किडनी डायलिसिस का आयुर्वेदिक उपचार

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191

किडनी हमारे शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को बाहर रखने के लिए नियमित रूप से कई आवश्यक कार्य करती है। किडनी की कार्यप्रणाली हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन जब कोई व्यक्ति गुर्दे की विफलता से जूझता है उस दौरान उसे कई समस्यों का सामना करना पड़ता है। गुर्दे की विफलता कई स्वास्थ्य जटिलताओं या लक्षणों को उभरने देती है जो संकेत देते हैं कि व्यक्ति को तत्काल गुर्दे की बीमारी के उपचार की आवश्यकता है।

किडनी फेल्योर में डायलिसिस :-

किडनी खराब होने के बाद रोगी को गंभीर उपचार से भी गुजरना पड़ता है। किडनी फेल्योर का उपचार भी बहुत जटिल होता है। एलोपैथी उपचार लेने वाले रोगियों को इस रोग के अंतिम चरण में डायलिसिस से गुजरना पड़ता है जो बहुत पीड़ादायक होता है। डायलिसिस रक्त छानने की एक कृत्रिम क्रिया है जो शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अन्य विषाक्त तत्वों शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। किडनी खराब होने पर शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है और रक्त की मात्रा कम हो जाती है जिसे डायलिसिस द्वारा ठीक करने की कोशिश की जाती है। डायलिसिस किडनी फेल्योर का सफल उपचार नहीं है यह सिर्फ रोगी को राहत देने का कार्य करता है। हर रोगी इस उपचार को सहन नहीं कर पाता क्योंकि इसके दौरान रोगी को पीड़ा का सामना करना पड़ता है।

डायलिसिस दो प्रकार का होता है,  पहला : हीमोडायलिसिस और दूसरा : पेरिटोनियल डायलिसिस

हिमोडायलिसिस –

हिमोडायलिसिस किडनी फेल्योर में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला डायलिसिस है। डायलिसिस की इस प्रक्रिया में हिमोडायलिसिस मशीन की मदद से कृत्रिम किडनी में खून साफ किया जाता है, जिसमे ए. वी. फिस्च्युला अथवा डबल ल्यूमेन केथेटर की सहायता से शरीर से रक्त निकाला जाता है। इसी क्रिया द्वारा रक्त शरीर में वापिस भेजा जाता है। हिमोडायलिसिस मशीन द्वारा शरीर में मौजूद अपशिष्ट उत्पादों को कम करने की कोशिश की जाती है। रोगी की हालत के आधार पर डायलिसिस किया जाता है अगर रोगी की हालत अधिक खराब है तो उसका डायलिसिस हर दिन या एक दिन के अन्तराल के बाद किया जाता है वहीं अगर रोगी स्वस्थ है तो उसका डायलिसिस सप्ताह और माह में किया जाता है। साथ ही यह भी ध्यान में रखा जाता है की क्या रोगी इस जटिल प्रक्रिया को सहन कर पा रहा है या नहीं?

पेरिटोनियल डायलिसिस –

पेट का डायालिसिस (सी.ए.पी.डी.) या पेरिटोनियल डायलिसिस एक बहुत जटिल प्रक्रिया है। इस डायलिसिस को रोगी अपने घर पर ही कर सकता है। इस डायलिसिस में किसी प्रकार की मशीन की जरुरत नहीं पडती। इस डायलिसिस में एक खास प्रकार की कई छेदों वाली नरम नली एक सामान्य ओपरेशन (केथेटर) द्वारा पेट में डाली जाती है। इस नाली के डालने के बाद नली द्वारा पी. डी. द्रव पेट में डाला जाता है। कई घंटों के बाद एक अन्य नली के सहारे से पेट में डाले गये द्रव को पेट से निकाल लिया जाता है। इस द्रव के साथ पेट से सारा अपशिष्ट उत्पाद भी बाहर आ जाता है। डायलिसिस का तरीका हिमोडायलिसिस की तुलना में अधिक जटिल और खर्चीला होता है, साथ ही लम्बे समय तक चलता है। बावजूद इसके रोगी को इससे कोई खास राहत नहीं मिलती।

क्या डायलिसिस गुर्दे की बीमारी का एक सही समाधान है?

नहीं, डायलिसिस किडनी की बीमारी का समाधान नहीं है। यह एक कृत्रिम उपचार है जो मशीन की मदद से रक्त को शुद्ध करने की कोशिश करता है जब किसी व्यक्ति की किडनी ऐसा करने में सक्षम नहीं होती है। डायलिसिस सिर्फ एक अस्थायी उपचार है जो किडनी के कुछ कार्य करने लायक बनाता है। इस प्रक्रिया को त्वरित सुधार भी कहा जा सकता है, जो केवल कुछ समय के लिए गुर्दे की विफलता के लक्षणों के लिए एक ठहराव के रूप में काम करता है। दुनिया भर में कई लोग हैं जो डायलिसिस से गुजर रहे हैं और इसकी जटिलताओं से अनजान हैं। साथ ही कुछ अन्य गुर्दा रोगी भी हैं, जो केवल डायलिसिस के दौर से गुजर रहे हैं वे एक प्राकृतिक रास्ता खोजने में विफल रहे हैं। इस स्थिति में बहुत से लोग सोचते हैं कि डायलिसिस से कैसे बचा जाए और प्राकृतिक रूप से गुर्दे की बीमारी का इलाज किया जाए। यदि आप लम्बे समय से डायलिसिस से गुजर रहे है तो आपको आयुर्वेद की मदद लेनी चाहिए। आयुर्वेद की मदद से डायलिसिस जैसे जटिल किडनी उपचार से बचा जा सकता है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेदा किडनी रोगियों का उपचार बिना डायलिसिस के करता।

डायलिसिस से बचने के प्रभावी तरीके :-

यदि आपके दिमाग में चल रहे एक सवाल "डायलिसिस से कैसे बचें और किडनी की बीमारी का इलाज कैसे करें", तो आपको कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन से मिलने की जरूरत है। डायलिसिस से बचने और गुर्दे की बीमारी को स्वाभाविक रूप से ठीक करने के कुछ प्रमुख तरीके हैं:

  • मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे विकारों को नियंत्रित करें
  • धूम्रपान छोड़ने
  • अधिक मात्रा में सोडियम का सेवन करने से बचें
  • अपनी दिनचर्या में व्यायाम का शेड्यूल जोड़ें
  • स्वस्थ भोजन करें और सही वजन का प्रबंधन करें

अगर आप डायलिसिस पर है तो आपको यहाँ कुछ आहार से जुडी जानकारी दी गई है जिन्हें अपनाकर आप डायलिसिस जैसी जटिल प्रक्रिया से बच सकते है।

  • सब्जियां- अपने आहार में सब्जियों को शामिल करना एक वास्तविक प्रभाव परिवर्तन होगा। गुर्दे के रोगियों के समग्र स्वास्थ्य में सुधार के लिए गोभी, फूलगोभी, लहसुन, लाल शिमला मिर्च और प्याज जैसी सब्जियां बहुत प्रभावी हैं।
  • फल - कुछ ऐसे फल हैं जो किडनी के रोगियों के लिए चमत्कार कर सकते हैं। इसमें कीवी, रसभरी, सेब, क्रैनबेरी,  ब्लूबेरी,  स्ट्रॉबेरी,  चेरी शामिल हैं,  आप काले अंगूर का भी सेवन कर सकते है। ऐसे में आपको केले का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

आयुर्वेदिक उपचार ही ऐसा उपचार है जिसकी मदद से हम किसी भी प्रकार के रोग को जड़ से खत्म कर सकते है। आयुर्वदिक पद्धत्ति द्वारा उपचार कराते हुए हम इस बात से निश्चित होते है की यह दवाएं अंग्रेजी दवाओं की तरह हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुँचाने वाली। क्योंकि अयुर्वेदिक दवाओं में कोई कैमिकल नहीं होता। आयुर्वेद में सभी रोगों का उपचार प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से किया जाता है। आयुर्वेद की सहायता से किडनी फेल्योर का सफल उपचार किया जा सकता है.

इस समय देशभर में अनेक आयुर्वेदिक उपचार केंद्र उपलब्ध है। लेकिन कर्मा आयुर्वेद एक ऐसा किडनी उपचार केंद्र है जो पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवाओं से किडनी फेल्योर का इलाज करता है। कर्मा आयुर्वेद की स्थापना वर्ष 1937 में हुई थी। तभी से कर्मा आयुर्वेदा किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहा हैं। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन इसका नेतृत्व कर रहे है। आपको बता दें कि आयुर्वेद में किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी की इलाज किया जाता है।

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा किडनी ठीक करने को लेकर चमत्कार के रूप में साबित हुआ हैं।

लेख प्रकाशित