किडनी पेशेंट मनीष रेड्डी - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी पेशेंट मनीष रेड्डी - कर्मा आयुर्वेदा

नागपुर से आए किडनी रोगी का नाम मनीष रेड्डी है। वह किडनी फेल्योर की समस्या से पीड़ित थे। रोगी का क्रिएटिनिन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा था और इसी के साथ उन्होंने काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जैसे – बार-बार उल्टी होना, चेहरे पर सूजन, हाथ और पैरों में सूजन, चक्कर आना, चलने-फिरने में तकलीफ और पेट दर्द आदि।

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा के यूट्यूब चैनल पर पेशेंट वीडियो देखा और फिर उन्होंने कर्मा आयुर्वेदा से तुरंत इलाज शुरू कर दिया। मनीश जी ने एक महीना पहले इलाज शुरू किया था और अब वह बिल्कुल स्वस्थ और तंदुरूस्त महसूस कर रहे हैं। वह अब किडनी की बीमारी के सभी लक्षणों से मुक्त हो गए हैं। साथ ही उनका क्रिएटिनिन लेवल – 4.4mg/dl से घटकर 2.30mg/dl पर पंहुच गया है।

किडनी का आयुर्वेदिक उपचार

किडनी शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर से रक्त में एकत्रित हुई गंदगी को हटाने और तरल पदार्थ व मिनरल्स के संतुलन को बनाए रखने का काम करती है। किडनी के इस काम में अक्षमता ही किडनी फेल्योर कहलाती है, जो काफी गंभीर बीमारी होती है। साथ ही डायबिटीज के दुष्परिणाम के चलते किडनी की खराबी आम बात होती जा रही है। 20 से 30% डायबिटीज रोगियों में किडनी की बीमारी डायबिटीज नेफ्रोपैथी कहलाती है।

किडनी रोग में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसका हमें जल्दी से पता नहीं लग पाता और जब इसके बारे में पता चलता है, तब काफी देर हो चुकी होती है। किडनियां एक मिनट में 125ml रक्त को साफ करती हैं। साथ ही किडनी पेशाब के जरिए हानिकारक पदार्थ को बाहर निकालती है। यह आपके ब्लड प्रेशर और केल्शियम की मात्रा को नियंत्रण में रखती है। लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखने के लिए किडनी एक अहम भूमिका निभाती है।

कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल दिल्ली के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक है। यह सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कर्मा आयुर्वेदा में डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है। यहां सभी मरीजों को पर्याप्त जड़ी-बूटियों से बनी दवाओं और उचित आहार चार्ट की मदद से डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट जैसी दर्दनाक प्रक्रियाओं से बचाया जाता है।

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