बनारस (यू.पी.) से आए पेशेंट का नाम उमेश वर्मा है। वह किडनी फेल्योर की अंतिम स्थिति से जूझ रहे थे। रोगी की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि, उन्होंने दो बार डायलिसिस करवाना पड़ा। साथ ही उमेश जी को किडनी की बीमारी की वजह से बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जैसे - पेट में पानी भर जाना, शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, यूरिन की समस्या और सांस फूलना आदि।
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी को टीवी के माध्यम से कर्मा आयुर्वेदा के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में पता चलने पर, उन्होंने तुरंत ही अपना इलाज शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक उपचार शुरू करने से पहले उनका क्रिएटिनिन लेवल – 6.1mg/dl था लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से इलाज के बाद क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 1.64mg/dl पर पंहुच गया है। रोगी को सभी समस्याओं से भी छुटकारा मिल गया है।
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा से इलाज प्राप्त करने के बाद उनका क्रिएटिनिन लेवल सामान्य पर आ गया है। साथ ही उमेश जी को डायलिसिस से मुक्ति भी मिल गई है।
पेट में पानी भरने का आयुर्वेदिक उपचार
पेट हमारे शरीर का ऐसा भाग है जिसमें पाचन संबंधित और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने वाले महत्वपूर्ण अंग जैसे लिवर, आंत, किडनी आदि होते हैं। इन अंगों के प्रभावित होने पर इसका असर पेट पर पड़ता है। जलोदर पेट से संबंधित एक रोग है जिसमें पेट में पानी भर जाता है। यह रोग लिवर के खराब होने या लिवर के किसी पुराने रोग की वजह से हो जाता है। इस रोग की वजह से मरीज का पेट अधिक फूल जाता है और शरीर के अन्य अंगों में सूजन आ जाती है। इस रोग की वजह मरीज का ह्रदय, किडनी जैसे कई अंग भी प्रभावित होते हैं। जलोदर को एसाइड्स कहते हैं, क्योंकि इस रोग में पेट में जो जल भरता है उसमें एसाइटिक नाम का प्रोटीन होता है। जलोदर अपने आप में कोई रोग नहीं है बल्कि यह हार्ट, किडनी या लिवर के किसी रोग के कारण बन जाता है।
दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी के मरीजों का इलाज किया जाता है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है जिससे रोगी जल्द स्वस्थ हो सकें।