किडनी पेशेंट श्रीमती सीता देवी - कर्मा आयुर्वेदा

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
किडनी पेशेंट श्रीमती सीता देवी - कर्मा आयुर्वेदा

पेशेंट का नाम सीता देवी (67 उम्र) है, जो कि किडनी की बीमार के अंतिम चरण से जूझ रही थी। रोगी की हालत बेहद नाजूक थी और क्रिएटिनिन लेवल भी लगातार बढ़ता जा रहा था। साथ ही वह हफ्ते में 2 बार डायलिसिस करवाया करते थे। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले वह 5 बार डायलिसिस करवा चुके थे, वैसे एलोपैथी डॉक्टर ने रोगी को बोल दिया था कि, किडनी की बीमारी के अंतिम स्टेज में डायलिसिस के बाद ट्रांसप्लांट करवाना ही पड़ेगा। इतना ही नहीं, रोगी को इस बीमारी में काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • पैरों में सूजन
  • शरीर के कुछ में दर्द रहना
  • बैठने-उठने में दिक्कत होना

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

कर्मा आयुर्वेदा में किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है और रोगी सीता देवी जी ने कुछ महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था। तब वह 5 बार डायलिसिस करवा चुके थे, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार के बाद रोगी ने काफी सुधार देखने को मिला है और डायलिसिस से भी मुक्ति मिल गई है। साथ ही अब वह शारीरिक तौर पर स्वस्थ है और किडनी की बीमारी के सभी लक्षणों से भी छुटकारा मिल गया है।

  • सूजन खत्म हुई
  • काफी अच्छे से चलना-फिरना आदि

किडनी की बीमारी से हुई पैरों की सूजन का आयुर्वेदिक उपचार

एडिमा, जिसको सामान्य भाषा में सूजन कहा जाता है। यह शरीर में कुछ ऊतकों में असामान्य रूप से द्रव इकट्ठा होने की वजह से होता है। यह दव्र स्किन के निचले भाग में भी इकट्ठा हो सकता है। यह अधिकतर पैरों में ही होती है। पैरों की सूजन, जिसको पीडल एडिमा कहा जाता है जो एक सामान्य समस्या है। लेकिन इसमें अक्सर दर्द नहीं होता है। यह कई बार कष्टदायी हो सकता है और रोजाना की गतिविधियों में रूकावटें डाल सकता है। यह रक्त संचार प्रणाली, लिम्स नोड्स या किडनी से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है। वृद्ध या गर्भवती महिलाओं में यह समस्या काफी आम होती है। सूजन आने पर पैरों को हिलाने में कठिनाई पैदा कर सकती है, क्योंकि उस समय आपके पैर सून पड़ जाते हैं।

पैरों की सूजन बेहद गंभीर बीमारी का संकेत है, जिससे रोगी की किडनी भी खराब हो सकती है। कर्मा आयुर्वेदा भारत के बेस्ट किडनी फेल्योर आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी के गंभीर रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां किडनी की आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्रो में आता है।

लेख प्रकाशित

Scroll to up