स्वादिष्ट भिन्डी रखती है किडनी को स्वस्थ

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
स्वादिष्ट भिन्डी रखती है किडनी को स्वस्थ

हरी सब्जियों की बात करे तो उसमे भिन्डी सबसे खास सब्जी मानी जाती है, क्योंकि अक्सर बाकि सभी हरी सब्जियों को खाने में लोक आनाकानी करते हैं. लेकिन भिन्डी को सभी लोग खाना पसंद करते हैं, आप इसे कई प्रकार से पका कर खा सकते हैं जैसे सब्जी बना कर, भरवा भिन्डी के रूप में, कुरकुरी भिन्डी, भिन्डी के चिप्स आदि। भिन्डी का अगर कोई खास गुण देखा जाए तो वो यह है कि भिन्डी अपने चाहे किसी भी रूप में हो वह अपने पोषक तत्व कभी नहीं खोती।

भिन्डी में कौन-कौन से पौषक तत्व मिलते हैं?

भिन्डी जिसे ओकरा या फिर लेडी फिंगर के नाम से भी जाना जाता है यह अपने अंदर कई प्रकार के पोषक तत्वों को समाहित रखती है। भिन्डी के अंदर आपको विटामिन A, विटमिन C, और विटामिन E जैसे जैसे खास पौषक तत्व मात्रा में मिलते हैं। इसके आलावा भिन्डी में मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, कैल्शियम के साथ फाइबर भी काफी मात्रा में मिलता है। भिन्डी के यह सभी पौषक तत्व हमारे शरीर और किडनी के लिए काफी फायदेमंद होते हैं, जो कि किडनी को स्वस्थ रखते हैं और उसे खराब होने से भी बचाते हैं।

किडनी को रोगों से कैसे दूर रखती है भिन्डी?

अभी तक बहुत ही कम लोगो को इस बारे में जानकारी होगी कि साधारण सी भिन्डी किडनी को स्वत रखने में काफी मददगार होती है. भिन्डी हमारी किडनी को कई तरह से स्वस्थ रखने में मदद करती है। भिन्डी हमें अन्य कई रोगों के साथ-साथ कुछ ऐसे रोगों से बचाती है जिनकी चपेट में आने से हमारी किडनी खराब हो सकती है। आपको बता दें कि किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरिये बहार निकालने का एक महत्वपूर्ण कार्य करती है। ऐसा करने से किडनी हमारे शरीर में सभी अंगों के बीच संतुलन बनाएं रखती है। एक बार किडनी खराब हो जाने के बाद उसे ठीक करना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से और सिमित मात्रा में भिन्डी खाते हैं तो आपकी किडनी स्वस्थ बनी रहती है और उसकी खराब होने की आशंका काफी कम भी हो जाती है, तो चलिए जानते हैं आखिर भिन्डी की मदद से कैसे हम अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं।

