पेशेंट का नाम रनवीर सिंह (50 उम्र) हैं, जो कि किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से जूझ रहे थे। रोगी रनवीर सिंह जी का लगातार बढ़ना क्रिएटिनिन लेवल और गंभीर हालत को मध्य नजर रखते हुए, एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया था। इसी के साथ उन्हें इस बीमारी की वजह से अन्य जटिलताओं का भी सामना करना पड़ रहा था।
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार के बाद
रोगी के बेटे को कर्मा आयुर्वेदा के बारे में यूट्यूब के माध्यम से पता चला था, तब उन्होंने अपने पिता का तुंरत ही क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक औषधि से शुरू कर दिया। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले रोगी का क्रिएटिनिन लेवल – 9.31mg/dL था और क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय प्राप्त करने के बाद मात्र एक महीने के अंदर ही उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 1.8mg/dL पर पहुंच गया है। साथ ही रोगी रनवीर जी को दर्दभरे डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट से भी मुक्ति मिल गई।
किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार
आजकल की जीवनशैली में बदलाव के कारण और गलत खानपान की आदतों की वजह से किडनी रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हर साल लगभग साढ़े आठ लाख लोग किडनी रोगों के कारण मर जाते हैं। खराब जीवनशैली और गलत खानपान आपकी किडनी को बुरी तरह प्रभावित करती है, जिसके कारण किडनी ठीक से रक्त को फिल्टर नहीं कर पाती है। रक्त जब ठीक से फिल्टर नहीं होता, तो रक्त में मौजूद अपशिष्त पदार्थ और जहरीले तत्व इकट्ठा होकर किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पंहुचाते हैं। किडनी रीढ़ की हड्डी के दोनों सिरों पर बीन के आकार में होती है। शरीर के खून का बड़ा हिस्सा किडनी से होकर गुजरता है। किडनी में मौजूद लाखों नेफ्रोन नलिकाएं खून को छानकर शुद्ध करती है। यह खून के अशुद्ध भाग को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकालती है। किडनी रोग की शुरूआती अवस्था में पता नहीं चल पाता है और यह बीमारी खतरनाक रूप ले लेती है।
आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो हर रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती है। कर्मा आयुर्वेदा में किडनी का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है और यह भारत का एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने सफलता के साथ 35,000 से अधिक मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी से छुटकारा दिलाया है। साथ ही, जिन लोगों को किडनी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की नौबात आ गई थी उन्हें भी इन दर्दनाक प्रक्रियाओं से मुक्त किया है।