आलूबुखारा द्वारा रोगों का उपचार

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191

लगभग टमाटर की तरह दिखाई देने वाला एक फल है "आलूबुख़ार"। अपने महरून राग के कारण यह टमाटर की भांति दिखाई देता है। खाने में स्वादिष्ट खट्टा- मीठा लगने वाला यह रेशेदार फल एक मौसमी फल है, जो गर्मियों के मौसम आता है। इसकी खेती भारत में कम की जाती है।  यह भारत में अफगनिस्तान आयात किया जाता है, क्यूंकि वह की जलवायु लगभग भारत की जलवायु जैसी ही है। यह रेशेदार फल जितना ही खट्टा - मीठा है उतना ही गुणकारी भी है, इसे खाने से हम कई रोगो को खुद से दूर रख सकते है।

क्या है आलूबुखारे में?

आलूबुखारा गुणों की खान है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है। जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी है। कच्चे प्लम 87% पानी, 11% कार्बोहाइड्रेट, 1% प्रोटीन और 1% वसा (टेबल) से कम हैं। 100 ग्राम की मात्रा में, कच्चे प्लम 46 कैलोरी की आपूर्ति करते हैं और केवल विटामिन सी (12% दैनिक मूल्य) का एक मध्यम स्रोत है, जिसमें महत्वपूर्ण सामग्री (तालिका) में कोई अन्य पोषक तत्व नहीं होते हैं।

इसके साथ सूखे आलूबुखारे कई और प्रकार के गुण पाए जाते है। आलूबुखारे को सुखाने के बाद इसमें में कैलोरीज  67, Carbs 18 ग्राम,फाइबर 2 ग्राम, शुगर्स 11 ग्राम, विटामिन A  4% , विटामिन K 21% , विटामिन B2 3%, विटामिन B3 3%, विटामिन B6 3%, पोटैशियम 6%, कॉपर 4% , मैंगनीज 4% , मैग्नीशियम 3%, फॉस्फोरस 2% पाया जाता है।

कितना उपयोगी आलू बुखारा :-

आलूबुखारा हमारी कई रोगो से रक्षा करता है। इसके सेवन से हाई ब्‍लड़ प्रेशर, स्‍ट्रोक आदि का खतरा कम हो जाता है और शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ती है। आलूबुखारे में कई तरह के विटामिन और मिनरल पाएं जाने के कारण यह हमारे शरीर के आवश्‍यक विटामिन और मिनरल की पूर्ति करता है।

आलूबुखारा आपके शरीर के वजन को संतुलित बनाए रखने और मधुमेह के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। आलूबुखारा के फायदे सिर्फ इतने ही नहीं है बल्कि यह शरीर के कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने और रक्‍त परिसं‍चरण की गुणवत्‍ता को बढ़ाने में भी सहायक होता है। इस फल का उपयोग आपकी त्‍वचा, हृदय और पाचन  संबंधि बहुत सी समस्‍याओं को दूर करने प्राकृतिक तरीका हो सकता है। आलूबुखारा के लाभ इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट की अच्‍छी मात्रा के कारण प्राप्त होते हैं।

रोगो से निदान दिलाएं आलूबुखारा :-

आलूबुखारा हमें कई रोगो से निदान दिलाता है। यह वह बीमारियां है जिससे हमारी किडनी ख़राब होने का खतरा रहता है। यदि निम्नलिखित बिमारियों पर काबू ना पाया जाएं तो आगे चलकर इससे हमारी किडनी पर बुरा असर पड़ता है और हमारी किडनी ख़राब भी हो सकती है।

  1. बैड कोलेस्ट्रॉल - यह आपके बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है। आलुबुखारे में आयरन की मात्रा होती है जो ब्लड सेल्स के निर्माण में मदद करती है। आलूबुखारा में घुलनशील फाइबर होते है। इसके सेवन से शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल नियंत्रित रहता है। आलूबुखारा शरीर में बाईल की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे मोटापा कम होने के साथ ही कोलेस्‍ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है। पोटेशियम होने से शरीर के सेल्स स्ट्रांग बनते हैं और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।
  2. मधुमेह - आलूबुखारा खाने से हमारे मधुमेह का स्तर नहीं बढ़ता और इसके नियमित सेवन से शरीर में मीठा भी नियंत्रण में रहता है। इसमें  ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स की मात्रा बहुत काम होती है, जिसके कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा है। साथ ही आलूबुखारा में पाए जाने वाले फाइटोन्‍यूट्रिएंट् (Phytonutrients)  आपके भोजन करने के बाद इंसुलिन स्‍पाइक को नियंत्रित करते हैं जो रक्‍त में ग्‍लूकोज के स्‍तर को नियंत्रित करता है।
  3. हृदय - आलूबुखारा हमारे हृदय के लिए भी काफी उपयोगी है। इसके अंदर विटामिन K की 21% मात्रा पाई जाती है। जो हमारे दिलो के लिए बहुत ही कारगर है। यह रक्त का थक्का बनने से रोकता है जिससे ब्लडप्रेशर और हृदय रोगों की संभावना कम होती है। इसके साथ ही अल्जाइमर के खतरे को कम करता है। इसके अंदर भरपूर मात्रा में पौटेशियम पाया जाता है जो हार्ट अटैक के खतरे को टालता है। साथ ही इसमें ओमेगा 3 भी है जीका काम हमारे दिल को स्वस्थ रखना होता है।
  4. पाचन - कहा जाता है की पेट से ही सारी बीमारियों की शुरुआत होती है। यदि आपका पाचन तंत्र ठीक ना हो तो आपका शरीर समय के साथ बिमारियों का घर बन सकता है। आलूबुखारा आपके पेट का भी ख्याल रखता है। इसके सेवन से ना केवल पंचन शक्ति में वृद्धि होती है बल्कि कब्ज जैसी समस्या से मुक्ति मिलती है। आलूबुखारा में एंअीआक्‍सीडेंट और फाइबर अच्‍छी मात्रा में होते हैं जो पाचन को स्‍वस्‍थ्‍य बनाते हैं और अच्‍छे चयापचय (Metabolism) में सहायक होते हैं। इस फल में साइट्रिक एसिड होता है जो थकावट और ऐंठन को रोकता है।
  5. वजन - आलूबुखारा वजन कम करने में भी मदद करता है। इसके अंदर वसा (FAT) ना के बराबर होती है। इसके कारण इसके सेवन से हमारा वजन नहीं बढ़ता। आलूबुखारे के 100 ग्राम में लगभग 46 कैलोरी होती है. अत: इसमें अन्य फलों की तुलना में कैलोरी काफी कम पाई जाती है. इस कारण से यह आपका वजन नियंत्रित करने में भी सहायक होता है.

अब कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार किया जा रहा है। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है।  आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

लेख प्रकाशित