किडनी को रोगमुक्त करती है “अमरबेल”

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी को रोगमुक्त करती है “अमरबेल”

हमारे आस-पास ऐसे बहुत सारे औषधीय पेड़-पौधे और बेल मौजूद है जो हमारी कई रोगो से रक्षा करने में सक्षम होती है। ऐसी ही एक जंगली बेल है जो हमारे घर के आस-पास अपने आप ही उग जाती है जिसका नाम है “अमरबेल”। अमरबेल एक परजीवी बेल है जो दुसरे पेड़-पौधों के ऊपर आश्रित होता है। इसकी जद को ढूंड पाना काफी मुश्किल होता है इसी कारण इसे बिना जड़ का पौधा भी कहा जाता है। अमरबेल के पत्ते नहीं होते और इसका रंग काफी हल्का होता है जिसके कारण इसकी पहचान करना काफी आसान होता है। इस बेल को कई नामों से पहचाना जाता है, जैसे - अमरबेल, आकाश बेल, निर्मली आदि।

जैसा कि इस बेल के नाम से ही जाहिर होता है यह बेल एक निरोगी को अमरत्व का वरदान देने में समर्थ है है। यह बेल सूरज की किरणों की मदद से अपना खाना नहीं बनाती बल्कि जिस पेड़ के सहारे यह रहती उसी से अपने पौषक तत्वों की पूर्ति कर लेती है।अमरबेल में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं, यह कब्‍ज, यकृत, दस्‍त, सूजन आदि के उपचार में खासा प्रयोग की जाती है।

किडनी के लिए खास है अमरबेल

किडनी मनुष्य के शरीर का सबसे खास अंग है। यह शरीर में बहने वाले खून को साफ कर उसमे मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों और गैर जरूरी तत्वों को अलग कर उन्हें पेशाब के जरिये शरीर से बहार निकालने का काम करती है। किडनी अपने इस काम से शरीर में रासायनिक संतुलन बना रहता है। लेकिन कभी-कभी किडनी कई समस्याओं से घिर जाती है ऐसे में किडनी को जल्द ठीक करना काफी जरूरी होता है।

अमरबेल में ऐसे बहुत सारे औषधीय गुण मौजूद है जिनकी मदद से यह बेल किडनी को खराब होने से बचाती है। यह बेल किडनी को ऐसे बहुत से रोगों से दूर रखती है जिनके कारण से किडनी खराब होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। इसके इतर किडनी खराब हो जाने के बाद भी अमरबेल की सहायता से किडनी को बड़े आराम से ठीक किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं आखिर कैसे अमरबेल किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करती है :-

हड्डियों को मजबूत करे अमरबेल

अमरबेल के फलों का सेवन करने से हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है। इसके फलों में कैल्शियम काफी मात्रा में होता है, यह हड्डियों की कोशिकाओं को पोषण देने का काम करता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) के लक्षणों से बचाने और हड्डियों को फ्रैक्‍चर से बचाने में मदद करता है। आपको बता दें कि किडनी हमारी हड्डियों को मजबूत करने का विशेष कार्य भी करती है और अमरबेल किडनी के इस कार्य का बोझ कम करने में मदद करती है।

रक्त परिसंचारणसुचारू करे

किडनी ना केवल रक्त को अफ करने का काम करती बल्कि उसके परिसंचारण को भी सुचारू करने में मदद करती है। अमरबेल के फल के बीजों की मदद से रक्त परिसंचारण को सुचारू बनाया जा सकता है।इन बीजों में उपस्थित पोषक तत्‍व मस्तिष्‍‍क और तंत्रिका तंत्र (nervous system) में आक्‍सीजन की आपूर्ति करने में मदद करते है। इसलिए अमरबेल के फलों का सेवन कर शरीर में रक्त परिसंचरण को सही बनाया जा सकता है।

पाचन करे मजबूत

खराब पाचन तन्त्र के कारण एक व्यक्ति कई सारी समस्याओं से घिर जाता है, जिससे लीवर पर नकारात्मक असर पड़ता है। लीवर के कार्य में आई कमी का सीधा असर किडनी पर पड़ने लग जाता है, जिससे किडनी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पाचन तन्त्र को मजबूत करना काफी जरूरी हो जाता है। अमरबेल के फलों में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो खराब पचन तन्त्र को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह आंतों की जकड़न को दूर कर उनको मजबूत बनाने का काम करते है। यह फैट को अवशोषित कर पाचन क्रिया को मजबूत करता है।

