जब ब्लड का लेवल बढ़ने लगता है तो तब किडनी खराब होने लगती है। एक लेवल पार करने के बाद रोगी को डायलिसिस की जरूरत हो जाती है। इस बीमारी से बचने से पहले हमें ये जरूर जानलेना चाहिए कि सीरम क्रिएटिनिन है क्या? ये हमारे शरीर का रासायनिक अकार्बनिक तत्व है जो रक्त के द्वारा किडनी से फिल्टर पर पेशाब से बाहर निकाल देता हैं। ये रासायनिक तत्व सामान्य मांसपेशियों के ठीक से कार्य करने से क्रिएटिनिन का लेवल ठीक रहता है, लेकिन अगर ये ठीक ढ़ग से कार्य नहीं करें तो शरीर में इसकी वृद्धि हो जाती है। मतलब ब्लड में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ जाता है जो हमारे किडनी को खराब करने लगता है। अगर इसका लेवल 5 से ऊपर बढ़ने लगे तो डायलिसिस तक की नौबत आ जाती है। साथ ही ये शुगर और उच्च रक्तचाप के रोगी की किडनी को प्रभावित होता है। इसलिए इन रोगियों को हमेशा उच्च रक्तचाप और शुगर के लेवल सामान्य रखना चाहिए। “सीरम क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक उपचार”
बता दें कि, क्रिएटिनिन एक मेटाबॉलिक पदार्थ है जो आहार को एनर्जी में बदलने में सहायता करते समय टूट कर क्रिएटिनिन में बदल जाता है। साथ ही किडनी क्रिएटिनिन को छानकर बाहर निकाल देता है और उसके बाद वेस्ट पदार्थ को यूरीन के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है, लेकिन कुछ स्वास्थ्य संबंधित सम्सयाएं किडनी के इस कार्य में बाधा पंहुचाता है। जिसकी वजह से क्रिएटिनिन बाहर नहीं निकल पाता है और खून में इसका स्तर बढ़ने लगता है। वैसे क्रिएटिनिन का बड़ा हुआ स्तर किडनी संबंधित बीमारी सा समस्याओं की ओर इशारा करता है, लेकिन इसे आप ठीक कर सकते हैं जी हां, बस आपको आहार में परिवर्तन , जीवन शैली में कुछ बदलाव, आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन आदि से आप क्रिएटिनिन लेवल कम कर सकते हैं। “सीरम क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक उपचार”
शरीर में बढ़ते सीरम क्रिएटिनिन के संकेत:
- किडनी फंक्शन में खराबी आना
- भोजन में अधिक मात्रा में मांस खाना
- मांसपेशियों का अधिक बढ़ना
- एनाबोलिक स्टेरॉयड उपयोग करना “सीरम क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक उपचार”
सीरम क्रिएटिनिन के लक्षण:
सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट का आदेश निम्नलिखित लक्षणों के साथ रोगियों को दिया जाता है:
- हाथों और पैरों में सूजन आना
- पेशाब करने में कठिनाई होना और पेशाब झागदार होना या रक्त का आना
- पीठ दर्द होना
- उच्च रक्त चाप
- कुछ दवाओं के कारण गुर्दे के खराब होने के पक्ष के रूप में
निम्न कारकों के साथ रोगियों में यह भी आदेश दिया जाता है जो गुर्दा रोग के लिए नेतृत्व है :
- मधुमेह
- हृदय रोग
- मोटापा
- बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल
- उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
गुर्दे की बीमारी का पारिवारिक इतिहास “सीरम क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक उपचार”
सीरम क्रिएटिनिन के उपाय:
क्रिएटिनिन बढ़ने में नीम और पीपल का ये प्रयोग बहुत फायदेमंद है ये एक हफ्ते में बढ़ा हुआ क्रिएटिनिन कम सर सकता है।
सामग्री
नाम की छाल
पीपल की छाल
तीन गिलास पानी में 10 ग्राम नीम की छाल और 10 ग्राम पीपल की छाल को लेकर गर्म करें, आधा होने तक उबाल कर काढ़ा बना लें अब आप इस काढ़े को दिन में 3-4 भाग में बांट कर सेवन करें। बस इस प्रयोग को सिर्फ सात दिन तक करें आपका क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाएगा। “सीरम क्रिएटिनिन का आयुर्वेदिक उपचार”
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा, योग्य आयु्र्वेदचार्य डॉ. पुनीत धवन के मार्गदर्शन में गुर्दे की बीमारी के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायता प्रदान करती है। कर्मा आयुर्वेदा दवाओं ने किसी भी तरह साइड इफेक्ट्स के बिना डायलिसिस और आयुर्वेदिक किडनी उपचार से ठीक करती है|