मरीज का नाम अनिता कुमारी है वह जनकपुरी की रहने वाली हैं। अनिता किडनी की बीमारी से काफी दर्द से जूझ रही थी। डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस के लिया बोल दिया था। रोगी को इस बीमारी में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
इलाज से पहले
- सांस का फूलना
- थकान महसूस होना
- शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 15
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार शुरू करने के बाद कुछ ही महीने में काफी सुधार महसूस किया। साथ ही वह डायलिसिस से मुक्त हो गई।
- थकान महसूस नहीं होती
- क्रिएटिनिन स्तर – 10.8
विश्लेषण:
रोगी अनिता ने आयुर्वेदिक दवाओं और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए उचित डाइट का पालन किया। जिससे उनमें का काफी सुधार आया हैं। साथ ही वह डायलिसिस से मुक्त हो गई। कर्मा आयुर्वेदा ने हजारों बार सिद्ध करके दिखाया हैं कि डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना किडनी रोगियों को ठीक किया जा सकता हैं और उन्हें रोग मुक्त कर सकते हैं।
किडनी रोग
किडनी रोग को ‘शांत रोग’ के नाम से भी जाना जाता हैं, क्योंकि इसके होने के कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देते हैं और इस बीमारी की जानकारी न होने पर बिगड़ जाती हैं। अक्सर किडनी की समस्या का पता स्क्रीनिंग के परिणाम द्वारा उच्च जोखिम होने पर ही लगता हैं। वैसे वयस्क विभिन्न किडनी के लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते हैं। किडनी की बीमारी के लक्षण आमतौर पर विशिष्ट और जीवन शैली से संबंधित होते हैं जिसके कारण लोगों का इनपर ध्यान ही नहीं जाता हैं और बीमारी बढ़ जाती हैं।
लेकिन कर्मा आयुर्वेदा भारत का एकमात्र आयुर्वेदिक उपचार केंद्र है जो आयुर्वेदिक दवाओं से इलाज करते हैं। ये अस्पताल 1937 में स्थापित किया गया था जिसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस और प्रत्यारोपण के बिना।