आयुर्वेद द्वारा क्रिएटिनिन को कैसे कम करें

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
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आयुर्वेदिक उपचार तन-मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करता हैं। आयुर्वेद में न केवल उपचार ही नहीं होता बल्कि ये जीवन जीने का ऐसी तरीका सिखाता है, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता है। आयुर्वेद में शरीर में वात, पित और कफ जैसे तीनों मूल तत्वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती हैं, लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता हैं, तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है और आयुर्वेद में इन्हीं तीनों तत्वों का संतुलन बनाया जाता हैं। आयुर्वेदिक उपचार से हर रोग को जड़ से खत्म किया जाता हैं। साथ ही हर डॉक्टर का यहीं कहना है कि क्रिएटिनिन लेवल कम नहीं होता वह बढ़ता चला जाता हैं, लेकिन आयुर्वेद के द्वारा क्रिएटिनिन ले को कम किया जा सकता हैं।

क्रिएटिनिन लेवल

क्रिएटिनिन का बड़ा हुआ लेवल किडनी संबंधित बीमारी या समस्याओं की ओर इशारा करता हैं। क्रिएटिनिन हर व्यक्ति के खून में पाया जाने वाला रद्दी उत्पाद होता हैं। सामान्य स्थिति में आपकी किडनी को इसे छानकर आपके शरीर से बाहर निकाल देना चाहिए, लेकिन कुछ स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं किडनी के इस कार्य में बाधा पंहुचाती हैं जिसके कारण क्रिएटिनिन बाहर नहीं निकल पाता हैं और खून में इसका स्तर बढ़ने लगता हैं। ऐसे बहुत से तरीके हैं जिसे आहार में परिवर्तन करने, जीवन में कुछ बदलाव करके और आयुर्वेदिक दवाओं से जिनसे आप अपने बढ़े हुए क्रिएटिनिन लेवल को घटा सकते हैं।

क्रिएटिनिन की जांच

क्रिएटिनिन जांच से यह पता चलता है कि आपके रक्त में कितनी मात्रा में क्रिएटिनिन उपस्थित हैं।

  • डॉक्टर के द्वारा क्रिएटिनिन क्लियरेन्स टेस्ट करवाया जा सकता हैं जो ये बताता हैं कि आपके पेशाब में किडनी मात्रा में क्रिएटिनिन हैं। क्रिएटिनिन की मात्रा आपके रक्त में कम और पेशाब में ज्यादा होनी चाहिए।
  • इस तरह के जांच आपके किडनी के स्वास्थ्य की मात्रा एक छायाचित्र दिखाता हैं। ये जांच परिणाम पिछले 24 घंटे में एक बार लिए रक्त और पेशाब में नमूने में उपस्थित, क्रिएटिनिन की मात्रा को दर्शाते हैं।

क्रिएटिनिन की जाँच से यह पता चलता है कि आपके रक्त में कितनी मात्रा में क्रिएटिनिन उपस्थित है।

आपके डाक्टर द्वारा क्रिएटिनिन क्लियरेन्स टेस्ट (creatinine clearance test) करवाया जा सकता है जो यह बताता है कि आपके मूत्र में कितनी मात्रा में क्रिएटिनिन है। क्रिएटिनिन की मात्रा आपके रक्त में कम और मूत्र में अधिक होना चाहिये।

इस तरह के जाँच आपके किडनी के स्वास्थ्य का मात्र एक छाया-चित्र (snapshot) दिखाते हैं। ये जाँच परिणाम, पिछले 24 घण्टे में एक बार लिये गये रक्त और मूत्र के नमूने में उपस्थित, क्रिएटिनिन की मात्रा को दर्शाते हैं।

क्रिएटिनिन जांच का विश्लेषण

क्रिएटिनिन लेवल की नॉर्मल रेंज इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप कौन हैं, एक वयस्क पुरूष, वयस्क महिला, टीनेजर या बच्चा। आप में क्रिएटिनिन की मात्रा कितनी होनी चाहिए ये इस बात पर भी निर्भर करता हैं कि, आपकी उम्र कितनी है और आकार कितना बड़ी है, लेकिन कुछ साधारण रेन्ज हैं जिसमें आपको रहना चाहिए।

नॉर्मल ब्लड क्रिएटिनिन लेवल इस प्रकार हैं:

  • पुरूष - 0.6 to 2 mg/dL; 53 to 106 mcmol/L
  • महिला - 0.5 to 1 mg/dL; 44 to 97 mcmol/L
  • टीनेजर्स - 0.5 to 0 mg/dL
  • बच्चें - 0.3 to 7 mg/dL

नॉर्मल पेशाब क्रिएटिनिन लेवल इस प्रकार हैं:

  • पुरूष - 107 to 139 mL/min; 8 to 2.3 mL/sec
  • महिला - 87 to 107 mL/min; 5 to 1.8 mL/sec

40 वर्ष से ऊपर के किसी भी व्यक्ति के लिए प्रत्येक 10 वर्ष की वृद्धि के बाद लेवस को 6.5 mL/min की दर से घटना चाहिए।

आयुर्वेद द्वारा क्रिएटिनिन को कम कैसे करें

भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा। यहां आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों वाली दवाओं से किडनी फेल्योर रोगियों का इलाद किया जाता हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। वह 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं और अपने मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। आयुर्वेदिक दवा 100% प्राकृतिक और नेचुरल होती हैं। जिससे रोगियों को किडनी में जल्द ही आराम मिलना शरू हो जाता हैं। उन्हें डायलिसिस की जरूरत भी नहीं पड़ती हैं।

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