किडनी फेल्योर के लिए हनुमानगढ़ के बेस्ट अस्पताल हैं कर्मा आयुर्वेदा। जो देश-विदेशों में किडनी मरीजों का इलाज करते आ रहे हैं और इन किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की भी सलाह देते हैं। साथ ही उनके किडनी रोग को भी जड़ से खत्म कर देते हैं। जी हां, जब किडनी काम करना बंद कर देती हैं तब शरीर में कई लक्षण उत्पन्न होते हैं, लेकिन कुछ लक्षणों में से कई लक्षण बहुत अस्पष्ट होते हैं। ये लक्षण इतनी धीमी गति से बढ़ते हैं कि रोगी अक्सर इनकी तरफ ध्यान ही नहीं दे पाते हैं और सही समय पर समुचित इलाज नहीं हो पाते है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉक्टर पुनीत धवन से जानते हैं। किडनी फेल होने के लक्षणों और पहचान करने के तरीकों के बारे में।
किडनी फेल्योर कारण:
- आपकी स्थिति ऐसी हैं, जो आपकी किडनी में होने वाले रक्त प्रवाह को धीमी कर देती हैं।
- आप किडनी में होने वाली क्षति को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करते हैं।
- आपकी किडनी पेशाब निकासी नलियां अवरूद्ध हो जाती हैं और अपशिष्ट आपके मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर नहीं निकल पाता हैं।
उपरोक्त तीनों में से प्रत्येक के लिए निम्न कारण उत्तरदायी हैं –
- रक्त या तरल की हानि
- रक्तचाप की दवाएं
- दिल का दौरा
- ह्रदय रोग
- इंफेक्शन
- लिवर फेलियर
- एस्पिरीन, इबुप्रोफेन
- गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया
- गंभीर जलन
- गंभीर निर्जलीकरण
किडनी में पेशाब का अवरूद्ध होना
- मूत्राशय कैंसर
- मूत्र पथ में रक्त के थक्के
- ग्रीवा कैंसर
- कोलन कैंसर
- बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि
- किडनी की पथरी
- मूत्राशय को नियंत्रित करने वाली नसों से संबंधित तंत्रिका क्षति
किडनी फेल्योर का खतरा कब बढ़ जाता हैं?
- बढ़ती उम्र
- आपकी बाजुओं या पैरों की रक्त वाहिकाओं में रूकावट
- मधुमेह
- उच्च रक्तचाप
- ह्रदय की विफलता
- किडनी की बीमारियां
- लिवर के रोग
किडनी फेल्योर के लक्षण:
किडनी फेल्योर के संकेत और लक्षण केवल तब दिखाई नहीं देते हैं जब तब बीमारी बढ़ नहीं जाती। एक बार जब किडनी गंभीर रूप से खराब हो जाती हैं तो वे अपने आप में संकेत बन जाती हैं जैसे –
- अचानक वजन कम होना
- चेहरे, पैरों और एडियों में सूजन
- आंखों के चारों ओर सूजन
- सांस लेने में परेशानी
- शरीर में सुस्ती महूसस होना
- हड्डियों और जोड़ो में दर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- पेशाब में प्रोटीन आना
- पेशाब बार-बार आना
- उल्टी होना
- जी मिचलाना
- शरीर में रक्त की कमी
किडनी फेल्योर आयुर्वेदिक उपचार
आयुर्वेदिक उपचार किडनी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में सफल रहा हैं वो भी डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना। किडनी फेल्योर के लिए सूजन में आयुर्वेदिक डॉक्टर में से एक हैं डॉ. पुनीत धवन। ये एशिया के सबसे अच्छे स्वास्थ्य क्लिनिक कर्मा आयुर्वेदा के प्रमुख हैं। उन्होंने देश-विदेश से आए हजारों किडनी रोगियों को आयुर्वेदिक दवाओं और प्रक्रियाओं के साथ ठीक किया जाता हैं और किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की सलाह भी दी जाती हैं। साथ ही आयुर्वेद का उपयोग पूर्व-एतिहासिक तकनीकों के साथ किया जाता हैं। विश्व प्रमुख किडनी सेंटर में से एक कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल हैं। ये 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। यहां सिर्फ ओर सिर्फ आयुर्वेदिक हर्बल दवाईयों के द्वारा रोगियों को ठीक किया जाता हैं। ये 100% नेचुरल है और इन आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं ये एकदम प्राकृतिक इलाज है।