किडनी फेल्योर और पेट की सूजन, किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी फेल्योर और पेट की सूजन, किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया

किडनी फेल्योर

मानव शरीर में मौजूद कुदरती छलनियों में ऐसी कोई दिक्कत आ जाए तो अफसोस अथवा इनके बदले जाने के इंतजार तक दर्द और दवाओं को झेलने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। शरीर में नन्ही-नन्ही छलनियों की ये जोड़ी किडनी कहलाती है और इनका काम है शरीर से अवांछित-हानिकारक तत्वों को बाहर निकालर सही चीजों को शरीर को वापस भेज देना। साथ ही आस्वास्थ्यकर जीवनशैली की वजह से आज किडनी फेल्योर के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ये स्थिति भारत ही नहीं, दुनिया भर में हैं, लेकिन राहत की बात ये है कि नवीनतम दवाओं और इलाज के तरीकों से इन्हें काफी हद तक सुलझाया जा रहा है और मिसमैच्ड किडनी ट्रांसप्लांट तथा उम्रदराज लोगों और एचआईवी से ग्रस्त लोगों में भी प्रत्यारोपण संभल हो चुका है।

किडनी फेल्योर के कारण:

किडनी फेल्योर का एक प्रमुख कारण डायबिटीज के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा होना है। हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की छलनियों में संक्रमण, पथरी का बनना और दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक सेवन करना आदि भी इसके कारक है।

किडनी फेल्योर के लक्षण:

  • पेशाब की मात्रा बढ़ जाना या एकदम कम हो जाना
  • पेशाब का रंग बदल जाना
  • बार-बार पेशाब आने का अहसास होना
  • पेशाब करते वक्त दर्द महसूस होना
  • पेशाब करते वक्त जलन महसूस होना
  • पेशाब करते वक्त रक्त का आना
  • झाग जैसा पेशाब आना
  • किडनी में सूजन आना
  • अतिरिक्त थकान और कमजोरी आना
  • चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी
  • हर समय ठंड महसूस होना
  • त्वचा में रैशेज़ और खुजली होना

पेट में सूजन

पेट में इंफेक्शन होने पर सूजन, पेट फूलना, कब्ज और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती है। इसके कारण आपको पेट में दर्द, मरोड़े उठना, उल्टी, सर्दी लगना, कमजोरी और भूख ना लगना जैसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए आप कई तरह की दवाइयों का सेवन करते हैं।  किडनी प्रॉब्लम कारण भी बन सकता है। ऐसे में आप कुछ आसान से घरेलू उपाय करेक पेट के इंफेक्शन और सूजन की समस्या से छुटकाका पा सकते हैं।

किडनी फेल्योर और पेट की सूजन के लिए आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक सालों से चलता आ रहा है। इसमें प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके दवाएं बनाई जाती है, लेकिन किडनी रोग के लिए ज्यादातर लोग एलोपैथिक इलाज करवाते थे और एलोपैथिक किडनी रोगियों को डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण की सलाह देते हैं, लेकिन सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक दवाओं किडनी पेशेंट्स के लिए डाइट का इस्तेमाल कर करेक किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। वो भी डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना। कर्मा आयुर्वेदा 1937 से किडनी रोगियों का आयुर्वेदिक इलाज करते रहे हैं।  “किडनी फेल्योर और पेट की सूजन”

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