आयुर्वेद आपकी किडनी को ठीक करने में सहायक है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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आयुर्वेद आपकी किडनी को ठीक करने में सहायक है?

किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग होता है, अगर वह कम करना बंद कर दें तो हमारी जान को जोखिम हो सकता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी के कारण बहुत से व्यक्ति अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, जिस कारण वह बार-बार बीमार होते रहते हैं। यह एक तरह की चेतावनी होती है कि आने वाले समय में उन्हें कोई बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। एक इंसान के शरीर में जिस तरह 70% पानी होता है और उसे बनाए रखने के लिए इंसान को पूरे दिन में कम से कम 8 से 10 लीटर पानी पीना ज़रूरी होता है, जिससे हमारे शरीर में होने वाली प्रक्रिया सही से काम कर सकें। उसी प्रकार हमारे शरीर में सभी अंगों की एक खास विशेषता होती है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण अंग किडनी है जो हमारे शरीर में खून की सफाई का कार्य करती है।

किडनी हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के ज़रिए बाहर निकलने में मदद करती है। यदि किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या हो जाए तो उस व्यक्ति का जीवन मानो संकट में आ जाता है, उसे बहुत-सी समस्याओं का को झेलना पड़ता है साथ ही मरीज के परिवार को कई परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। किडनी से जुड़ी कई तरह की बीमारी हो सकती है जिसकी वजह से आपकी जान जाने का खतरा भी बन सकता है।

 किडनी खराब होने के कुछ लक्षण-

  • किडनी में इन्फेक्शन होना
  • मतली या उल्टी होना
  • थकान और कमजोरी महसूस होना
  • पेशाब में परिवर्तन होना
  • उच्च रक्तचाप
  • सीने में दर्द होना
  • सांस लेने में कठिनाई या तकलीफ होना
  • पेशाब करने में दिक्कत आना
  • शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आना
  • बुखार और कंपकंपी महसूस होना
  • पेशाब में खून और प्रोटीन का आना
  • अचानक ही बेहोश होना
  • पेशाब में से बदबू आना
  • पेट दर्द होना
  • नींद का ना आना या नींद की कमी होना
  • कमर दर्द होना, आदि

आयुर्वेद आपकी किडनी को ठीक करने में कैसे सहायक है? 

इस बात से आप सभी वाकिफ होंगे कि ‘भारत’ वो देश है जहाँ आयुर्वेद ने जन्म लिया था या कहे की आयुर्वेद का जन्म हुआ था। आज के समय में लगभग सभी लोग आयुर्वेद का इस्तेमाल किसी न किसी बीमारी में करते ही है चाहे वह बीमारी छोटी-मोटी सर्दी-जुकाम हो या कोई गंभीर बीमारी क्यों न हो। आयुर्वेद के ज़रिए हर बीमारी का इलाज संभव है। आयुर्वेद उपचार या दवाओं के इस्तेमाल से आपको किसी भी तरह का कोई साइड-इफ़ेक्ट यानि दुष्प्रभाव नहीं होता और साथ ही शरीर में छुपी कई अन्य बीमारियां को भी ठीक कर देता है। आयुर्वेद एक प्राकृतिक उपचार है जो बेशक लंबे समय तक चलता है लेकिन यह बीमारी को जड़ से खत्म करने में विश्वास करता है और इंसान को एक नयी जिंदगी जीने का अवसर देता है।

आयुर्वेद प्राकृतिक तरीके से किडनी की समस्या को ठीक करता है। आयुर्वेद में जड़ी-बूटी से उपचार, आहार और योग की सलाह दी जाती है। अगर किसी भी व्यक्ति को किडनी की कोई भी समस्या है तो आयुर्वेद ही एकमात्र सफल इलाज है। आयुर्वेद में छुपी ताकत का अंदाज़ा कोई भी नहीं लगा सकता है क्योंकि आयुर्वेद लगभग पांच हज़ार साल पुराना वेद है। आयुर्वेद के बारे में जितना जानना चाहे उतना ही कम है। आयुर्वेद में योग का भी एक महत्वपूर्ण अंश है, आप अपने जीवन में योग को आज ही शामिल कर, शरीर में होने वाली हलचल या गड़बड़ी को ठीक कर सकते हैं। योग डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी कई अन्य समस्या को कण्ट्रोल में मदद करता है साथ ही जड़ से खत्म कर एक स्वस्थ जीवन की राह दिखाता है। अगर डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी कई बीमारियां कण्ट्रोल में रहने लगे तो आप किडनी की समस्या से भी कई दूर रह सकते हैं।

आयुर्वेद में किडनी के इलाज के लिए कौन-सी जड़ी-बूटी शामिल है?

आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के इस्तेमाल से किडनी का इलाज किया जाता है। किडनी के रोगियों के लिए यह किसी चमत्कारी औषधियों से कम नहीं मानी जाती है। इन औषधि में शमिल है-

  • कासनी- कासनी एक बारहमासी पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम सिकोरियम इंट्यूबस है। भारत में यह औषधि चिकोरी के नाम से भी लोगों में जानी जाती है। इसके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है, जैसे कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को रोकने में मदद करना, किडनी खराब होने के कारण पैरों में आनी वाली सूजन, मोटापा कम करने में सहयोग देना, दिल के रोगियों के लिए भी यह फायदेमंद साबित हुई है।
  • चंद्रप्रभा वटी- अगर किसी व्यक्ति को किडनी की कोई भी समस्या होने की वजह से मरीज की किडनी खून को साफ नहीं कर पाती है और शरीर में विषैले पदार्थ बढ़ जाते हैं। चंद्रप्रभा वटी के सेवन से विषैले पदार्थ बाहर निकलने लग जाते हैं और किडनी स्वस्थ होने लगती है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से मरीज के शरीर से दूषित पदार्थ धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं और खून भी साफ हो जाता है।
  • गोरखमुंडी- यदि किसी को किडनी का इन्फेक्शन है या पेशाब के लिए बार-बार जाना पड़ता है, पेशाब मे जलन या पेशाब मे खून आता है तो उसके लिए यह बहुत लाभदायक है।
  • वरुण- यह प्राकृतिक रूप से किडनी के स्टोन की समस्या को ठीक करता है साथ ही अन्य किडनी से जुडी बिमारियों को ठीक करने में मददगार है। यह खून को साफ करता है और यूरिन चैनल फंक्शन को मजबूत बनाता है।
  • पुनर्नवा- इसका वैज्ञानिक नाम बोरहैविया डिफ्यूजा है। यह सभी जानते हैं कि किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है और पुनर्नवा ही ऐसी जड़ी-बूटी हैं, जो किडनी की सफाई का कार्य करती है।

इनके सिवा भी कई जड़ी-बूटी होती है जिनके इस्तेमाल से किडनी रोगियों के लिए दवाई बनाई जाती है। हर व्यक्ति को अलग तरीके की दवाई दी जाती है जिसके लिए एक आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट की जानकारी में ही इन जड़ी-बूटी से बनाई हुई दवाईयों का सेवन करना चाहिए।

 कुछ खास जानकरी-

हम कुछ बातों को ध्यान में रखकर और घर में मौजूद कुछ आसानी से मिलने वाली चीजों के सेवन से भी किडनी की समस्या से बच सकते हैं। घर में मिलने वाली चीजों का इस्तेमाल करना भी एक प्राकृतिक उपचार ही माना जाता है, जिसे हम आयुर्वेदिक तरीका मान सकते हैं। अब जानते हैं कि घर में वो कौन-सी चीज़े है जिनके सेवन से हम किडनी समस्या से बचाव कर सकते हैं-

बेकिंग सोडा

ब्रिटिश शोधकर्ताओं के मुताबिक सोडियम बाइकार्बोनेट किडनी की समस्या से बचाव करने के लिए फायदेमंद है। बेकिंग सोडा की मदद से किडनी की समस्या की गति को कम किया जा सकता है। बेकिंग सोडा के इस्तेमाल करने से रक्त में होने वाली एसिडिटी की समस्या को खत्म किया जा सकता है जो कि किडनी समस्याओं का एक मुख्य कारण है।

