किडनी के लिए फायदेमंद हैं नाशपाती

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
किडनी के लिए फायदेमंद हैं नाशपाती

नाशपाती हर किसी को पसंद होता हैं। आप इसे भूलकर भी साधारण फल न समझें। इससे इतने सारे औषधीय गुण होते हैं जो सीधे आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं जैसा की हम जानते हैं गर्मियों के मौसम आते ही शीतल पेय की जरूरत का अनुभव होने लगता हैं। नाशपाती हमारे शरीर में पानी की कमी को कम करता हैं इसमें बहुत से औषधीय गुण भी उपलब्ध होते हैं जो शारीरिक और मानसिक रूप से फायदेमंद हैं।

नाशपाती स्वाद के साथ–साथ कई औषधीय गुणों से भरा होता हैं, इसमें मौजूद आर्गेनिक पोषक तत्व विटामिन और खनिज हमारे बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता हैं। इसमें कुछ प्रभावकारी और सक्रिय घटक जैसे पोटेशियम, फिनालिक कंपाउंड, फोलेट, फाइबर, तांबा, मैंगनीज, विटामिन-सी, विटामिन-के, विटामिन-बी कॉम्लेकस, एंटीऑक्सिडेंट. फिटेनियोटेंट्स, फ्लेवोनोइड्स के साथ फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं पोषक तत्वों का अच्छा स्त्रोत होने की वजह से ये कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता हैं।

नाशपाती के फायदे –  

  • पथरी के लिए – जो स्टोन की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें कैल्शियम ऑकसलेट किडनी की पत्थरी को विकसित करता हैं ऐसी स्थिति में नाशपाती पाए जाने वाला मैलिक एसिड गैस्टोथोन को रोकने में मदद करता हैं, जिससे पित्ताशय में बना पथरी मैलिक एसिड से धीरे-धीरे धुलने लगती हैं, इसलिए पथरी से ग्रसित व्यक्ति को उन खाद्य पदार्थो से बचना चाहिए। जिनमें ऑकसलेट बहुत अधिक मात्रा में हो। किडनी की पथरी के लिए नाशपाती का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि इसमें ऑक्सलेट की मात्रा बहुत कम होती हैं।
  • डायबिटीज के लिए – नाशपाती फाइबर से भरपूर होती हैं जो मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए अच्छी साबित हुई हैं, इसलिए जिन लोग शुगर पेशेंट हो उन्हें मीठा खाने की इच्छा होती हैं ये उनके लिए बहुत गुणकारी होती हैं। इसमें मौजूद नेचुरल शुगर को रक्त धीरे अवशोषित कर लेता हैं। नाशपाती में लेवल्ज़ होता हैं। यह प्राकृतिक शुगर का एक रूप हैं। इससे आपका रक्त शर्करा का स्तर नहीं बढ़ता हैं।
  • सांस की परेशानी – बच्चों को ग्रीष्मकाल में सांस लेने में समस्या होने लगती हैं जो बड़ी समस्या बन सकती हैं। नाशपाती का नियमित सेवन करने से इस समय को ठीक करने में मदद करती हैं।
  • एनीमिया होना – ऐसे रोगियों के लिए जो एनीमिया या अन्य खनिज की कमी से पीड़ित हैं उनके लिए नाशपाती अपनी तांबे और लोहे की सामग्री की वजह से
  • गर्भावस्था में – गर्भावस्था के समय महिलाओं को अपने बच्चे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी आहार लेना आवश्यक हो जाता हैं, ऐसे में नाशपाती एक अच्छा विकल्प हैं। गर्भावस्था के समय नाशपाती का नियमित सेवन करने से स्तनपान के समय आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता हैं। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व हैं जो बच्चों के समग्र विकास के लिए आवश्यक हैं जो मां और बच्चे दोनों को पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध कराते हैं। नाशपाती में फोलिक एसिड पाया जाता हैं जो न्यूरल टयृब जैसे दोषों को दूर करता हैं।
  • कब्ज को दूर करें – कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो नाशपाती का नियमित इस्तेमाल करने से आपको कब्ज से राहत मिल सकती हैं, क्योंकि इसमें पेक्टिन नामक पदार्थ होता हैं जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता हैं जो पाचन तंत्र को ठीक रखने और कब्ज से बचने के लिए आप नाशपाती का सेवन करें।
  • वजन कम करें – अगर आप अपना वजन कम कर रहे हैं तो उसमें नाशपाती शामिल करें जो आपके वजन को कम करने में मदद करती हैं। एक नाशपाती में केवल 100 से 110 कैलोरी होती हैं साथ इसमें अधिक मात्रा में फाइबर भी पाया जाता हैं। आपको जब भी भूख लगे तो नाशपाती खाएं जो आपकी भूख को शांत करने के साथ आपके वजन पर नियंत्रण रखेगा। ये स्वस्थ वजन के साथ ह्रदय रोगों के खतरों को भी कम करता हैं।
  • मुंहासे को कम करें – मुहांसे एक सुंदर चेहरे को किस प्रकार से प्रभावित कर सकता हैं। नाशपाती का इस्तेमाल करके आप इन मुंहासे से छुटकारा पा सकते हैं। नाशपाती में हाई विटामिन और खनिज पाए जाते हैं जो स्किन में उपस्थित एसिड को नष्ट करने और स्किन के पीएच संतुलन बनाने का काम करती हैं। साथ ही इसका जूस शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता हैं और प्रोटीन, वसा के पाचन में सहायता करता हैं इससे शरीर को शुद्ध करने में मदद मिलती हैं और विषाक्त पदार्थों के निर्माण को रोकने में मदद करती हैं।
  • कोलेस्ट्रॉल को कम करें – कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना मतलब ह्रदय रोग का खतरे को बुलाना। नाशपाती का इस्तेमाल ह्रदय रोग के लिए काफी फायदेमंद हैं। इसमें अधिक फाइबर होने की वजह से जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता हैं। नाशपाती के छिल्को के साथ खाने की सलाह दी जाती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, हम भोजन में फाइबर की उचित मात्रा के सेवन करें, तो ये हमारे शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को कम कर देते हैं। साथ ही इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत कर आंतों की सूजन को नियंत्रित करती हैं और ह्रदय रोग, मधुमेह, कैंसर और मोटापे, सूजन आदि के खतरों को कम करती हैँ।
  • ऑयली स्किन के लिए – बहुत से लोगों की ऑयली स्किन होती हैं जो उससे छुटकारा पाना चाहते हैं जो नाशपाती का इस्तेमाल करें। एक पका हुआ नाशपाती को मसल तक उसमें आधा चम्मच शहद और एक बड़ा चम्मच क्रिम का महीन मिश्रण बनाए और उसे चेहरे और गर्दन पर लगाकर आधा घंटे बाद फेस को धोलें। आपको ऑयली स्किन से छुटकारा मिल जाएगा।
  • गले की खराश को ठीक करें – गले में सूजन और उसमें होने वाली जलन को दूर करें। आप नाशपाती के साथ थोड़ा शहद का इस्तेमाल कर सकते गैं। नाशपाती गले से संबंधित रोगों के उपचार के लिए अधिक उपयोगी होता हैं ऐसी स्थिति में दिन में दो बार नाशपाती के जूस का पी सकते हैं।
  • बालों की खूबसूरती बनाए रखें – नाशपाती स्वस्थ्य और पोषित बालों को बनाने की क्षमता रखता हैं, क्योंकि नाशपाती में शर्बिटोल या ग्लूसिटोल नामक एक प्राकृतित एलकोहल पाया जाता हैं जो बालों की जड़ो में जाकर बालों को मजबूत बनाती हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता हैं। साथ ही बालों में चमक आती हैं।
  • पेट की खराबी को ठीक करें – बहुच से लोग पेट की खराबी से परेशान रहते हैं। साथ ही साथ वे मतली और उल्टी से परेशान रहते हैं इस स्थिति में नाशपाती का सेवन करने से उन्हें इन परेशानियों से निजात मिल सकती हैं।

