रोगी का नाम भूपेंद्र हैं जो उत्तराखंड ऋषिकेश के रहने वाले हैं। वह किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे जिससे उन्हें किडनी रोग में काफी दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। रोगी का क्रिएटिनिन लगातार बढ़ता जा रहा था जिससे डायलिसिस लेने की नौबत आ गई थी, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलने पर इलाज सही समय पर शुरू हो गया और डायलिसिस से भी बच गए।
इलाज से पहले
- हाई ब्लड प्रेशर
- उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 8.30
- यूरिया लेवल – 156.90
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी ने कुछ ही महीने पहले आयुर्वेदिक इलाज शुरू किया था जिससे उनमें अब काफी सुधार देखने को मिला। रोगी की हालत बिलकुल गंभीर हो गई थी, लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं ने बिना डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के इस रोग से मुक्त कर दिया और वह अब शारीरिक तौर पर भी फिट है।
- ब्लड प्रेशर सामान्य होना
- क्रिएटिनिन लेवल – 5.75
- यूरिया लेवल – 131
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन ने अपने सभी मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक किया हैं और उन्हें आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट का पालन करने ने की सलाह भी देते हैं जिससे रोगी में बहुत जल्दी सुधार आता हैं।
किडनी खराब का आयुर्वेदिक इलाज
किडनी का वजन लगभग 150 ग्राम का होता हैं। ये हमारे शरीर में पीछे कमर की ओर रीढ़ के ठीक नीचे के दोनों सिरों पर स्थिति होता हैं। किडनी रक्त में पानी और अपशिष्ट पदार्थों को अलग करता हैं। शरीर में रसायन पदार्थों को संतुलन और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता हैं। ये लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता हैं। एक अंदाजे के अनुसार हर 100 में से 17 भारतीय किडनी समस्या से परेशान हैं और लगातार इसकी संख्या में वृद्धि होती जा रही हैं। गलत जीवनशैली, खान-पान और मधुमेह की वजह से किडनी खराब होती हैं तो आज हम किडनी को खराब करने वाली आदतों के बारे में जानकर कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक इलाज शुरू कर सकते हैं।
कर्मा आयुर्वेदा भारत का एकमात्र आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक हैं। यह अस्पताल 1937 में स्थापित किया गया था जिसके नेतृत्व मे डॉ. पुनीत धवन हैं। डॉ. पुनीत ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं वो भी डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन सिर्फ आयुर्वेदिक इलाज पर भरोसा करते हैं।