किडनी पेशेंट रणवीर सिंह - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी पेशेंट रणवीर सिंह - कर्मा आयुर्वेदा

रोगी का नाम रणवीर सिंह है जो क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या से जूझ रहे थे। यह बीमारी बेहद खतरनाक हैं जिसमें लोगों को अपनी जान भी गवानी पड़ती हैं। रोगी को भी इस में काफी दर्द का सामना करना पड़ रहा और क्रिएटिनिन लेवल भी बढ़ता चला जा रहा था जिसकी वजह से डॉक्टरों ने रोगी को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया था।

इलाज से पहले

  • थकान महसूस होना
  • उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 9.31

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी के बेटे ने बताया कि, किडनी डॉक्टर का चयन करते समय यूट्यूब पर कर्मा आयुर्वेदा के बारे में देखा और कर्मा आयुर्वेदा के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जाना। अगले दिन ही आयुर्वेदिक उपचार शुरू कर दिया। एक महीने में ही रोगी में सुधार आने लगा हैं और क्रिएटिनिन भी पहले से कम हो गया।

  • थकान न होना
  • क्रिएटिनिन लेवल – 1.8

विश्लेषण:

कर्मा आयुर्वेदा ने फिर एक ओर रोगी को डायलिसिस से बचाया हैं। बस आयुर्वेदिक किडनी उपचार के साथ डाइट चार्ट का पालन करने की जरूरत हैं। मात्र एक महीने में क्रिएटिनिन 9 से 1 पर पंहुच गया हैं ऐसे सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा में ही संभव हैं।

क्रोनिक किडनी डिजीज और आयुर्वेदिक उपचार

क्रोनिक किडनी डिजीज में किडनी खराब होने की प्रक्रिया बेहद धीमी होती हैं, जो महीनों से सालों तक चलती हैं। क्रिएटिनिन लेवल अगर धीरे-धीरे बढ़ता हैं तो किडनी की कार्यक्षमता की इस खून जांचसे गणना की जा सकती हैं। eGFR नामक जांच में क्रोनिक किडनी डिजीज के लेवल को हल्के, मध्यम या गंभीर रूप से वर्गीकृत किया जा सकता हैं।

साथ ही लंबे समय के बाद मरीजों की दोनों किडनी संकुड़कर एकदम छोटी हो जाती हैं और काम करना बंद कर देती हैं, जिसे किसी भी दवा, ऑपरेशन और डायलिसिस से ठीक नहीं किया जा सकता हैं। क्रोनिक किडनी डिजीज को पहले क्रोनिक रीनल फेल्योर कहते थे, लेकिन फेल्योर शब्द एक गलत धारणा देता हैं। क्रोनिक किडनी की प्रांरभिक अवस्था में किडनी द्वारा कुछ हद तक कार्य संपादित होता हैं और अंतिम अवस्था में ही किडनी पूर्ण रूप से कार्य करना बंद कर देती हैं। क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज का प्राथमिक स्टेज उचित दवा देकर और खाने में परहेज से किया जा सकता हैं।

एक स्वस्थ आहार के साथ, आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार का दिर्घकालिक प्रभाव हो सकता हैं। वे आयुर्वेदिक दवाओं और प्राकृतिक तकनीकों का उपयोग करते हैं जो पूर्व-एतिहासिक रूप से जांच की जाती हैं। कर्मा आयुर्वेदा भारत के साथ-साथ एशिया के भी जाने-माने आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्रो में आता हैं। ये 1937 से किडनी और यकृत रोगियों का इलाज कर रहे हैं। यह क्लीनिक अपने सभी मरीजों को अपर्याप्त जड़ी-बूटियों और कार्बनिक खुराक से बनी दवाओं के साथ अच्छी तरह से स्वस्थ कर देते हैं।

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