किडनी खराब क्यों होती है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी खराब क्यों होती है?

क्या आपने कभी इस विषय में विचार किया है कि किडनी जो हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ़ करने का काम करती है, आखिर वो खराब क्यों हो जाती है? वैसे तो किडनी खराब होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके पीछे के मुख्य कारण के बारे में बात की जाए तो वो निश्चित ही हमारी बिगड़ती लाइफस्टाइल ही होगी। आज के समय में हर दसवा इन्सान किडनी से जुड़ी किसी ना किसी बीमारी से जूझ रहा है, जिसका कारण एक ही है “बिगड़ती लाइफस्टाइल”। आज के इस लेख में हम इसी विषय में चर्चा करेंगे कि आखिर हमारी किडनी खराब क्यों हो जाती है? नीचे किडनी खराब होने के कुछ आम कारणों का वर्णन किया गया है, जिन्हें आप ध्यान में रख अपनी किडनी खराब होने से बचा सकते हैं।

इन कारणों के चलते होती है किडनी खराब

नमक की मात्रा अधिक लेना – कुछ लोग बहुत ज्यादा नमक खाने के आदि होते हैं, जिसके कारण उन्हें हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है जो कि किडनी खराब होने का मुख्य कारण है। ज्यादा नमक खाने से उसका सीधा असर हमारी किडनी पर पड़ता है, इसलिए हमें रोजाना अपनी डाइट में 5 ग्राम से अधिक नमक नहीं लेना चाहिए।

पेशाब रोकना – बहुत से लोगो में काफी देर तक पेशाब रोकने की आदत होती है, यह देखने में तो एक आम सी आदत नज़र आती है लेकिन, यह किडनी खराब होने का काफी बड़ा कारण है। अधिक समय तक पेशाब रोकने से पेशाब वापिस किडनी की ओर जाने लगता है, जिससे किडनी में सूजन आने के साथ-साथ वह संक्रमित भी हो जाती है। समय से उपचार ना मिलने से इन समस्याओं से किडनी खराब हो जाती है।

मधुमेह –  मधुमेह जीवनभर साथ चलने वाली एक बड़ी बीमारी है, जो अन्य समस्याओं के साथ-साथ किडनी फेल्योर को भी निमन्त्रण देने का काम करती है। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़  जाती है, जिसे किडनी को साफ़ करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। शर्करा भरे रक्त को साफ़ करने के कारण किडनी के नेफ्रोन क्षतिग्रस्त होने लगते हैं और फिर किडनी खराब हो जाती है। इसलिए अगर आप मधुमेह से जूझ रहे हैं तो आपको इसके स्तर को हमेशा काबू में रखने की कोशिश करनी चाहिए।

कम पानी पीना – जो लोग दिन भर में बहुत कम पानी पीते हैं, उनकी किडनी खराब होने के आसार अधिक होते हैं। पानी पीने से किडनी की सफाई होती रहती है, जिससे पेशाब की मात्रा मे कमी नहीं आती। किडनी पेशाब के जरीये शरीर के सभी अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकाल देती है। अगर कोई व्यक्ति कम पानी पीता है तो उसके शरीर में बनने वाले अपशिष्ट उत्पाद शरीर से बाहर ना जाकर रक्त में जमा होने लगते हैं और देखते ही देखते किडनी खराब हो जाती है।

अधिक दवाओं का सेवन – कुछ लोगों को हर छोटी सी समस्या में दवा लेने की आदत होती है, लोगो की यह आदत उनकी किडनी के लिए नुकसानदायक होती है। दर्द निवारक दवाएं किडनी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। अधिक मात्रा में दर्दनिवारक दवाओं के सेवन से किडनी के नेफ्रोन क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिन्हें फिर से ठीक करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में किडनी की कार्यक्षमता कम होने लगती है और वह धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है।

शराब का सेवन – शराब पीने से किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाते हैं साथ ही किडनी का पडोसी यानि लीवर पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। किडनी के फिल्टर्स खराब होने के कारण किडनी रक्त शुद्ध करने के साथ अन्य कार्य करने में असमर्थ हो जाती है। जिसके कारण रोगी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

आयुर्वेदिक उपचार से किडनी फेल्योर का उपचार है संभव

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आपको बता दें कि आयुर्वेदिक उपचार लेने से किडनी रोगी को किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत नहीं होती क्योंकि आयुर्वेदिक किडनी उपचार से इन दोनों के बिना ही ठीक हो जाते हैं।

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