मनाली, हिमाचल से आए रोगी विवेक किडनी की समस्या से पीड़ित थे। विवेक अधिक बॉडी बिल्डिंग किया करते थे जिसमें उन्हें ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना पड़ता था और रोगी ने 4 साल तक प्रोटीन का सेवन किया था। उनका क्रिएटिनिन लेवल बढ़ता जा रहा है। रोगी की हालत इतनी गंभीर हो गई थी कि एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया था।
इलाज से पहले
- अधिक थकान होना
- कुछ हिस्सों में सूजन आना
- हाई क्रिएटिनिन लेवल – 4.5mg/dl
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
रोगी ने 3 से 4 महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक इलाज शुरू किया था और अब वह बिल्कुल स्वस्थ और तंदुरूस्त महसूस कर रहे है। आयुर्वेदिक उपचार की मदद से डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट से मुक्ति मिल गई है।
- थकान न होना
- सूजन खत्म हुई
- क्रिएटिनिन लेवल – 2.8 mg/dl
अधिक प्रोटीन की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार
पेशाब से प्रोटीन निकलना, बार-बार पेशाब आना महसूस होना और शरीर अचानक से फुलने लगे तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, तुंरत डॉ. पुनीत धवन से संपर्क करें। यह किडनी खराब होने का संकेत है। किडनी रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। बच्चे का शरीर अचानक फूलने लगे और पेशाब से प्रोटीन निकलने लगे तो इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है। बच्चा हो या बड़ा इस बीमारी की चपेट में आने वाले व्यक्ति का सही इलाज मिल जाए तो उसे नई जिंदगी दी जा सकती है।
वैसे तो किडनी रोग का इलाज ना मुमकिन है और एलोपैथी डॉक्टर अक्सर किडनी रोग के लिए डायलिसिस की सलाह देते हैं या किडनी ट्रांसप्लांट करने को कहते है, लेकिन अब आयुर्वेदिक उपचार से किडनी के किसी भी रोग को ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके दवाएं बनाए जाती है। जिससे रोगियों को कोई नुकसान या दुष्प्रभाव नहीं होता है। भारत के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक केंद्र में से एक हैं कर्मा आयुर्वेदा। यह अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और इसका नेतृत्व धवन परिवार की 5वीं पीढ़ी से डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है।