किडनी फेल्योर उपचार के लिए सलेम का बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी फेल्योर उपचार के लिए सलेम का बेस्ट डॉक्टर और अस्पताल

कर्मा आयुर्वेदा विश्व के प्रमुख किडनी सेंटर में से एक है। जिसमें सलेम से आए किडनी रोगियों का इलाज किया है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। आयुर्वेद में हर्बल दवाइयों के द्वारा रोगियों को ठीक किया जाता है। ये 100% नेचुरल है और इन आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। ये एकदम प्राकृतिक इलाज है।

किडनी फेल्योर

किडनी में बहुत से रोग बेहद गंभीर होते हैं और अगर इनका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो उपचार असरकारक नहीं होता है। विकासशील देशों में उच्च लागत, संभावित समस्याओं और उपलब्धता की कमी के कारण किडनी फेल्योर से पीड़ित सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत मरीज ही डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण करवाते हैं और बाकि मरीज सामान्य उपचार पर बाध्य होते है। जिससे उन्हें अल्पावधि में ही विषमताओं का सामना करना पड़ता है। क्रोनिक किडनी फेल्योर जैसे रोग जो ठीक नहीं हो सकता है। इसमें अंतिम स्टेज के उपचार सिर्फ डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण है जो बहुत महंगे होते है। ये सुविधा हर जगह उपलब्ध भी नहीं होती है। किडनी खराब होने से बचने की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को होनी चाहिए।

किडनी फेल होने के कारण:

  • पानी कम पीना
  • नींद पूरी ना होना
  • नमक ज्यादा खाना
  • कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करना
  • काफी देर तक पेशाब रोकना
  • धुम्रपान करना व अधिक शराब का सेवन करना
  • पेन किलर का अधिक सेवन करना
  • आहार में मिनरल्स और विटामिन की कमी होना
  • काफी देर तक पेशाब रोकना
  • हाई ब्लड प्रेशर और शुगर होना

किडनी फेल होने के लक्षण:

  • ठंड लगना
  • ब्लड प्रेशर ज्यादा रहना
  • त्वचा पर खुजली होना
  • शरीर में सूजन आना
  • पेशाब करते वक्त जलन या दर्द होना
  • पेशाब में रक्त या प्रोटीन आना
  • मुंह से बदबू आना
  • मुंह का स्वाद खराब होना
  • कमजोरी और थकान महसूस होना

किडनी को स्वस्ख रखने के उपाय

  • नमक का सेवन ज्यादा ना करे
  • बाजार मे मिलने वाला डब्बा बंद खाने से दूर रहे
  • साफ पानी पिएं, लेकिन अगर पानी साफ ना हो तो उबाल कर पिएं
  • फास्ट फुड खाने से परहेज करें
  • अपने आहार में फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन करें
  • उल्टी, दस्त और बुखार में प्रयाप्त मात्रा में पानी पिएं
  • धुम्रपान शराब और किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहे
  • शरीर का वजन कम रखें
  • दर्द निवारक दवाओं का कम से कम सेवन करें

आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार किडनी रोगियों के लिए काफी फायदेमंद साबिद होती है। आयुर्वेद प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और तकनीकों के उपयोग के साथ सभी प्रकार की शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए एक प्राचीन प्रथा माना जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां किडनी को मजबूत बनाती है। आयुर्वेदिक इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली सबसे सामान्य जड़ी-बूटियों में मिल्क थिस्टल, एस्ट्रगुलस, लाइसोरिस रूट, पुनर्नवा, गोकशुर आदि शामिल है। किडनी की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और किडनी के विकास को प्रतिबंधित करने के लिए बड़े पैमाने पर काम करती है। एलोपैथी दवाओं के विपरीत आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का किसी भी प्रकार से कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

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