किडनी हमारे शरीर में सफाई का काम करती हैं। किडनी मानव शरीर से गंददी बाहर निकालने वाले सिस्टम का एक बहुत अहम हिस्सा हैं। दोनों किडनियों में रक्त साफ होता हैं। हमारी किडनियों में लाखों मिनी फिल्टर होते हैं जिन्हें नेफ्रोंस कहते हैं जो पूरी जिंदगी रक्त साफ करने का काम करती हैं। किडनी में होने वाले इस सफाई सिस्टम के कारण हमारे शरीर से हानिकारक के मिकल्स पेशाब के साथ बाहर आ जाती हैं।
ज्यादातर लोग दो किडनियों के साथ पैदा होती हैं। दोनों किडनी बीन के आकार की होती है और हमारी पसलियों के बीच में सुरक्षित रहती हैं। किडनी के अन्य कामों में लाल रक्त कण का बनना और फायदेमंद हार्मोंस रिलीज करना शामिल हैं। किडनियों द्वारा रिलीज किए गए हार्मोंस के द्वारा ब्लड प्रेशर नियंत्रण किया जाता हैं और हड्डियों के लिए बेहद जरूरी विटामिन डी का निर्माण किया जाता हैं।
किडनी की बीमारी
किडनी संबंधी कई प्रकार के रोगों के समूह को किडनी की बीमारी कहा जाता हैं। जब किडनी किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। काम करना बंद कर देती हैं या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती, तो इस स्थिति को किडनी की बीमारी कहा जाता हैं। जब किडनी की बीमारी हो जाती है, तो किडनी प्रभावी रूप से अपशिष्ट द्रव को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती जिससे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन भी खराब हो जाता हैं।
शरीर में अपशिष्ट द्रव जमा होने से शरीर की केमिस्ट्री खराब हो जाती हैं, जिससे आपको शरीर में कुछ प्रकार के लक्षण महसूस होने लगते हैं और कुछ प्रकार के लक्षण गायब हो जाते हैं। साथ ही किडनी की बीमारी में कई रोग शामिल हैं, जैसे किडनी की पथरी, किडनी का कैंसर, किडनी की सजून, पॉलिसिस्टिक किडनी डिजीज और पेशाब पथ में इंफेक्शन आदि। अगर आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या परिवार मे पहले किसी को किडनी किडनी संबंधी बीमारी हैं, तो आप में किडनी संबंधी रोग होने की संभावनाएं ज्यादा हैं।
किडनी रोग के लक्षण
- आंखों, हाथों और पैरों में सूजन होना
- उच्च रक्तचाप
- सांस फूलना
- त्वचा में लगातार खुजली महसूस होना
- मुंह का स्वाद बिगड़ना
- मुंह से बदबू आना
- शरीर का वजन कम होना
- नींद ना आना
- मांसपेशियों में ऐंठन
- ध्यान लगाने में कठिनाई होना
- भूख कम लगना
- मतली और उल्टी
- नपुंसकता
- स्लीप एप्निया
- सेक्स ड्राइव
- शरीर में द्रव जमा होना
- सोने में कठिनाई होना
- थकान
- धुंधला या गहरे ब्राउन रंग का पेशाब आना
धनिया की पत्तियों का जूस पीने से मिलेगा फायदा
वैसे किडनी को खराब होने से बचाने के लिए तमाम उपाय बताए जाते हैं, लेकिन अगर सबसे सस्ता और कारगर उपाय कहीं हैं तो वो आयुर्वेद में हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में भरोसा रखने वालों की जानकारी के अनुसार किडनी को सुरक्षित रखने के लिए सबसे कारगर उपाय धनिया की पत्तियों को उबालक उसके जूस का सेवन करना करना हैं। वैसे ऐसा माना जाता हैं कि धनिया की पत्तियों का उबला हुआ जूस पीने से किडनी साफ होती हैं। किडनी के अंदर से अपशिष्ट पदार्थ पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर आ जाते हैं। किडनी शरीर में फिल्टर मशीन की तरह काम करता हैं।
किडनी का आयुर्वेदिक उपचार केंद्र
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा जो एक चमत्कार के रूप में साबित हुआ हैं। यहां 1937 से किडनी रोगियों का इलाज किया जाता हैं। आयुर्वेद में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी का इलाज किया जाता हैं। आयुर्वेद में किडनी समस्याओं को ठीक करने में परिणाम सफल रहा हैं। किडनी फेल्योर के लिए भारत और एशिया के बेस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर में से हैं डॉ. पुनीत धवन। उन्होंने देश-विदेश से आए किडनी रोग से पीड़ित हजारों मरीजों का इलाज करके रोग मुक्त किया हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।