मरीज़ का नाम श्रीधर हैं जो आगरा के रहने वाले हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से जूझ रहे थे उन्हें इस समस्या में काफी दिक्कतों और दर्द का सामना करना पड़ रहा था जैसे -
- थकान महसूस होना
- सांस लेने में दिक्कत
- उच्च क्रिएटिनिन स्तर – 2.0
- उच्च यूरिया स्तर – 46
आयुर्वेदिक इलाज के बाद
कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक इलाज के बाद वह पहले से बेहतर मेहसूस कर रहे हैं। रोगी ने खुद बताया है कि उनका ब्लड यूरिया और क्रिएटिनिन लेवल पहले से कम हैं। साथ ही शरीरिक तौर पर फिट महसूस कर रहे हैं।
- थकान महसूस न होना
- सांस अच्छे से लेना
- क्रिएटिनिन स्तर – 1.6
- यूरिया स्तर – 43.50
विश्लेषण:
डॉ. पुनीत धवन ने आज एक बार फिर सिद्ध किया हैं कि किडनी की बीमारी से लड़ना संभव हैं और रोग को खत्म किया जा सकता हैं। ऐसे हजारों पेशेंट जो कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार की मदद से रोग मुक्त हुए हैं। आज उनमें से एक श्रीधर जी भी हैं।
किडनी की समस्या और आयुर्वेदिक उपचार
किडनी शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। किडनी रक्त में मौजूद पानी व्यर्थ पदार्थों का अलग करने का काम करती हैं। इसके अलावा शरीर में रसायन पदार्थों का संतुलन, हार्मोन छोड़ना, रक्तचाप नियंत्रित करने में भी सहायता प्रदान करता हैं। यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायता करता हैं। साथ ही किडनी विटामिन डी का भी निर्माण करती हैं और शरीर की हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता हैं।
किडनी की बीमारी लगातार दूषित खान-पान, गलत जीवनशैली की वजह से और नेफ्रोन्स के टूटने से किडनी रोग उत्पन्न होता हैं। इसके कारण किडनी शरीर से व्यर्थ पदार्थों को निकालने में असमर्थ हो जाते हैं। आजकल की बदलती जीवनशैली व काम के बढ़ते दबाव की वजह से लोगों के जंकफूड व फास्ट फूड का सेवन कर ज्यादा करने लगे हैं। जिसकी वजह से किडनी रोग होने का खतरा बढ़ जाता हैं। किडनी रोग को दूर करने लिए कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक किडनी उपचार प्राप्त कर सकते हैं यह बेहद फायदेमंद साबित हुआ हैं।
कर्मा आयुर्वेदा भारत का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्रों में से एक हैं। ये 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। आयुर्वे में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना किडनी का इलाज किया जाता हैं। आयुर्वेद में किडनी समस्याओं को ठीक करने में परिणाम सफल रहा हैं। डॉ. पुनीत ने भारत के मरीज ही नहीं बल्कि दुनिया भर के किडनी रोग से पीड़ित मरीजों को ठीक किया हैं। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर मे कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं।