रोगी का नाम माया है जो बैंकॉक में रहती है। वह काफी लंबे समय से किडनी समस्या से पीड़ित थी। इस वीडियो में माया के रिश्तेदार बताते हैं कि, रोगी इस बीमारी में काफी दर्द सामना कर रही थी और उन्होंने अपने स्वस्थ जीवन जीने की उम्मीद भी खो दी थी। रोगी को किडनी रोग में इस समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।
- सांस से संबंधित समस्याए
- खाना खाने में दिक्कत
- उच्च रक्तचाप
- रात में लगातार पेशाब जाना
- रक्त में उच्च स्तर के कारण कमजोरी आना
- हाथ और पैरों में सूजन
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद और डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गए आहार चार्ट का पालन करने से रोगी में बहुत से सुधार आया हैं। रोगी ने बैंकॉक में एलोपैथी उपचार भी करवाया था और डायलिसिस भी लिया करती थी, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलने पर दिल्ली से आयुर्वेदिक किडनी उपचार शुरू किया और उससे रोगी में सुधार आने लगा। इलाज के बाद रोगी का क्रिएटिनिन लेवल घट कर 2.3 हो गया। साथ ही किडनी की बीमारी भी स्वाभाविक रूप से ठीक हो चुकी थी। बता दें कि, माया एक और रोगी है जो कर्मा आयुर्वेदा द्वारा डायलिसिस से मुक्त की गई और किडनी रोग को भी खत्म कर दिया गया।
किडनी फेल्योर
किडनी शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्य करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालती हैं और निष्कासन करते हैं। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करते हैं। वह अतिरिक्त अम्ल एंव क्षार निकालने में मदद करते हैं। जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता है। साथ ही शरीर मे किडनी का मुख्य कार्य रक्त का शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है। जिसे किडनी फेल्योर कहते हैं।