किडनी रोग बेहद गंभीर होता है और अगर इसका समय से इलाज नहीं करवाया जाए तो इससे रोगी की मौत भी हो सकती है। विकासशील देशों में ज्यादा पैसे लगाकर संभावित समस्याओं और उपलब्धता की कमी की वजह से किडनी रोग से पीड़ित सिर्फ 5 से 10% मरीज डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण का उपचार करवा लेते है, लेकिन मरीज सामान्य उपचार पर स्थित होते हैं। जिसे उन्हें कई परेशानी का सामना करा पड़ता है। क्रोनिक किडनी जैसे रोग ठीक हो पाना बेहद मुश्किल है। फिर रोगी अंतिम चरण में डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण ही होता है वो भी बहुत लागत में। इसलिए आप कर्मा आयुर्वेदा से कम खर्च और बिना साइड इफेक्ट्स के किडनी रोग से मुक्त हो सकते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए उत्तराखंड के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी फेल्योर
हमारी किडनी शरीर में संतुलन बने रखने के कई कार्यों का निष्पादन करती है। वे अपशिष्ट उत्पादों तो फिल्टर करके पेशाब से बाहर निकालते है और निष्कासन करते है। वे शरीर में पानी की मात्रा, सोडियम, पोटेशियम और कैल्शिम की मात्रा को संतुलित करते हैं। वह अतिरिक्त अम्ल एंव क्षार निकालने में मदद करते हैं जिससे शरीर में एसिड एंव क्षार का संतुलन बना रहता है। साथ ही शरीर में किडनी का मुख्य कार्य खून का शुद्धिकरम करना है। जब बीमारी के कारण दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य नहीं कर सके, तो किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिसे हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए उत्तराखंड के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी फेल होने के लक्षण
- शरीर में सूजन
- उच्च रक्तचाप “अल्कोहल के बाद किडनी दर्द का उपचार”
- शरीर में रक्त की कमी
- पेशाब में प्रोटीन या खून का आना
- बार-बार पेशाब आना
- पेशाब के समय जलन या दर्द होना
- भूख में कमी
- नींद न आना “किडनी फेल्योर उपचार के लिए उत्तराखंड के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी फेल्योर उपचार के लिए उत्तराखंड के बेस्ट आयुर्वैदिक उपचार
किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा आयुर्वेदिक प्राकृतिक जड़ी-बूटियों वाली दवाओं से किडनी फेल्योर रोगियों को ठीक करते हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 में अरूण देव धवन ने किडनी रोगियों का इलाज शुरु किया था। आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। आयुर्वेदिक दवा 100% प्राकृतिक और नेचुरल होती है। जिससे रोगियों को किडनी में जल्द ही आराम मिलना शुरु हो जाता हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए उत्तराखंड के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”