मरीज का नाम अविनाश कुमार है जो उत्तराखंड के रहने वाली हैं। वह किडनी रोग के शुरूआती लक्षणों से जूझ रहे थे। रोगी का यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा था और उन्हें इस रोग में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जैसे-
- भूख न लगना
- ऐसिडिटी होना
- शरीर के कुछ हिस्सों में दर्द होना
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 1 mg/dL
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी मे अपना इलाज कर्मा आयुर्वेदा से शुरू किया और देखते ही देखते उनमें काफी सुधार आना शुरू हो गया। ऐसा सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए उचित डाइट चार्ट की सलाह से मुमकिन हुआ हैं। जिससे रोगी अविनाश में काफी सुधार देखने को मिला हैं।
- भूख सामान्य हो गई
- शारीरिक तौर पर फिट हुए
- क्रिएटिनिन स्तर – 1.98
- यूरिया स्तर – 31.00
विश्लेषण:
डॉ. पुनीत धवन ने अपने बाकि रोगियों की तरह अविनाश को भी विशेष सलाह प्रदान की। जिसे अपनाकर उनमें काफी सुधार आया। कर्मा आयुर्वेदा ने फिर से डायलिसिस से रोगी को बचाया। वो भी सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार से।
किडनी की बीमारी
किडनी फेल्योर एक ऐसा अंग होता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को छानकर यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता हैं, लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारियां, खराब जीवनशैली और कुछ दवाओं के कारण हैं। डायबिटीज के 30 से 40% मरीजों की किडनी खराब होती हैं। इनमें से 50% मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें बहुत देर से इस बीमारी का पता चलता है और फिर उन्हें डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाना पड़ता हैं।
लेकिन भारत में कर्मा आयुर्वेदा एकमात्र किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट हॉस्पिटल हैं जो डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी के मरीजों का इलाज करते हैं। ये किडनी ट्रीटमेंट सेंटर 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है।