मरीज का नाम अनिल दूंगा हैं जो दिल्ली के रहने वाले हैं। वह काफी समय से किडनी रोग से जूझ रहे थे। रोगी को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उन्हें 5 डायलिसिस दिए गए थे उसके बाद हफ्ते में 2 बाद डायलिसिस दिए जाते थे। जिससे रोगी को काफी दर्द का सामना करना पड़ता था।
इलाज से पहले
- बार-बार उल्टी होना
- चलने – फिरने में परेशानी होना
- हाई क्रिएटिनिन लेवल – 8.1
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद किडनी मरीज में भारी सुधार आया हैं। रोगी ने डॉ. पुनीत धवन द्वारा दिए गई आयुर्वेदिक दवाओं, उचित डाइट चार्ट और बताई गई योगा का पालन किया हैं जिससे रोगी में काफी बदवाल आया हैं।
- उल्टी करना बंद हो गया
- शारीरिक तौर पर फिट
- क्रिएटिनिन लेवल – 2.48
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने लाखों किडनी रोगियों का इलाज किया हैं और उन्हें डायलिसिस से बचाया हैं। रोगी अनिल दूंगा को भी आयुर्वेदिक दवाओं का अच्छे से पालन किया जिससे रोगी में काफी सुधार आया हैं।
किडनी रोग क्या है?
मानव शरीर में किडनी एक अहम अंग हैं जो शरीर से सारे हानिकारण और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती हैं। किडनी खून को साफ करके सारे विषाक्त पदार्थों को पेशाब के रूप में शरीर से बाहर कर देती हैं। हर मनुष्य के शरीर में दो किडनी होती हैं। किसी भी वजह से अगर एक किडनी कम करना बंद कर दे तो दूसरी किडनी पर इंसान जीवित रह सकता हैं, लेकिन एक किडनी के सहारे जिंदगी गुजारना बेहद मुश्किल हो जाता हैं। हर दिन बदल रही लाइफस्टाइल की वजह से इंसान की जीवनशैली खराब होती जा रही हैं। वक्त पर खाना नहीं खाना, दवाईयों का अधिक सेवन करना और पानी सही मात्रा नहीं लेना जैसी कई चीजें हैं जो किडनी को प्रभावित करती हैं। ऐसे में इसपर भार बढ़ता हैं और ये काम करना बंद कर देती हैं।
बता दें कि, किडनी की बीमारी खतरनाक इसलिए है, क्योंकि इसकी प्रथम अवस्था में पता नहीं चल पाता कि ये धीर-धीरे खराब हो रही हैं, फिर भी शरीर कई ऐसे संकेत देती हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि किडनी सही से काम कर रही हैं या नहीं।
आयुर्वेदिक उपचार
एक स्वस्थ आहार के साथ, आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार का दिर्घकालिक प्रभाव हो सकता हैं। वे आयुर्वेदिक दवाओं और प्राकृतिक तकनीकों का उपयोग करते हैं जो पूर्व-ऐतिहासिक रूप से परिक्षण किए जाते हैं। एशिया में सबसे अच्छे केंद्रो में से एक हैं जो किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करते हैं वो कर्मा आयुर्वेदा हैं। ये 1937 से किडनी और यकृत रोगियों का इलाज कर रहे हैं। क्लीनिक अपने सभी मरीजों को अपर्याप्त जड़ी-बूटियों से बनी दवाओं के साथ अच्छी तरह से स्वस्थ कर देता हैं।