सब्जियों के रस

किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं रोगी गाजर, खीरा, पत्तागोभी तथा लौकी के रस का सेवन कर सकते हैं, ये किडनी की समस्या में आराम दिलाता है। रोजाना इन रस का सेवन करने से आपकी किडनी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इन जूस का सेवन आप सुबह-शाम कर सकते हैं।

नमक की मात्रा का सेवन कम करें

आप सभी जानते हैं कि हमारी किडनी के लिए सोडियम कितना नुकसानदायक है। किडनी की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने आहार में नमक के सेवन पर खास ध्यान देना चाहिए। अगर आप किडनी की किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको अपने भोजन में नमक व प्रोटीन की मात्रा को कम से कम ही रखना चाहिए। भोजन में नमक और प्रोटीन का इस्तेमाल करने से किडनी पर पड़ने वाला दबाव भी कम हो जाएगा, जिससे किडनी खराब होने का खतरा भी कम हो जाएगा।

मुनक्के के पानी का सेवन

आप रात के समय कुछ मुनक्कों को पानी में भिगोकर छोड़े दें और फिर सुबह उन मुनक्के के पानी को छानकर पी लें। इस प्रक्रिया को रोज कुछ दिनों तक लगातार कीजिए, ऐसा करने से किडनी की समस्या से जल्दी ही छुटकारा पाया जा सकता है।

ज्यादा पानी का सेवन करें

यह बात सभी जानते हैं कि पानी हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है और हम जितना ज्यादा पानी का सेवन करेंगे उतना ही हमारा शरीर बीमारियों से दूर रहेगा। पानी को एक साथ ज्यादा नही पीया जा सकता इसलिए आप थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पी सकते हैं। ज्यादा पानी पीने से खून में मौजूद सभी व्यर्थ पदार्थ यूरीन के जरिए बाहर निकल जाते हैं और किडनी की सभी समस्या से बचा जा सकता है। साधारण पानी ज्यादा नहीं पीया जा सकता है इसलिए आप नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं। नींबू पानी पीने से शरीर में विटामिन C और पानी दोनों की ही कमी नहीं होगी।

 आयुर्वेदिक उपचार केंद्र

वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया कर्मा आयुर्वेदा किडनी से जुड़ी हर समस्या का इलाज करता है जिसका आज के समय में संचालन धवन परिवार की पाचंवी पीढ़ी के डॉ. पुनीत धवन द्वारा किया जा रहा है। कर्मा आयुर्वेदा के ज़रिए डॉ. पुनीत धवन ने हर साल कई हजारों किडनी रोगियों का इलाज कर, उन्हें एक नया जीवनदान दिया है।

यह बात सब ने ही सुनी होगी कि आयुर्वेद के ज़रिए किसी भी बीमारी का इलाज संभव है, उसी प्रकार कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल की मदद से किसी भी प्रकार की किडनी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि का ही इस्तेमाल करता है और आयुर्वेद पर ही विश्वास करता है। अब तक, कर्मा आयुर्वेदा ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी के रोग से मुक्त किया है, वो भी किसी डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना। यहां किडनी रोगियों को आयुर्वेदिक दवाओं के साथ एक उचित आहार के बारे में भी बताया जाता है।

अगर आपके जानकरी में कोई किडनी रोग से जूझ रहा है तो आप उन्हें आयुर्वेदिक उपचार की सलाह दे, जिससे उनकी समस्या जड़ से खत्म की जा सके क्योंकि एलोपैथिक उपचार में एक समय के बाद मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट से गुजरना पड़ता है। यह दोनों ही प्रक्रिया बहुत दर्दनाक है और इनका साइड-इफ़ेक्ट भी हो सकता है साथ ही व्यक्ति की जान को जोखिम हो सकता है। सबसे बेहतरीन बात यह की आयुर्वेदिक दवाओं से किसी भी तरह का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। यदि आप या आपके किसी जानने वाले को डायलिसिस जैसे दर्दनाक उपचार से गुज़रना पड़ रहा है तो कर्मा आयुर्वेदा से उचित सलाह लेकर एक रोगमुक्त जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

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