नाशपाती के नुकसान –

  • नाशपाती के छिलके समेत धो कर अच्छे से चबा कर खाना चाहिए, लेकिन इसके छिलने को जल्दबाजी में बिना चबाएं खाने से पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता हैं जिससे कई बार पेट में दर्द हो जाता हैं।
  • नाशपाती को काट कर अधिक देर तक रख कर नहीं खाना चाहिए, क्योंकि हवा के संपर्क में आने पर ये भूरे रंग का हो जाता हैं जो नुकसानदायक हो सकता हैं।
  • ठंड में गला बैठने, बुखार, दस्त होने पर नाशपाती का सेवन करना चाहिए।
  • नाशपाती खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि नाशपाती न अधिक मुलायम हो और न ही अधिक सख्त होती हैं। नाशपाती से मीठी खुशबू आनी चाहिए। नाशपाती को खरीदने के बाद दो से तीन ही खा लेना चाहिए।

आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा भारत का सबसे प्रमाणिक आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र हैं। ये 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था हैं। यहां पूर्ण हर्बल और आयुर्वेदिक उपचार दवाओं का इस्तेमाल किया जाता हैं। आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इंफेक्ट नहीं होता हैं। आयुर्वेद तेजी से वसूली के लिए अपने मरीजों को एक किडनी आहार चार्ट भी प्रदान करते हैं। डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया जाता हैं। आयुर्वेदिक उपचार तन, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करती हैं। आयुर्वेद चिकित्सा में न केवल उपचार होता हैं बल्कि ये जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता हैं जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता हैं।

लेख प्रकाशित