किडनी के लिए फायदेमंद हैं शिमला मिर्च

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी के लिए फायदेमंद हैं शिमला मिर्च

लाल, पीली और हरी रंग की शिमला मिर्च स्वाद में काफी स्वादिष्ट और पौष्टिक होती हैं। यह हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं। शिमला मिर्च में विटामिन सी, ए और बीटा कैरोटीन पाया जाता हैं, जो हमारे शरीर के लिए स्वस्थ होता हैं। शिमला मिर्च की सब्जी हर घर में बनाई जाती हैं, लेकिन उनके बीजों का इस्तेमाल न करें। चलिए जानते हैं शिमला मिर्च से किडनी के साथ-साथ अन्य फायदे और नुकसान भी होते हैं इसलिए इसके बारे में जरूर पढ़े।

शिमला के फायदे –

किडनी को स्वस्थ रखें - लाल शिमला मिर्च किडनी के लिए फायदेमंद हैं। यह किडनी का स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। इसमें पोटेशियम कम होता हैं जो विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में किडनी की सहायता करता हैं। शिमला मिर्च में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

डायबिटीज से राहत – डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें राहत पाना मुश्किल होती हैं, लेकिन शिमला मिर्च का सेवन करते से उसमें राहत मिलती हैं। इसमें कैलोरी बेहद कम मात्रा में होती हैं जो शरीर में ज्यादा कैलोरी के संचय को पनपने नहीं देती हैं। इसके नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढने नहीं देती हैं।

कैंसर रोग से आराम – बहुत से किसी न किसी कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं और मुख्य कारण गलत खानपान हैं, लेकिन अगर आप इस खतरनाक बीमारी से बचना चाहते हैं तो शिमला मिर्च का सेवन करने चाहिए, क्योंकि ये कैंसर सेल्स को पनपने से रोकता हैं। जिससे इस बीमारी का अधिक प्रभाव शरीर पर नहीं पड़ता हैं।

मेटाबॉलिज्म लेवल बढाएं – आजकल घर में कोई न कोई मोटापे से परेशान हैं। उनके लिए शिमला मिर्च का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता हैं, क्योंकि इसमें बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती हैं जो वजन को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और मेटाबॉलिज्म के स्तर को बढ़ाती हैं। कैलोरीज बर्न करने के साथ ये आपके कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से भी रोकती हैं।

प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए – शिमला मिर्च में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जो हमारे इम्युनिटी सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। यह रोग प्रतिरक्षा को मजबूत बनाए रखती हैं लंग इंफेक्शन, अस्थमा जैसी परेशानियों के लिए भी फायदेंमंद हैं।

पाचन तंत्र को स्वस्थ रखें  - अधिकतर बीमारियों का जिम्मेदार हमारा पाचन तंत्र होता है और शिमला मिर्च की बात करें तो ये हमारे पाचन को दुरस्त करने में मददगार होता हैं। इसमें शिमला मिर्च की सेवन करने से पेट दर्द, गैस, कब्ज जैसी समस्याओं से निजात दिलाता हैं। साथ ही यह पेट में होने वाली छालों की भी समस्या को दूर रखता हैं।

ह्रदय रोग के लिए – ह्रदय को स्वस्थ और दुरूस्त बनाने के गुण शिमला मिर्च में होती हैं। इसमें कोलेस्ट्रॉल बेहद कम होता हैं जो दिल की धमनियां काम करना बंद कर देती हैं और हमारा ह्रदय स्वस्थ बनाए रखता हैं और ये हमारे बूद के साफ रखने में भी मदद करता हैं।

गठिया रोग में आराम - शिमला मिर्च का प्रमुख तत्व केयेन्न होता हैं जो शरीर में दर्द के प्रभाव को घटाने का काम करती हैं। इसके सेवन से गठिया की समस्या में भी राहत मिलती है। पेनकिलर ट्यूब या जेल में भी यही तत्व पड़ा होता है जिसे लगाते ही दर्द से छूटकारा मिलाता हैं।

बालों के लिए – लाल शिमला मिर्च में विटामिन बी6 होता हैं जो बालों को झड़ने की समस्याओं को रोकता हैं। ये हमारे बालों के छिद्रों में ऑक्सीजन को भरपूर मात्रा में पंहुचाता हैं साथ ही बालों की जड़ में रक्त के संचार को सुधारता हैं इससे बालों का विकास सही होता हैं साथ ही बालों को झड़ने से रोकता हैं और सफेद बालों के खत्म करता हैं।

स्किन के लिए लाभदायक – शिमला मिर्च विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होती हैं जो स्किन को स्वस्थ बनाए रखती हैं। इसके सेवन से हमारी स्किन में कसाव बना रहता हैं। लाल शिमला मिर्च में बीटा कैरोटीन होता हैं जो शरीर में प्रवेश कर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाती हैं। चेहरे में झुर्रियां को रोकने और रंग को गौरा करने के लिए शिमला मिर्च का सेवन करना काफी फायदेमंद होता हैं।

शिमला मिर्च के नुकसान –

  • शिमला मिर्च अधिक मात्रा में खाने से पेट की समस्या हो सकती हैं।
  • गर्भवती महिलाओं या फिर बच्चे को स्तनपान कराती हैं तो उस महिला के लिए शिमला मिर्च हानिकारक हो सकती हैं।
  • अधिक मात्रा में शिमला मिर्च का सेवन करने से आपके ब्लड प्रेशर जैसे रोग की शिकायत हो सकती हैं।
  • शिमला मिर्च का इस्तेमाल ज्यादा करने से मुंह में जलन हो सकती हैं।
  • अगर आपको शिमला मिर्च से एलर्जी है तो इसका सेवन बिल्कुल न करें।

आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति लगभग 5 हजार वर्ष पहले से भारत की पवित्र भूमि में शुरू हुई थी। ये काफी लंबे जीवन की विज्ञान हैं और दुनिया भर में स्वास्थ्य की देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों गंभीर विचार शामिल हैं। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास किया जाता हैं। यह चिकित्सा पद्धति के अनुपन और अभिन्न शाखा हैं। ये एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करने पर निर्भर करता हैं।

बता दें कि, कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत में प्रसिद्ध आयुर्वेदिक क्लीनिकों में से एक हैं। यह 1937 से ही दुनिया भर का इलाज कर रहे हैं। इसके नेतृत्व में एक अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पुनीत धवन करते हैं वह एलोपैथी उपचार के पर विश्वास नहीं करते हैं। यहां मरीजों का इलाज जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तकनीकों के साथ इलाज किया जाता हैं। डॉ. पुनीत धवन भी किडनी रोगियों के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा के साथ एक उचित डाइट चार्ट की सलाह दी जाती हैं। साथ ही उन्होंने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया हैं, वो भी डायलिलिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

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