आयुर्वेद भारत में 3 हजार वर्ष पहले से हैं। ये एक लंबे जीवन और विज्ञान की पद्धति है और दुनिया में स्वास्थ्य की देखभाल का सबसे पुरानी प्रणाली है जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचारों शामिल है। आयुर्वेद प्राचीनकाल से ही दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास किया है। ये चिकित्सा की अनुपम और शाखा हैं, एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त के लिए वात, पित और कफ के नियंत्रण पर निर्भर करता है।
नेफ्रोटिक सिंड्रोम
नेफ्रोटिक सिंड्रोम की समस्या में दरअसल हमारे किडनी पर असर पड़ता है। किडनी हमारे बॉडी में एक छन्नी की तरह कार्य करता हैं और इसी की मदद शरार के अंदर के अपशिष्ट पदार्थो और पेशाब शरीर से बाहर आ पाते हैं। जब किसी को नेफ्रोटिक सिंड्रोम होता है तब उसके किडनी में मौजूद छन्नी के छिद्र पहले से बड़े हो जाते हैं. इसकी वजह से बॉडी के अंदर प्रोटीन की कमी हो जाती हैं और बॉडी में सूजन होने लगती हैं।
क्या हैं नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण?
- नेफ्रोटिक सिंड्रोम के होने का अभी तक कोई निश्चित वजह से पता नहीं लगा गया है।
- चिकित्सीय दुनिया में ऐसा मान्यता है कि श्वेत-कणों में होने वाले लिम्फोसाइट्स की कार्यक्षमता में कमी आने के कारण ये बीमारी होती हैं।
- बहुत से लोग इसका कारण आहार में बदलाव और दवाईयों के सेवन को भी मानते हैं, लेकिन ऐसा मानना बिल्कुल गलत माना जाता हैं।
क्या हैं नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण?
- नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग ज्यादातर दो से छ: साल के बच्चों में देखने को मिलता हैं।
- ये बीमारी की शुरूआत में बुखार और खांसी हो जाने के बाद ये रोग होता हैं।
- इस रोग में आंखों के निचले हिस्से तथा पूरे चेहरे पर सूजन हो जाना।
- आंखों के पास सूजन हो जाने पर ज्यादातर लोग इसकी जांच के लिए आंख के चिकित्सक के पास चले जाते हैं।
- मरीज जब सुबह के समय सोकर उठता है, तो तब सूजन की समस्या अधिक दिखती है।
- ये सिंड्रोम बहुत बढ़ जाता है तब पेट फूलने की समस्या, पेशाब कम होना और बॉडी वेट का बढ़ना भी देखने को मिलता है।
- बहुत बार पेशाब में झाग आता है और साथ ही पेशाब के कारण पेशाब त्याग करने की जगह पर सफेद निशान बन जाता हैं।
आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
भारत का सबसे पुराना किडनी आयुर्वेदिक उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा, जो 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर विश्वास करते हैं डॉ. पुनीत काठमांडू में नेफ्रोटीक सिंड्रोम का आयुर्वेदिक उपचार भी करते हैं। कर्मा आयुर्वेदा में किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की सलाह भी दी जाती है। ये 100% नेचुरल हैं और इन आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं, क्योंकि आयुर्वेद एकदम प्राकृतिक है।