  • मधुमेह से रखे दूर – भिन्डी के अंदर युगेनाल नाम का एक तत्व पाया जाता है जो मधुमेह को कम करने में हमारी मदद करता है। वैसे तो यह हमारे शरीर में भी मौजूद होता है लेकिन ना के बराबर। इसके आलवा भिन्डी में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है जो शरीर में इन्सुलिन बढ़ने में मदद करता है। और इन्सुलिन रक्त में शर्करा को कम करता है। तो आपको सप्ताह में कम से कम डॉ बार भिन्डी जरुर खानी चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप काबू में लाए – भिन्डी के अंदरपोटैशियम तो होता ही इसके अलावा और कई ऐसे खनिज और पोषक तत्व मिलते हैं जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में लाने में मददगार होते हैं। पोटैशियम रक्त प्रवाह को संचालित करने और रक्त दबाव को कम करने में सहायता प्रदान करता है। साथ ही पोटैशियम सोडियम को भी कम करने में मदद करता है। और आपको बता दें कि सोडियम के कारण ही रक्तचाप बढ़ता है। बता दें कि किडनी फेल्योर के मरीजों का रक्तचाप बड़ा हुआ रहता है। जिसे काबू में करना बहुत मुश्किल होता है।
  • हृदय स्वस्थ रखे –भिन्डी हमारेहृदय को भी स्वस्थ रखने में काफी कारगर है। दरअसल भिन्डी में पैक्टिन नाम का एक पोषक तत्व मिलता है जो खराब कोलेस्ट्रोल को खत्म करने में काफी असरदार होता है। इसके अलावा भिन्डी में घुलनशील फाइबर भी काफी मात्रा में होता है जो शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को नष्ट करने में मदद करता है। जिक्से कारण हमारे हृदय में रक्त प्रवाह की कोई कठिनाई नहीं होती और हमारा हृदय स्वस्थ रहता है।
  • पाचन सुधारे –जैसा की आप सभी जानते हैं की भिन्डी फाइबर की कोई कमी नही होती। फाइबर हमारे खाने को जल्द पचाने में हमारी मदद करता है। जिससे हमारे पाचन तन्त्र को अपनी क्षमता से कम काम करना पड़ता है और हमारा पाचन तन्त्र ठीक रहता है। नियमित रूप से भिन्डी खाने से आपकी आंतें भी ठीक रहती है इसके अलावा आपको पेट से जुड़े सभी विकारों से मुक्ति मिलती है।
  • हड्डियाँ मजबूत करे –जब आप भिन्डी को काटते हैं तो उसके अंदर से एक लसलसा सा पदार्थ निकलता है, जो पकने के बाद भी मौजूद रहता है। लोगो को यह बिलकुल पसंद नही आता। लेकिन आपको बता दें कि यह लसलसा पदार्थ आपकी हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मदद करती है। इसके साथ भिन्डी में कैल्सियम भी पाया जाता है, यह भी हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। आपको बता दें कि हमारी किडनी हड्डियों को मजबूती देने का काम करती है।
  • वजन कम करे –एक बार शरीर मोटापे का शिकार हो जाएं तो समझ लीजिये आप कई बीमारियों की चपेट में आने वाले है। मोटापा एक ऐसी बीमारी है जो कभी अकेले नहीं रहती, मोटापे के दौरान आपका शरीर कई बिमारियों का घर बन जाता है। लेकिन हम भिन्डी की मदद से अप्बे बढे हुए वजन को कम कर सकते हैं। भिन्डी में फाइबर होता है जो पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में जमा बेकार वसा को खत्म कर्ण एमे मदद करता है। यदि आपके शरीर में फल्त्रू वसा ही नहीं रहेगा तो आपका शरीर मोटा भी नहीं रहेगा।

क्या भिन्डी से सावधानियां भी रखनी चाहिए?

भिन्डी के प्रति हमे कुछ सावधानियों का ख्याल जरूर रखना चाहिए। जो निम्नलिखित है –

  • यदि आप किडनी स्टोन के मरीज है तो भिन्डी का प्रयोग न करे।
  • अगर आपको बाय की समस्या है तो बिंदी का सेवन सिमित मात्रा में ही करे। क्योंकि भिन्डी में ऑक्सेलिक एसिड होता है जो जोड़ो में दर्द का कारक होता है।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा कई दशकों से किडनी फेल्योर का इलाज को रोगमुक्त कर रहा है। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। तभी से यह किडनी रोगियों का इलाज को केवल आयुर्वेद की मदद से रोगमुक्त कर रहा है। वर्तमान समय में कर्मा आयुर्वेदा की नेतृत्व प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यह डॉ. पुनीत धवन ने ना केवल भारत बल्कि विश्व भर में किडनी फेल्योर के रोगियों का आयुर्वेदिक तरीके से उपचार उन्हें इस जानलेवा बीमारी से निदान दिलाया है। डॉ. पुनीत धवन एक जाने माने आयुर्वेदिक चिकित्सक है। इन्होने अब तक 35 हज़ार से भी ज्यादा लोगो की खराब किडनी को ठीक किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेद में बिना आयुर्वेदिक किडनी डायलिसिस उपचार और किडनी प्रत्यारोपण के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है। आपको बता दें की धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है जो कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है।

लेख प्रकाशित