कीवी को एक्टिनिडिया डेलीसीसा (Actinidia deliciosa) भी कहा जाता है। लगभग 700 साल पहले कीवी चीन में उगाया जाता था। कीवी में पौष्टिकता होने के साथ-साथ विटामिन सी, पोटेशियम और फोलिक एसिड का बेहद अच्छा स्त्रोत है। कीवी में लगभग 10 प्रतिशत फाइबर की मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा कीवी में विटामिन ई, पोलीफेनॉल्स और कैरोटीनॉयड भी मौजूद होता है। कीवी फल की दो किस्में पाई जाती है, गोल्ड कीवी और ग्रीन कीवी है। गोल्ड कीवी में अधिक एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके अलावा यह हरे कीवी से अधिक स्वस्थ माना जाता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने की वजह से कीवी मधुमेह के लिए बहुत अच्छा होता है।
कीवी को कैसे खाएं –
अपने आहार में कीवी को शामिल करने के कुछ आसान से तरीके हैं जिनसे आप इस फल के गुणों का लाभ आसानी से ले सकते हैं।
- आप कीवी, अनानास, आम और स्ट्रॉबेरीइस को मिलाकर ताजा फल का कॉकटेल बना सकते हैं।
- कीवी के फल के मिश्रण में थोड़ी-सी मात्रा में शहद को मिलाकर, आप इसका सेवन कर सकते हैं।
- कीवी, पालक, सेब और नाशपाती को साथ मिलाकर जूस बनाएं और इस प्रकार अपने आहार में कीवी के स्वाद और गुणों को शामिल करें।
- कीवी को स्लाइस के रूप में काटकर फ्रीज में रखें और उन्हें गर्म दिन में स्नैक्स या मिठाई के रूप में खाएं।
- कीवी को सलाद के रूप में भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
साथ ही और भी तरीके है जिन से आप कीवी के स्वाद और गुणों का भरपूर लाभ उठा सकते हैं।
क्या किडनी पेशेंट के लिए कीवी फायदेमंद है या नहीं?
दुनिया भर में लाखों लोग किडनी की बीमारियों से पीड़ित है। सही इलाज न मिल पर उन लोगों को अपनी जान गवानी पड़ती है। वैसे तो कीवी बाहर से दिखने में आलू या चींकू की तरह लगती है। यह अंदर से बिल्कुल अलग होती है। कीवी सेहत के लिए बेहद अच्छी मानी जाती है, लेकिन किडनी पेशेंट के लिए यह हानिकारक साबित हो सकती है।
- कीवी में पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है जो किडनी पेशेंट के लिए नुकसानदायक है। 100 ग्राम कीवी के अंदर 312 मिलीग्राम मैग्नीशियम की मात्रा मौजूद होती है।
- नींबू और संतरे की तुलना में कीवी में विटामिन सी दोगुना होता है जो किडनी मरीजों के लिए अच्छा नहीं होता है।
- कीवी में एसिड की मात्रा अधिक होती है जो किडनी की बीमारी में मरीज के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
इसका साफ मतलब यही है कि किडनी पेशेंट के लिए कीवी का सेवन करना अच्छा नहीं है और इसको खाने से किडनी की समस्या भी बढ़ सकती है। जिन लोगों को किडनी की कोई भी समस्या नहीं है, तो वह कीवी का सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं, लेकिन किडनी पेशेंट इसका बिल्कुल सेवन न करें।
किडनी रोग का आयुर्वेदिक उपचार
दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यहाँ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी के मरीजों का इलाज किया जाता है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है जिससे रोगी जल्द स्वस्थ हो सकें।
आयुर्वेद 5 हजार वर्ष पहले भारत में शुरू हुआ था। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति लंबे समय के जीवन का विज्ञान है और दुनिया में स्वास्थ्य की देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है। जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचार शामिल है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद ने दुनिया भर में मानव जाति की संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक प्रणाली है जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को सीमित करने पर निर्भर करती है। आयुर्वेद प्राकृतिक जड़ी-बूटियों में पुनर्नवा, गोखुर, वरुण, कासनी और शिरीष जैसी आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है जो किडनी मरीजों को ठीक करने में बहुत सहायता करता है।