रोगी श्रीमती रीना देवी - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
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रोगी श्रीमती रीना देवी रांची, झारखण्ड की रहने वाली है। रीना देवी किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। किडनी फेल्योर के कारण इनकी हालत बहुत पीड़ादायक हो चली थी। उनकी दोनों ही किडनिया बिलकुल खराब हो चुकी थी। वह अपनी जिंदगी व्यतीत करने के लिए पूर्णतः दूसरों पर आश्रित हो चुकी थी। बिस्तर से उठने तक के लिए वह दूसरों की मदद लेती थी।

कर्मा आयुर्वेदा से उपचार से पहले

  • चलने-फिरने में सक्षम न होना
  • शरीर में कमजोरी
  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 7.8

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रीना देवी की हालत इतनी गंभीर थी की वह किसी ने की मदद के बिना अपने बिस्तर से उठ तक नहीं पाती थी। उन्हें अपने नित्यकर्म करने तक के लिए किसी अन्य की सहायता की जरूरत पद रही थी। लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से उपचार शुरू करने के बाद वह आराम से अपने घर के छोटे-मोठे काम करने में सक्षम हो चुकी है। उनके शरीर में बड़े सत्र पर बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने डायलिसिस करना भी बिलकुल बंद कर दिया है।

  • चलने-फिरने और रोजमर्रा के काम करने में कोई परेशानी नहीं है
  • क्रिएटिनिन स्तर – 3.4

विश्लेषण:

कर्मा आयुर्वेदा ने एक बार यह साबित किया है की आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का 100% उपचार किया जा सकता है। आयुर्वेदिक उपचार शुरू करने के बाद रोगी को डायलिसिस कराने की कोई आवश्यकता ही नहीं पड़ती। कर्मा आयुर्वेदा ने हजारों बार सिद्ध किया हैं कि किडनी इलाज संभव हैं। डॉ. पुनीत धवन ने यह फिर सिद्ध किया की क्रिएटिनिन स्तर कम किया जा सकता है।

किडनी हमारे शरीर का अभिन्न अंग है। इसके बिना शरीर का कोई भी अंग ठीक से अपना काम नहीं कर सकता। क्यूंकि किडनी हमारे शरीर में संतुलन बनाएं रखती है। किडनी फेल्योर एक खतरनाक बीमारी है जिसका समय रहते कर्मा आयुर्वेदा द्वारा आयुर्वेदिक उपचार शुरू न किया जाएं तो खतरा जान पर भी बन सकता है।

समय पर इलाज ना मिलने और इस रोग की कम जानकारी होने के कारण लाखों लोग अपनी जान से हाथ धों बैठते है। किडनी की बीमारी के लक्षण उस वक्त उभरकर सामने आती हैं, जब किडनी 60 से 65% डैमेज हो चुकी होती हैं, इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता हैं, इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना बेहद जरूरी होता हैं।

डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा द्वारा विश्व भर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज कर रहे है। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना 1937 में धवन परिवार द्वारा की गई थी। इस समय प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक  डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा का नेतृत्व कर रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से अब तक 35 हज़ार से बह ज्यादा रोगियों को रोग मुक्त क्या है।

 

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