लोगों की आबादी का एक तिहाई हिस्सा किडनी रोग से पीड़ित है, लेकिन बाकी आबादी के लिए किडनी के कार्य में गिरावट ३५ साल से शुरू हो जाती है। ये कभी-कभी संरचनात्मक और हार्मोन में परिवर्तनों के साथ-साथ बाद के वर्षों में भी खराब हो सकती है।
कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल एशिया में आयुर्वेद किडनी उपचार के लिए सबसे अच्छे अस्पतालों में से एक है। इसका नेतृत्व आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर पुनीत धवन द्वारा किया जा रहा है। वह मरीजों के सामान्य स्वास्थ्य और कल्याण में सभी परिवर्तन और सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिता निभाते हैं। कर्मा आयुर्वेदा में हेल्थकेयर पेशेवरों की टीम क्लिनिक में पांरपरिक आयुर्वेदिक उपचार की पेशकश करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका सबसे बड़ा मिशन है आयुर्वेदिक उपचार से किडनी रोगियों को बीमारी से मुक्त करना। साथ ही दवा के इस प्राचीन ज्ञान के बारे में भी शिक्षित किया है।
रोगी का नाम नूरजहाँ है और वह आंध्र प्रदेश से आई है। नूरजहाँ किडनी डिजीज एडवांस स्टेज से पीड़ित थी। डॉक्टर्स ने उन्हें डायलिसिस का सुझाव दिया, क्योंकि दवाइयों के सेवन से कोई परिणाम सामने नहीं आया था।
इलाज से पहले
- शरीर में सूजन
- वजन का बढ़ना
- मतली और उल्टी
- नींद ना आना
- पेट में दर्द
- क्रिएटिनिन – 8.7
- यूरिया - 163
आयुर्वेदिक उपचार के बाद
अन्य जगह से उपचार लेने के बाद उन्होंने कर्मा आयुर्वेदा से इलाज करवाया। नियमित उपचार और सही आहार के साथ मरीज में बदलाव आना शुरू हो गया।
- सूजन कम हो गई
- वजन नियंत्रण में आ गया
- क्रिएटिनिन – 5.4
- यूरिया - 144
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा ने प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के साथ एक और रोगी का इलाज किया है और उसे किडनी डायलिसिस से बचाया है। प्रांरभिक उपचार के बाद रोगी डायलिसिस प्रोटोकॉल से बाहर है। डॉ. पुनीत धवन ने उपचार के दौरान रोगी की मदद की और उसे ठीक किया।