किडनी खराब होने पर मरीज के स्वस्थ्य को नियंत्रण करने के लिए उसके आहार पर ध्यान देना बेहद जरूरी होता है। अगर रोगी ठीक तरह से अपने स्वास्थ्य के हिसाब से आहार लेते हैं, तो कम से कम औषधि में रोगी की हालत में सुधार लाया जा सकता है। तब आप डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण से भी बच सकते हैं।
आजकल की बिजी लाइफस्टाइल के चलते लोग अपने खान-पान का ध्यान देना भूल जाते हैं, कि उन्हें कब क्या खाना चाहिए। खासकर किडनी पेशेंट्स के लिए डाइट चार्ट का खास ध्यान रखना चाहिए। जैसे किडनी रोगी को नमकीन, चटपटी खट्टी चीजें, तली हुई चीजें, बेकरी आइटम जैसे पाव, ब्रेड, बटर, खारी बिस्कुट, नान खटाई, सूप, नारियल पानी, जूस, कोल्ड ड्रिंक्स, सभी प्रकार की दाले, करेला, भिन्डी, बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्ची, पत्ते वाली सब्जी जैसे पालक, चौराई, फलो का रस, सूखे मेवा, अंकुरित दाल, बेसन, पापड़, आचार, चटनी, फरसान, बेकिंग पाउडर खाने में लेने के लिए मनाही होती है।
किडनी पेशेंट्स के लिए डाइट चार्ट
किडनी मरीजों को बिना शक्कर वाली चाय पीनी चाहिए
अदरक और तुलसी के पत्ते वाली काली चाय में थोड़ा सी काली मिर्च, दालचीनी, बड़ी इलायची, तेजपत्ता, अजवायन डालकर बनाए, सुबह शाम 100 – 150 ग्राम चाय दे, लेकिन ये जरूर ध्यान रखें कि इसमें चाय पत्ती और शक्कर ना डालें इसे फीकी ही पीना है।
किडनी के मरीजों के लिए नाश्ता
उपना, पोहा, कुरमुरा दलिया, इडली, सफेद ढोकला, साबुदाना, रवा, साबुदाने की खिचड़ी बिना मूंगफली नारियल के इसमें साबुदाना का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए क्योंकि इसमें पोटैशियम 0 प्रतिशत पाया जाता है।
किडनी पेशेंट्स के लिए रोटी
किडनी के रोगी के लिए रोटी सूखी होनी चाहिए, मतलब बिना घी और तेल लगाए, मक्का, जवार, गेंहू थोड़ा मोटा पिसा हुआ ले, मैदे या बारीक पिसे आटे की ना बनवाए। गेंहू और बाजरा की मिश्रित रोटी भी ले सकते हैं।
किडनी रोगी के लिए सब्जी
लौकी, भोपला, पत्ता गोभी, गोभी फानसबीन सेम सहजन नेनुआ, तुरई चिचीन्हा, कूनरू, परवल आदि।
किडनी मरीजों के लिए सलाद
ककड़ी, खीरा, गाजर, पत्ते वाली गोभी और प्याज।
किडनी रोगियों के लिए तेल मसाला
धनिया, हल्दी, हरी मिर्च, हींग, अजवाइन, दालचीनी, छोटी इलायची, तेजपत्ता, जीरा, तेल शुद्ध सरसो का तेल का प्रयोग करें।
किडनी के रोगी के लिए दूध से बनी चीज़े
गाय का दूध मलाई निकलकर 150 – 200 ग्राम नाश्ते के समय, दही 1 कटोरी दोपहर के भोजन के समय और पनीर 20 ग्राम डिनर के साथ ले सकते है।
किडनी मरीजों के लिए फल
सेब बिना छिलके के खाएं, बेर, अमरूद, पपीता और अननास में से कोई एक फल।
किडनी पेशेंट्स के लिए डाइट चार्ट और आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट
आयुर्वेद लगभग 5000 वर्ष पहले भारत में शुरु हुआ था। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लम्बे जीवन का विज्ञान है और आयुर्वेद दुनिया में स्वास्थ्य की देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचारों में शामिल है।
प्राचीन काल से ही आयुर्वेद ने दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक प्रणाली है जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात. पित्त और कफ को सिमित करने पर निर्भर करता है। बता दें कि, किडनी रोग के लिए आयुर्वेदिक दवाओं में प्रयुक्त सबसे आम जड़ी-बूटियों में पुनर्नवा, गोखुर, वरुण, कासनी और शिरीष जैसी आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। जो किडनी मरीजों को ठीक करने में बहुत सहायता करती है।
किडनी पेशेंट्स के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर
नई दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा। जो 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है। डॉ. पुनीत रोज़ हजारों किडनी मरीजों का इलाज करते हैं। साथ ही आयुर्वेदिक डायलिसिस उपचार और किडनी प्रत्यारोपण के बिना सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार का इस्तेमाल करके रोगी को ठीक किया जाता हैं।