किडनी हमारे शरीर में सभी रसायनों के बीच संतुलन बनाने का काम करती है, जिससे शरीर का विकास ठीक रूप से हो पाता है। किडनी मूल रूप से हमारे शरीर में बहने वाले रक्त को साफ करने का काम करती है। किडनी रक्त में मौजुद सोडियम, एसिड, अतिरिक्त शर्करा, पोटेशियम, और बाकी अन्य अपशिष्ट उत्पादों को रक्त से अलग कर उन्हें पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल देती है। किडनी के इस कार्य से शरीर में साफ रक्त का प्रवाह होता है। किडनी रक्त शोधन के अलावा शरीर में पानी के संतुलन को बनाने का काम भी करती है और यहाँ तक कि हड्डियों को मजबूत करने का काम भी करती है।
लेकिन जब किडनी खराब हो जाती है तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, क्योंकि व्यक्ति इस बारे में बहुत देरी से पता चलता है। किडनी खराब होने के बारे में जब तक रोगी को पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। जब रोगी को अपनी खराब किडनी की खबर मिलती है, उस समय पीड़ित की किडनी 60-65% तक खराब हो चुकी होती है। किडनी खराब होने की स्थिति में रोगी के शरीर में इसके कई लक्षण दिखाई देते हैं। जिसकी पहचान कर हम इस जानलेवा बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।
किडनी फेल्योर की पहचान इन लक्षणों से होती हैं -
जब किसी व्यक्ति की किडनी खराब होती है तो उसके शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं :-
पेशाब की मात्रा में परिवर्तन:
पेशाब की मात्रा में परिवर्तन पर लोग ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन यह एक बड़ी समस्या है,यह किडनी खराब होने की तरफ संकेत करता है। अगर आपको रोजाना के मुकाबले कम या अधिक पेशाब आता है तो इस समस्या को हल्के में ना लें। किडनी की समस्या होने पर व्यक्ति को अकसर कम मात्रा में पेशाब आता है वहीं कुछ लोगो को रात के समय पीले रंग का पेशाब आता है। और कुछ लोगो को पेशाब आने का दाब तो महसूस होता है लेकिन आता नहीं है। यह सभी किडनी खराब होने का साफ संकेत है।
पेशाब के दौरान जलन:
अगर आपको पेशाब करते समय मूत्र नलिका में जलन के साथ तेज दर्द हो तो यह मूत्र संक्रमण की तरफ साफ संकेत होता है। मूत्र संक्रमण पर काबू ना किया जाए तो आपकी किडनी जल्दी खराब हो सकती है।
बार-बार उल्टियां आना:
किसी व्यक्ति को अगर तेज पेट दर्द के साथ बार बार उल्टियां आए तो यह किडनी लक्षण किडनी खराब होने की तरफ संकेत देता है। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सक से मिले। ध्यान दें यह स्थति कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है जैसे अपच, फ़ूड में विषाक्त तत्व उत्पन्न होने के कारण आदि।
पेशाब मे प्रोटीन आना:
अगर पेशाब में प्रोटीन आने लगे तो यह किडनी खराब होने की तरफ संकेत देता है। ऐसे में पेशाब का रंग बदल सकता है, जैसे पीला और गहरा नारंगी। इसके अलावा गाढ़ा या झागदार पेशाब भी आता है, यह प्रोटीनुरिया की ओर संकेत करता है।
सांस लेने में तकलीफ:
किडनी खराब होने पर शरीर मे पानी की मत्रा बढ़ने लगती है। यह पानी बाकि अंगों के मुकाबले फेफड़ों में अधिक जमा हो जाता है। फेफड़ों में पानी की अधिक मात्रा होने के कारण सांस लेने मे दिक्कत होने लगती है। अगर आपको अचानक छाती में भारीपन और र्सांस लेने में दिक्कत होने लगे तो यह किडनी खराब होने का साफ संकेत है। अधिक धुम्रपान करने के कारण से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
पेशाब आने में समस्या होना:
किडनी में समस्या होने पर रोगी को बार-बार पेशाब आ सकता है या उसे काफी समय तक पेशाब नहीं आता, ऐसा शरीर में पानी की मात्रा बढ़ने या घटने के कारण होता है।
पेशाब का रंग बदल जाना:
आमतौर पर कई बार पेशाब का रंग बदल जाता है, लेकिन ऐसा काफी कम समय के लिए ही होता है। लेकिन अगर ऐसा लम्बे समय पट चले तो यह किडनी खराब होने कि ओर इशारा करता है, ऐसे में पेशाब का रंग गाढ़ा केसरी हो जाता है।
शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन:
किडनी खराब होने पर शरीर के कुछ हिस्सों जैसे – कमर, आँखों के आसपास और विशेषकर पैरों में सूजन आ जाती है। यह शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण से होता है।
अचानक बेहोश होना:
अगर कोई व्यक्ति अचानक बिना किसी बीमारी के बेहोश होने लगे और अब तक ऊपर बताएं गये लक्षण भी दिखाई दे (कोई अन्य) तो यह किडनी खराब होने का साफ संकेत है। यह स्थिति किडनी खराब होने की सबसे गम्भीर स्थिति मानी जाती है। इस समय किडनी को ठीक करना बहुत मुश्किल होता है। ध्यान दें शारीरिक कमजोरी के कराण से भी अचानक बेहोशी आ सकती है।
बार-बार पेशाब आने का अहसास होना:
जब आपको बार-बार पेशाब होने का एहसास होने लगे मगर करने पर नहीं होना कि़डनी में खराबी की तरफ असर करता है।
पेट में तेज दर्द:
अगर आपके पेट में अचानक दांयी या बायीं तरफ असहनीय दर्द होता है तो तुरंत चिकित्सक से मिले। यह किडनी खराब होने का बड़ा संकेत होता है।
ठंड के साथ तेज बुखार:
अगर आपको कंपकंपी ठण्ड के साथ तेज बुखार लम्बे समय तक रहे या आता – जाता रहे तो यह किडनी के ठीक से काम ना करने की ओर साफ संकेत है।
गंधदार पेशाब:
अगर आपको अचानक से लम्बे समय तक तेज़ बदबूदार पेशाब आना शुरू हो जाता है तो इसका मतलब यह की किडनी अपना काम ठीक से नहीं पा रही है। यानि वह खराब होने वाली है। तुरंत अपने खानपान में बदलाव करे।
आयुर्वेदिक उपचार से होगा किडनी फेल्योर का उपचार
कर्मा आयुर्वेदा में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आपको बता दें कि आयुर्वेदिक किडनी उपचार लेने से किडनी रोगी को किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत नहीं होती क्योंकि किडनी रोगियों का इलाज इन दोनों के बिना ही ठीक हो जाते हैं।