किडनी पेशेंट के.सी.शेरपा - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी पेशेंट के.सी.शेरपा - कर्मा आयुर्वेदा

सिक्किम से आई रोगी का नाम के.सी.शेरपा है, जो कि किडनी की बीमारी की गंभीर स्थिति से जूझ रही थी और उनके बढ़ते क्रिएटिनिन लेवल की वजह से उन्हें डायलिसिस के लिए बोल दिया गया था। साथ ही रोगी को इस बीमारी की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जैसे – शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन, बैठने-उठने में तकलीफ, बुखार और क्रिएटिनिन लेवल का लगातार बढ़ना आदि।

आयुर्वेदिक उपचार के बाद –

रोगी को सिक्किम में किसी के माध्यम से कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलने पर, उन्होंने तुरंत ही दिल्ली आकर अपना आयुर्वेदिक उपचार शुरू कर दिया। रोगी का पहले क्रिएटिनिन लेवल – 10.9mg/dl था, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 2.9mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही रोगी को डायलिसिस पर जाने से भी बचाया है और स्वस्थ समस्याओं में भी सुधार आया है जैसे – अच्छे से चलना-फिरना, सूजन खत्म हुई, क्रिएटिनिन लेवल और यूरिया लेवल सामान्य पर आ गया है।

आयुर्वेद की मदद से किडनी को नुकसान से बचाए -

जब किडनी को किसी बीमारी की वजह से नुकसान पहुंचता है, तब किडनी अपना काम करना बंद कर देती है या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती, तो इस स्थिति को किडनी की बीमारी कहा जाता है। जब किडनी रोग होता है तब किडनी प्रभावी रूप से अपशिष्ट द्रव को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती। जिससे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन भी खराब हो जाता है। शरीर में अपशिष्ट द्रव जमा होने से शरीर का संतुलन खराब होने लगता है, जिससे आपको अपने शरीर में कई समस्याएं महसूस होने लगती हैं।

कर्मा आयुर्वेदा भारत के बेस्ट किडनी फेल्योर आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी के गंभीर रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में आता है।

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