वजन कम करने में मदद करे

बढ़ा हुआ वजन कई बीमारियों को न्योता देने का काम करता है।ज्यादा वजन होने के कारण व्यक्ति को उच्च रक्तचाप और मधुमेह होने की आशंका बढ़ जाती है जिससे किडनी खराब हो सकती है। आपको बता दें कि उच्च रक्तचाप और मधुमेह किडनी खराब होने के बड़े कारण कारण है। ऐसे में अमरबेल के बीजों की मदद से आप आसानी से वजन को कम कर सकते हैं। इसके बीजों में मौजूद फाइबर वसा के अवशोषण और पाचन प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे बड़ी आसानी से वजन कम होने लग जाता है।

मधुमेह को करे काबू

मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में कई बीमारियों के होने का कारण होती है। मधुमेह किडनी खराब होने का भी सबसे बड़ा कारण माना जाता है। अमरबेल के बीजों की मदद से रक्त में मौजूद शर्करा को बड़ी आसानी से काबू किया जा सकता है।अमरबेल के बीजों नियमित रूप से सेवन करने खून में मौजूद शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे मधुमेह काबू में आने लग जाता है।

उच्च रक्तचाप को करे काबू

मधुमेह की तरह ही उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का दूसरा सबसे बढ़ा कारण होता है। अमरबेल की मदद से उच्च रक्तचाप को काबू में किया जा सकता है। अमरबेल में पोटेशियम होता है जो रक्त वहिकों को खोल कर उसमे रक्त प्रवाह को सुचारू करता है जिससे रक्त बिना रूकावट के बहने लगता है। इससे रक्त का दबाव का होने लगता है और रक्तचाप काबू में आने लगता है।यदि आपको उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या है तो यह आपके लिए एक औषधी का काम कर सकता है।

किडनी की करे सफाई

अमरबेल किडनी कि सफाई करने में काफी मददगार होती है। यह किडनी में मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों को उससे अलग कर उसकी अच्छी से सफाई करने में मदद करती है। इससे किडनी मजबूत बनी रहती है और अपने काम को ठीक से कर पाती है। किडनी की सफाई करने के लिए आप अमरबेल को पानी में उबाल कर उसके काढ़े का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इससे पेशाब काफी आता तो इसका सेवन हफ्ते में दो से तीन बार ही करें।

पेशाब से जुड़ी समस्याओं का निदान करे

अक्सर पेशाब से जुडी कोई न कोई दिक्कत हो जाती है, जैसे- पेशाब आने में रूकावट आना या मूत्र पथ संक्रमण। अमरबेल इससे छुटकारा दिलाने में काफी मददगार होती है। अमरबेल के काढ़े का सेवन करने से पेशाब खुल कर आने लगता है मूत्र पथ की सफाई हो जाती है जिससे निकट भविष्य में फिर से पेशाब से जुडी कोई समस्या नहीं होती।

सूजन से दिलाए छुटकारा

कभी-कभी किसी शारीरिक कारण के चलते शरीर में सूजन आ जाती है। जिसके कारण व्यक्ति को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किडनी खराब हो जाने पर भी कमर के निचे, चेहरे और पैरों में सूजन आ जाती है, ऐसे में किनी रोगी और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।सूजन को कम करने की एक विशेष क्षमता के अमरबेल के बीजों में होती है। इसलिए यह सूजन को कम करने का एक लाभकारी व प्रभावी विकल्‍प हो सकता है। यह दर्द तथा सूजन को ठीक करने में सक्षम होता है।

क्या अमरबेल से कोई नुकसान भी हो सकता है?

अमरबेल एक आयुर्वेदिक औषधी है, पर कभी कभी इसके उपयोग से कुछ समस्‍याएं हो सकती है इसलिए इनका उपयोग पूरी जानकारी होने पर ही करना चाहिए।अमरबेल के बीज का अर्क आम तौर पर सुरक्षित होता है, पर लेकिन यह बूटी बहुत शक्तिशाली होती है इसलिए उचित लाभ के लिए इसका उपयुक्त खुराक में सेवन करना आवश्यक है।इसका सेवन धीरे-धीरे और थोड़ी मात्रा में करके देखें जिससे कि आपके स्‍वास्‍थ पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। और अमर बेल का सेवन करते समय किसी औषधीय विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें ताकि आप इसके नुकसान से बच सकें।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। वर्तमान में इसकी बागडौर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे हैं। आपको बता दें कि कर्मा आयुर्वेदा में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना आयुर्वेदिक किडनी उपचार किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद पीड़ित को बिना डायलिसिस और किडनी ट्रांस्पलेंट के ही पुनः स्वस्थ करता है। कर्मा आयुर्वेद बीते कई वर्षो से इस क्षेत्र में किडनी पीड़ितों की मदद कर रहा है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। वो भी किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

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