किडनी को कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी को कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है?

हम अपनी उन सभी चीजों को बहुत सहेज कर रखते हैं जो कि हमारे जीवन में काफी अहमियत रखती है, अब चाहे वो सजीव हो या निर्जीव। लेकिन जब बात आती है किडनी कि तो हम इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते। किडनी हमें स्वस्थ रखने के लिए कई कार्यों को अंजाम देती है, लेकिन हम सभी किडनी को स्वस्थ रखने के बजाय उसे कई और समस्याओं की चपेट में डाल देते हैं। किडनी हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ करने, पेशाब बनाने, रासायनिक संतुलन बनाने और हड्डियों को मजबूत करने जैसे कई कार्यों को अंजाम देती है। किडनी के इन कार्यों को देखते हुए हमें इसे स्वस्थ रखने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि एक बार किडनी खराब हो जाए तो उसे फिर से ठीक कर पाना काफी मुश्किल होता है।

इन तरीकों से किडनी रहती है स्वस्थ

जब किसी व्यक्ति की किडनी खराब होती है तो उसे कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनसे छुटकारा पाना काफी मुश्किल होता है। इसलिए किडनी फेल्योर से होने वाली समस्याओं से बचे रहने के लिए आप निम्न वर्णित उपायों को अपना सकते हैं, जिससे आपकी किडनी खराब होने से बची रहेगी।

बेरीज का सेवन करे

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप बेरीज का सेवन कर सकते हैं। लगभग सभी बेरीज में क्वीनाइन नामक एक खास पोषक तत्व पाया जाता है जो कि सेवन के बाद हिप्यूरिक एसिड में बदल जाता है। हिप्यूारिक एसिड यूरिक एसिड को बनने और उसे जमा होने से रोकता है। इससे आपको यूरिक एसिड की समस्या से छुटकारा मिलेगा और आप किडनी की बीमारी से भी बचे रहेंगे।

खूब पानी पिएं

किडनी को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए आपको दिन में कम से कम दो से तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी से किडनी की बीमारी और मूत्र संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ध्यान दे, एक व्यक्ति को पुरे दिन में जितना पेशाब आता है उससे दोगुना पानी पीना चाहिए।

फल खाएं, जूस पिएं

किडनी से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने के लिए ताजे फल और ताजे फलों के रस का सेवन करना चाहिए। फलों में बहुत से पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

बेकिंग सोडा का करे सेवन

बेकिंग सोडा हमारी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है। एक शोध के बाद यह बात सामने आई है कि बेकिंग सोडा से क्रोनिक किडनी रोगियों का उपचार किया जा सकता है। बेकिंग सोडा के सेवन से रक्त में होने वाली एसिड की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। रक्त में एसिड होना किडनी खराब होने के मुख्य कारणों में से एक है। आप चिकित्सक की सलाह से बेकिंग सोडा को पानी के साथ मिलाकर ले सकते हैं, शोध के अनुसार इससे किडनी खराब होने की गति में कमी आती है।

विटामिन का करे सेवन

विटामिन्स शरीर के विकास में बहुत बड़ी भूमिका अदा करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे विटामिन भी है जो किडनी को मजबूत करने में मदद करते हैं। किडनी को मजबूत रखने के लिए आप विटामिन डी का सेवन करे। यह किडनी खराब होने के कारण होने वाली समस्याओं (लक्षण) से राहत देता है। विटामिन डी 6 किडनी में पथरी बनने से भी रोकता है। अगर आप किडनी में पथरी की समस्या से जूझ रहे है तो आपको विटामिन डी 6 का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा विटामिन सी क्षतिग्रस्त हुए नेफ्रोन को पुनः ठीक करने में मदद करता है और उन्हें क्षतिग्रस्त होने से भी बचाता है।

मुनक्के का पानी पियें

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप रात को कुछ मुनक्को को एक गिलास पानी में भिगों कर रख दें और सुबह-सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करे। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आपका रक्त साफ होने लगता है जिससे किडनी को राहत मिलती है। किडनी रोगी चिकित्सक की सलाह से इसका सेवन कर सकते हैं। ध्यान दें, मुनक्का तासीर में गर्म होता है, इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में ही करें।

शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपनी शारीरिक सक्रियता को बढ़ाना चाहिए। जब कोई व्यक्ति आलस और थकान से भर जाता है तो उसके कारण किडनी से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ने लगती है। ऐसे में व्यक्ति को अपनी क्षमतानुसार अपनी शारीरिक सक्रियताओ को बढ़ाए रखना चाहिए। इसके लिए आपको अपने आहार का खास ख्याल रखना चाहिए और छोटे-छोटे कार्य करते रहना चाहिए, जिससे वह अपने शरीर में फुर्ती को महसूस कर सकते हैं।

वजन बढ़ने से रोके

हमें अपना वजन काबू में रखना चाहिए, यह किडनी की सेहत के लिए जरुरी और लाभकारी होता है। अधिक वजन होने का मतलब है कि किडनी को विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने और बढ़े हुए शारीरिक द्रव्यमान की चयापचय की जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। मोटापा किडनी की बीमारी के दो प्रमुख जोखिम कारकों  मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने के खतरे को भी बढ़ाता है, इसलिए वजन को काबू में ही रखना चाहिए। जिन लोगो का वजन बढ़ा हुआ होता है वह काफी आलसी होते हैं जिसके चलते उनका शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है।

आयुर्वेदिक उपचार से होगा किडनी फेल्योर का उपचार

किडनी रोगियों को एलोपैथीक उपचार के बजाय आयुर्वेदिक किडनी उपचार को ही अपनाना चाहिए, क्योंकि आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे हमारे शरीर में कोई नकरात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। आपको बता दें कि आयुर्वेद किडनी का इलाज लेने से किडनी रोगी को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत नहीं होती क्योंकि किडनी रोगी इन दोनों के बिना ही ठीक हो जाते हैं।

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