किडनी पेशेंट जे.पी सिंह - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
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मरीज का नाम जे.पी सिंह हैं जो जौनपुर यूपी से आए हैं। वह किडनी रोग से पीड़ित थे। रोगी की हालत बिल्कुल गंभीर हो गई थी जिससे चलते डॉक्टरों ने डायलिसिस लेने के लिए बोल दिया था और बाद में ट्रांसप्लांट लेने के लिए भी कही था।

इलाज से पहले

  • उल्टी होना
  • सरददर्द होना
  • हाई क्रिएटिनिन लेवल – 9.6
  •  

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

कर्मा आयुर्वेदा से इलाज के बाद मरीज में बहुत से सुधार आए हैं। रोगी जे.पी सिंह के परिवार वालों ने आयुर्वेद को एक चमत्कार के रूप में मान लिया हैं, क्योंकि पहले से शारीरिक तौर पर फिट है अपना हर काम खुद ही करते हैं।

  • उल्टी होना बंद हो गई हैं
  • सरदर्द नहीं होता
  • क्रिएटिनिन लेवल – 6.9

विश्लेषण:

कर्मा आयुर्वेदा की आयुर्वेदिक दवाओं के द्वारा रोगी पहले से बेहतर महसूस कर रहा हैं और उन्हें हर लक्षणों से छुटकारा मिल गया हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ हैं डॉ. पुनीत धवन ने सबुत के साथ हजारों मरीजों से भी ज्यादा किडनी रोग से मुक्त किया हैं। सिर्फ आयुर्वेदिक किडनी उपचार और डॉ. पुनीत धवन के द्वारा आहार चार्ट से।

किडनी की बीमारी

किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं क्योंकि हमें जीवित रखने के लिए शरीर में होने वाले सैकड़ों फंक्शन किडनी के माध्यम से होते हैं। किडनियां हमारी पंसलियां के नीचे स्थित होती हैं। आमतौर पर किडनी हमारे खून में जमा गंदगी, अतिरिक्त पानी और शरीर के लिए हानिकारक तत्वों को छानकर अलग करती है।

यह सभी हानिकारक तत्व हमारे ब्लैडर में इकट्ठी होती हैं और फिर पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं। इसके अलावा किडनी हमारे शरीर में सोडियम, पोटेशियम और पीएच लेवल को भी संतुलित करती हैं। ये ऐसे हार्मोन्स का निर्माण करती हैं जो हमारे रक्तचाप को कंट्रोल करती हैं और रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करती हैं। किडनी हमारे शरीर में विटामिन डी को एक्टिवेट करती हैं, क्योंकि किडनी हमारी हड्डियों कैल्शियम को एब्जॉर्ब कर सकें।

कर्मा आयुर्वेदा में सालों से किडनी रोगियों का इलाज किया जाता है। ये एकमात्र आयुर्वेदिक किडनी संस्थान हैं जो सभी किडनी रोगियों को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट से दूर रखता हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 में स्थापिरॉत किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। जिसने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया हैं। वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

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