रोगी का नाम राजेश कुमार है वह नवादा बिहार के रहने वाले हैं। राजेश जी को किडनी की बीमारी से दर्द और परेशानियों का सामना कर रहे था और उनका क्रिएटिनिन भी बढ़ता जा रहा था। जिससे एम्स के डॉक्टर्स ने डायलिसिस लेने के लिए बोल दिया था। किडनी रोग से रोगी को इन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जैसे-
- बार-बार उल्टी होना
- सुस्ती महसूस होना
- उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 7.8 mg/dL
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
कर्मा आयूर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद कुछ महीनों में ही रोगी में सुधार आना शुरू हो गया था। वह शारीरिक तौर पर फिट हो गए थे और रोगी का क्रिएयिनिन लेवल भी 4.6 mg/dL हो गया। साथ ही रोगी अब फिस्टुला और डायलिसिस प्रोटोकॉल से बाहर हैं। ऐसा सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक दवाओं और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए उचिक डाइट चार्ट का पालन करने से हुआ है।
किडनी का कार्य
किडनी का काम ब्लड प्रेशर को बनाए रखने, लाल ब्लड सेल्स के उत्पादन के लिए, शरीर में अम्ल को नियंत्रित करने और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करने वाले हार्मोन जैसे कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम और अन्य इलेक्ट्रोलाइट का उत्पादन करने के लिए होता हैं। किडनी की समस्या होने पर असुविधाजनक और तीव्र दर्द होता हैं। ये दर्द बहुत तेज होता हैं जो पसलियों और नितंब के बीच में होता हैं। किडनी का दर्द बाएं, दाएं या दोनों तरफ हो सकता हैं। कभी-कभी ये दर्द पेट के नीचे जा सकता है। हर व्यक्ति के लक्षण और संकेत विभिन्न रूप से विकसित होते हैं।
आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
भारत के प्रसिद्ध किडनी उपचार केद्रो में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। ये अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल के नेतृत्व में धवन परिवार से 5वीं पीढ़ी यानी डॉ. पुनीत धवन है। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार का इस्तेमाल किया जाता हैं। डॉ. पुनीत धवन सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके रोग मुक्त किया है। वो भी डायलिसिस और ट्रांसप्लांट के बिना। आयुर्वेद में हर बार किडनी समस्याओं को ठीक करने में परिणाम सफल रहा हैं। डॉ. पुनीत ने भारत के साथ-साथ दुनिया भर में किडनी से पीड़ित मरीजों को ठीक किया हैं।