किडनी फेल्योर पेशेंट – कांता देवी

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी फेल्योर पेशेंट – कांता देवी

मरीज कांता देवी जो पंजाब की रहने वाली हैं। वह किडनी फेल्योर की समस्या से परेशान थी। इस बीमारी में उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था और उनका क्रिएटिनिन भी लगातार बढ़ता जा रहा था जिसकी वजह से हफ्ते में 1 बार डायलिसिस करवाने की नौबत आ रही थी।

इलाज से पहले

  • चलने में दिक्कत
  • हफ्ते में एक बार डायलिसिस
  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक इलाज के बाद पहले से बेहतर मेहसूस कर रहे हैं। वह शारीरिक तौर पर फीट हैं और खाना-पीना भी अच्छे से खा रही हैं। इसी के साथ रोगी कांता देवी डायलिसिस से भी मुक्त हैं। ऐसा सिर्फ दवाओं और जैसी बताई गई चीजों का पालन करने से संभव हो पाया हैं।

  • अच्छे से चल पाना
  • डायलिसिस से मुक्ति
  • सामान्य क्रिएटिनिन स्तर

विश्लेषण:

किडनी फेल्योर बेहद खतरनाक बीमारी है जिसमें लोगों को इसके लक्षण काफी देर में पता चलता हैं और तब तक ये बीमारी गंभीर रूप ले लेती हैं, डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की नौबत आ जाती हैं, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक किडनी उपचार से रोगियों का इलाज किया जाता हैं।

किडनी की बीमारी और आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल देश-विदेश में आए किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं और उन किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की भी सलाह देते हैं। उनके किडनी रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करते हैं। जब किडनी काम करना बंद कर देती हैं तब शरीर में कई लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं, लेकिन कुछ लक्षणों में से कई लक्षण बहुत अस्पष्ट होते हैं। ये लक्षण इतनी धीमी गति से बढ़ते हैं कि रोगी अक्सर इनकी तरफ ध्यान ही नहीं दे पाते हैं और सही समय पर समुचित इलाज नहीं हो पाते हैं। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. पुनीत धवन से हैं। यह अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया हैं।

लेख प्रकाशित

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