पेशेंट का नाम विवेक कुमार हैं वह यूपी के रहने वाले हैं। रोगी किडनी रोग से जूझ रहा था। विवेक कुमार के भाई ने बताया कि, रोगी की हालत बिल्कुल गंभीर थी लगातार क्रिएटिनिन लेवल बढ़ता चला जा रहा था। जिसकी वजह से डॉक्टरों ने डायलिसिस और ट्रांसप्लांट लेने को बोल दिया था।
इलाज से पहले
- हाथ, पैरों में सूजन
- थकान रहना
- ब्लड प्रेशर लो रहना
- उच्च क्रिएटनिन लेवल -
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद रोगी में सुधार हैं वह पहले फिट महसूस कर रहे हैं। साथ ही डायलिसिस प्रोटोकॉल और किडनी ट्रांसप्लांट से बाहर हैं।
- सूजन खत्म हो गई
- थकान नहीं रहती
- ब्लड प्रेशर सामान्य हैं
- क्रिएटिनिन लेवल -
विश्लेषण:
कर्मा आयुर्वेदा से उपचार के बाद एक रोगी डायलिसिस से बचाया गया। डॉ. पुनीत धवन की आयुर्वेदिक दवाओं और उचित डाइट चार्ट की सलाग से ये सब हुआ हैं। उन्होंने पूर्ण रूप से आयुर्वेद के साथ कई रोगियों को इलाज किया हैं।
किडनी की समस्या
किडनी डायलिसिस आज के समय एक आम समस्या बन गई हैं, लेकिन किडनी खराब होने के कई कारण हो सकते हैं जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। अगर इस रोग के इलाज की बात करें तो करीब 90 प्रतिशत लोग अंग्रेजी दवाओं और इलाज का रूख करते हैं। जबकि किडनी डायलिसिस के लिए आयुर्वेद में भी इलाज मौजूद हैं। किडनी खराब होने पर मरीजों को डायलिसिस पर रहना पड़ता हैं जबकि आयुर्वेद में भी इलाज मौजूद हैं। किडनी खराब होने पर मरीजों को डायलिसिस पर जाने से बचाती हैं बल्कि डायलिसिस से छुटकारा भी दिला देती हैं। बता दें कि, आयुर्वेद के ऐसे फार्मूलों का जिक्र किया गया हैं। आयुर्वेद के फार्मूले पर जांच जड़ी-बूटियों से बनी दवा को लेकर पिछले दिनों यह शोध प्रकाशित हुई हैं। इन दवाओं में गोखुर, वरुण, पत्थरपूरा, पाषाणभेद तथा पुनर्नवा जैसी जड़ी-बूटियां शामिल हैं। पुनर्नवा किडनी की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को फिर से पुनर्जीवित करने में कारगर होता हैं, इसलिए आजकल इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, क्योंकि यह रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता।
कर्मा आयुर्वेदा भारत का एकमात्र आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्रो में से एक हैं। यह 1937 में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल को डॉ. पुनीत धवन चला रहे हैं। वह धवन परिवार की 5वीं पीढ़ी हैं। यहां सिर्फ आयुर्वेदिक किडनी उपचार पर भरोसा किया जाता हैं। डॉ. पुनीत ने डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट की मदद के बिना 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का आयुर्वेदिक उपचार द्वारा ठीक किया हैं।