किडनी शरीर का मुख्य अंग है जो शुद्धिकरण का काम करती है, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाती हैं तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
साथ ही जब खून में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा की जांच से किडनी की कार्यक्षमता का पता किया जा सकता हैं। वैसे तो किडनी की क्षमता शरीर की आवश्यकता से ज्यादा होती है इसलिए किडनी को थोड़ा नुकसान हो भी जाए तो भी खून की जांच में कोई खराबी देखने को नहीं मिलती है। जब रोग के कारण किडनी 50% से ज्यादा खराब हो जाती है तभी खून की जांच में यूरिया और क्रिएटिनिन की बढ़ी हुई मात्रा का प्रदर्शन होता है। किडनी का विशेष संबंध ह्रदय, फेफड़ो, यकृत और प्लीहा के साथ होता हैं। ज्यादा ह्रदय और किडनी परस्पर सहयोग के साथ काम करता है। इसलिए जब किसी को ह्रदयरोग होता है तो उसकी किडनी भी बिगड़ती है और जब किडनी बिगड़ती है तब उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता हैं और वो व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है। वैसे दिन-प्रतिदिन किडनी रोगियों की समस्या बढ़ती जा रही हैं। इसका मुख्य कारण हमारे द्वारा ह्रदय रोग, दमा, श्वास, क्षयरोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसे रोगों में किया जा रहा। साथ ही अंग्रेजी दवाओं का लंबे समय तक अथवा आजीवन इस्तेमाल करते हैं। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल” “डायलिसिस रोगियों के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट”
किडनी फेल्योर के कारण:
किडनी फेल्योर की समस्या खासतौर पर दूषित खानपान और वातावरण जिम्मेदार माना जाता हैं। बहुत बार किडनी में परेशानी का कारण एटीवायोटिक दवाओं का ज्यादा सेवन करने से भी होता है। साथ ही मधुमेह रोगियों को किडनी की शिकायत आम लोगों की तुलना में ज्यादा होती है। साथ ही बढ़ता आद्योगीकरण और शहरीकरण भी किडनी रोग का कारण बन रहा है। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी फेल्योर के लक्षण:
- हाई ब्लड प्रेशर
- शरीर में सूजन
- पेशाब बार-बार जाना
- पेशाब में प्रोटीन या खून का आना
- पेशाब के समय जलन या दर्द होना
- शरीर में रक्त की कमी होना
- नींद न आना “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”
किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट आयुर्वेदिक उपचार
किडनी फेल्योर के लिए आयुर्वेदिक दवाएं काफी फायदेमंद साबित हुई है। आयुर्वेदिक दवाएं 100% नेचुरल होती है और उससे कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होता हैं। किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा, योग्य आयुर्वेदचार्य डॉ. पुनीत धवन के मार्गदर्शन में किडनी रोग के लिए सबसे ज्यादा सहायता प्रदान की हैं। कर्मा आयुर्वेदा में रोगियों को दवाओं के साथ-साथ डाइट चार्ट की भी सलाह दी जाती है। “किडनी फेल्योर उपचार के लिए पश्चिम बंगाल के बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल”