।
- जिन फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है उन्हें आहार में जरुर अपनाए। जैसे खीरा, खरबूजा, अनार, सेब, तरबूज, अंगूर आदि। आप ठंडे तासीर वाले फलों को आहार में शमिल करे।
- अधिक मात्रा में पानी पिये, लेकिन हो सके तो गुनगुना पानी ही लें।
- सब्जियों में आप गोभी, भिन्डी, तुरई, प्याज, लहसुन, हरा और साबुत धनिया, घिया, मूली, पालक, शलजम आदि को अपना सकते हैं।
- मूत्र पथ संक्रमण होने पर आप दही का सेवन जरुर करें। दही के अंदर प्रोबायोटिक होते हैं जो कि एक तरह का गुड बैक्टीरिया है। यह बैक्टीरिया शरीर में इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। मूत्र संक्रमण से निजात पाने और हमेशा दूर रहने के लिए दही जरुर खाएं।
- एक हफ्ते तक आधा कप अंगूर के जूस का सेवन करे। इससे पेशाब खुलकर आता है।
- दिन में दो बार मूली के रस का सेवन करे, यह प्राकृतिक मूत्रवर्धक है।
- मूत्र पथ संक्रमण होने पर करौंदे का सेवन करे, क्योंकि इसके अंदर हिप्यूरिक एसिड पाया जाता है। यह खास तत्व यूरिथ्रा (पेशाब की नली या रास्ता) में जीवाणुओ को आने से रोकता है साथ ही उन्हें खत्म भी करता है।
- शिमला मिर्च और मशरूम को आहार में शामिल करें।
- पत्ता गोभी और फूलगोभी का सेवन करे। इन दोनों के सेवन से पेशाब करने में कोई दिक्कत नहीं आती।
संक्रमण के दौरान इन चीजों का करे त्याग
मूत्र पथ संक्रमण के दौरान आपको क्या खाना चाहिए यह आपने ऊपर जाना। लेकिन अब हम आपको बताते हैं कि इस बीमारी के दौरान रोगी को किन चीजों का त्याग यानि परहेज करना चाहिए, जिससे यह रोग और ना बढ़ सके।
- चीनी से बने उत्पाद : मूत्र पथ संक्रमण के दौरान मीठी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। खास कर जिन चीजों के उत्पादन में चीनी का इस्तेमाल किया गया हो। चीनी खाने से मूत्र पथ संक्रमण के जीवाणु बड़ी तेज़ी से पनपने लगते हैं। ऐसे में आपको केक, बिस्कुट, कोल्डड्रिंक, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके अलावा रस दार मिथादियों के सेवन से भी परहेज करे। रोगी को केवल फलों से ही मीठे की पूर्ति करनी चाहिए।
- मिर्च और तेज मसालों वाले खाने का परहेज करे। इनके सेवन से जल्द और दर्द बढ़ सकता है।
- तेज मिर्च वाली चटनी, कच्चा आम, खटाई, हरी चटनी, गुड वाली मिठी चटनी का सेवन भी ना करे।
- गुड तासीर में गर्म होता है। इसलिए आप गुड और गुड से बनी चीजों का सेवन ना करे।
- कॉफ़ी और चाय का सेवन बिलकुल ना करे। कॉफ़ी के अंदर कैफीन पाया जाता है जो मूत्राशय में बेचैनी, खुजली आदि कर सकता है, इससे तेज़ दर्द भी हो सकता है।
- शराब का सेवन ना करे। इससे संक्रमित जगह सुन्न हो सकती है या फिर सूजन आ सकती है।
आहार के साथ इन बातों का भी रखे ख्याल
मूत्र पथ संक्रमण के दौरान रोगी को क्या खाना है और क्या नहीं इस बारे में आपने ऊपर विस्तार से जाना, लेकिन अब हम आपको खाने के अलावा कुछ और बाते बता रहे हैं। जिन्हें अपनाकर आप मूत्र पथ संक्रमण से जल्द छुटकारा पा सकते हैं।
- धुम्रपान ना करे।
- पेशाब को ना रोके। मूत्र पथ संक्रमण में ऐसा करने से आपकी किडनी खराब हो सकती है।
- पुरुष हस्तमैथुन ना करे, इससे लिंग पर दबाव पड़ता है और पेशाब होने में अवरोध होता है।
- गर्म जगह और धुप में ज्यादा देर ना रुके।
- संक्रमण होने पर आयुर्वेदिक उपचार अपनाएं, इससे आपको इससे बहुत जल्द से छुटकारा मिल जायगा।
कर्मा आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार
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