विटामिन्स कैसे किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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विटामिन्स कैसे किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं?

मानव शरीर को ठीक से काम करने के लिए कम से कम 13 विटामिन की आवश्यकता होती है। आप संतुलित आहार का पालन कर इन विटामिनों की जरूरी मात्रा प्राप्त कर सकते हैं, हालांकि क्रोनिक  किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित लोग अक्सर अलग-अलग स्वास्थ्य कारणों के चलते सभी अनुशंसित विटामिन प्राप्त नहीं कर पाते हैं। सीकेडी वाले लोगों में कुछ पानी में घुलनशील विटामिनों की अधिक आवश्यकता होती है। विशेष तौर पर किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कुछ विशेष विटामिन की जरुरत होती है जोकि घुलनशील विटामिन होते हैं। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन बी 1, बी 2, बी 6, बी 12, फोलिक एसिड, नियासिन, पैंटोथेनिक एसिड, बायोटिन और विटामिन सी की एक छोटी सी खुराक की आवश्यकता होती है।

क्रोनिक किडनी रोगी को निम्नलिखित विटामिन्स को ग्रहण करना चाहिए

  • विटामिन A - सीकेडी रोगी को विटामिन A वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। यह कोशिकाओं और ऊतकों के विकास को बढ़ावा देता है साथ ही आपको किडनी संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
  • विटामिन D - अगर आप किडनी रोगी है तो आपके शरीर में विटामिन D की कमी हो सकती है। ऐसे में आपको ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए जिनसे आपको विटामिन D मिले। यह आपके शरीर को कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है। विटामिन D हड्डियों और दांतों को मजबूत करने में आपकी मदद करता है, इसकी मदद से आप  पैराथायराइड हार्मोन (PTH) को नियंत्रित कर सकते हैं। किडनी आपकी हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है, लेकिन किडनी खराब होने पर वह अपने इस कार्य को करने में असमर्थ हो जाती है।
  • विटामिन E - किडनी खराब होने पर दिल से जुड़ी कुछ बीमारियाँ होने का खतरा रहता है साथ ही आपको कैंसर का भी खतरा रहता है। ऐसे में आपको विटामिन E को ग्रहण करना चाहिए। विटामिन E आपके दिल को बीमार होने से बचाती है और कैंसर के खतरे को कम करने के लिए कोशिकाओं को ऑक्सीकरण और मुक्त कणों से बचाने में मदद करता है।
  • विटामिन K - किडनी खराब होने पर शरीर में विटामिन K की कमी के चलते आपकी हड्डियाँ काफी कमजोर होने लगती है। ऐसे में आपको विटामिन K वाली चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए, यह स्वस्थ हड्डियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण रक्त के थक्के प्रोटीन बनाने में मदद करता है।
  • विटामिन B1 (thiamin) - विटामिन B1 किडनी रोगी को स्वस्थ रखने में काफी मदद करता है। यह कोशिकाओं को कार्बोहाइड्रेट से ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करता है, तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने में मदद करता है।
  • विटामिन B2 (riboflavin) - अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई समस्या हैं तो आपको विटामिन B2 (riboflavin) वाली चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। यह कोशिकाओं को ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करता है, सामान्य दृष्टि और स्वस्थ त्वचा का समर्थन करता है।
  • नियासिन - मधुमेह किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। ऐसे में बहुत जरुरी हो जाता है कि किडनी रोगी अपने रक्त शर्करा के स्तर को काबू में करें ताकि उनकी किडनी स्वस्थ हो सके। ऐसे रोगी जिनकी किडनी मधुमेह के कारण खराब हुई है तो उनको अपने आहार में नियासिन वाले आहार का सेवन करना चाहिए। यह शरीर को शर्करा और फैटी एसिड का उपयोग करने में मदद करता है। कोशिकाओं को ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करता है, इसके साथ ही यह शरीर में एंजाइमों को कार्य करने में मदद करता है।
  • विटामिन B6 - कुछ लोगो को प्रोटीन लोस होने के कारण किडनी फेल्योर से जूझना पड़ता है। ऐसे में उनको विटामिन B6 वाली चीजों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। यह शरीर को प्रोटीन बनाने में मदद करता है, जो बाद में कोशिकाओं को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। विटामिन B6 लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में भी मदद करता है।
  • फोलेट - किडनी खराब होने पर कोशिकाएं मरने लगती है। ऐसे में आपको फोलेट वाली चीजों का सेवन करना चाहिए, यह नई कोशिकाओं के लिए डीएनए बनाने में मदद करता है; लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए विटामिन बी 12 के साथ काम करता है।
  • विटामिन B12 - विटामिन B12 किडनी रोगी के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह किडनी रोगी के शरीर में नए सेल बनाने में मदद करता है, तंत्रिका कोशिकाओं (Nerve cells ) को बनाए रखता है। इसके अलावा लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए फोलेट के साथ काम करता है।
  • विटामिन C - शरीर को लोहे को अवशोषित करने में मदद करता है; कोलेजन का निर्माण, लाल रक्त कोशिकाओं, हड्डियों और अन्य ऊतकों (Tissues) की मरम्मत और निर्माण; स्वस्थ मसूड़ों को बनाए रखता है और कटौती और घावों को ठीक करता है; प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखता है।
  • बायोटिन - बायोटिन किडनी रोगी के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। यह कोशिकाएं ऊर्जा का उत्पादन करने में मदद करती हैं और प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट को चयापचय करती हैं।
  • पैंटोथैनिक एसिड - हमारे शरीर को विटमिन के साथ साथ एसिड की जरुरत होती है। पैंटोथैनिक एसिड शरीर को ऊर्जा देने में मदद करता है और प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को सुधारने में मदद करता है।

किडनी खराब होने के कारण क्या है?

किडनी खराब होने के वैसे तो कई कारण हो सकते हैं, लेकिन किडनी खराब होने के निम्नलिखित बड़े कारण माने जाते हैं :-

  1. यदि कोई व्यक्ति लम्बे समय से उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहा है तो उसके किडनी खराब होने की समस्या हो सकती है। जिसके कारण उसका जीएफआर स्तर लगातर गिरता रहता है। रक्त में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, जिसके कारण किडनी के नेफ्रोन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब होना शुरू हो जाती है।
  2. मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाती है, शर्करा युक्त रक्त को शुद्ध करने पर किडनी के नेफ्रोन क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और इसी कारण पीड़ित का जीएफआर स्तर यानि किडनी की कार्यक्षमता कम होने लगती है।
  3. अगर आप दर्द निवारक दवाओं का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं, तो आपको सावधान रहने की जरुरत है। लम्बे समय तक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने से किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते किडनी की कार्यक्षमता कम होने लगती है।
  4. कुछ लोग दिन भर में बहुत कम पानी पीते हैं और समय के साथ कम पानी पीना उनकी आदत में शामिल हो जाता है। अगर आप दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी नहीं पियोगे तो आपको गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। कम पानी पीने से किडनी को रक्त शुद्ध करने समस्या होती है। जिसके कारण रक्त में मौजूद गंदगी आपके शरीर में ही रह जाएगी और आपका शरीर बीमारियों का घर बन जाएगा। ऐसा होने से किडनी की कार्यक्षमता काफी गिर जाती है।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में हुई थी। तभी से कर्मा आयुर्वेदा किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहा हैं। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन इसका नेतृत्व कर रहे हैं। आपको बता दें कि आयुर्वेद में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी की इलाज किया जाता है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा किडनी ठीक करने को लेकर चमत्कार के रूप में साबित हुआ हैं।

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