किडनी पेशेंट रामकली - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी पेशेंट रामकली - कर्मा आयुर्वेदा

रोगी का नाम श्रीमती रामकली है (उम्र 50 साल), जो कि किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थी। रोगी के बेटे ने बताया, कि उनकी मां को बढ़ते क्रिएटिनिन स्तर के साथ-साथ काफी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • अधिक थकान रहना
  • सांस फूलना
  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 6.45mg/dl

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी के बेटे ने 2 महीने पहले ही कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक इलाज शुरू किया था और मात्र 2 महीने के अंदर ही उनमें सुधारा आना शुरू हो गया। साथ ही वह स्वस्थ महसूस कर रही है।

  • थकान खत्म हुई
  • सांस फूलने की दिक्कत न होना
  • क्रिएटिनिन स्तर – 4.34mg/dl

किडनी की बीमारी को ला इलाज घोषित कर दिया था, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा ने इस बीमारी को खत्म कर अपना एक मुकाम हासिल किया है। वो भी सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार की मदद से।

किडनी रोग का आयुर्वेदिक उपचार

किडनी हमारे शरीर में संतुलन बनाए रखने के कई कार्यों को करती है। वह अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करके पेशाब के द्वारा बाहर निकालती है। वह शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा को संतुलित करती है। किडनी अतिरिक्त अम्ल और क्षार निकालने में मदद करती है, जिससे शरीर में एसिड और क्षार का संतुलन बना रहता है। साथ ही शरीर में किडनी का महत्वपूर्ण रक्त को शुद्धिकरण करना है। जब बीमारी की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिसे किडनी फेल्योर कहा जाता है।

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में आता है।

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