क्या किडनी रोगी खजूर खा सकते हैं या नहीं?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्या किडनी रोगी खजूर खा सकते हैं या नहीं?

खजूर बेहद मिठास भरा होता है और इसे देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। खजूर को अंग्रेजी में डेट्स, अरबी में तवारीख और फ्रेंज में पामियर के नाम से जाना जाता है। खजूर को ताड़ यानी पाल्म ट्री की प्रजाति का माना गया है। वैसे तो हर किसी को फ्रूट्स पसंद होते हैं, लेकिन बात जब खजूर की हो, तो इसकी प्राकृतिक मीठास इसे और खास बनाती है। खजूर एक लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है। खजूर का पेड़ काफी बड़ा होता है और पत्तियां भी करीब चार-छह मीटर लंबी होती है। साथ ही इसका वैज्ञानिक नाम फिनिक्स डेक्टाइलीफेरा कहा जाता है।

बता दें कि, खजूर की खेती सबसे पहले इराक में शुरू हुआ था। जिसके बाद यह अरब और अन्य देशों में उगाया जाने लगा है। खजूर के बीज भी बड़े काम आते हैं कई बार इसके बीजों को कॉफी बीन्स में मिलाया जाता है और इसका इस्तेमाल कॉफी के विकल्प के तौर पर किया जाता है। साथ ही इसका तेल कॉस्मेटिक और साबुन बनाने में भी इस्तेमाल होता है। तो आइए आज हम खजूर के फायदो और नुकसान के बारे में जानते हैं।

100 ग्राम खजूर में पाए जाने वाले पोषक तत्व

  • कार्बोहाइड्रेट – 74.97 ग्राम
  • प्रोटीन - 1.81
  • फैट - 0.18
  • फाइबर 6.7 ग्राम
  • विटामिन-ए – 149
  • विटामिन-के – 2.7 मिली ग्राम
  • सोडियम – 1 मिली ग्राम
  • पोटेशियम – 696 मिली ग्राम
  • कैल्शियम – 64 मिली ग्राम
  • मैग्नीशियम – 54 मिली ग्राम
  • आयरन – 0.90 मिली ग्राम

खजूर का इस्तेमाल

  • खजूर का इस्तेमाल ताकत के लिए दूध में मिलाकर पीने में किया जाता है
  • खजूर की चटनी बनाकर खाएं
  • खजूर की मिठाई या हलवा बनाकर खा सकते है
  • खजूर को मेवे की तरह आप इस्तेमाल कर सकते हैं

लेकिन अब बात यह आती है कि क्या किडनी रोगी खजूर खा सकते हैं या नहीं।

किडनी रोगियों के लिए खजूर

  • किडनी रोगियों को इंफेक्शन होने का अधिक खतरा होता है। खजूर किडनी के रोगियों के लिए इंफेक्शन के खतरे को बढ़ा सकता है और इसलिए उन्हें इससे बचने के लिए कहा जाता है।
  • खजूर का अधिक सेवन करने से किडनी के रोगियों के लिए शरीर के भारी वजन के कारण हो सकता है जो उनके समग्र स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
  • खजूर में अधिक मात्रा में फास्फोरस होता है जो हड्डी और किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • खजूर खून में ग्लूकोज के लेवल को बढ़ाता है। खजूर का सेवन किसी व्यक्ति के लिए डायबिटीज का कारण हो सकता है और इसलिए किडनी रोगियों को इससे बचने की सलाह दी जाती है।
  • खजूर में पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है जो किडनी को अधिक नुकसान का कारण भी बन सकता है।
  • खजूर का अधिक सेवन भी डायरिया का कारण बन सकता है।

इसलिए हो सके किडनी रोगियों किसी भी चीज का सेवन करने से पहले अपने डॉक्चर की जरूर सलाह लें, क्योंकि हो सकता है गलत चीच का सेवन करने पर किडनी रोगियों को दुष्प्रभाव न हो जाएं।

खजूर के फायदे

  • दिल को रखें स्वस्थ – इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं, जो कि धमिनयों को चौड़ा करते हैं, जिससे उनमें कोलेस्ट्रोल जमना नहीं है। यह एंटी-ऑक्सिडेंट कोशिकाओं से कोलेस्ट्रोल को निकालकर कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा कम करते हैं, इसलिए खजूर का सेवन दिल को स्वस्थ रखने के लिए भी कर सकते हैं।
  • तनाव को कम करें – खजूर खाने से कोलेस्ट्रोल का लेवल कम रहता है, जिससे खून का संचरण बढ़ता है। दिल और दिमाग में खून सही मात्रा में पहुंचने पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और दिमाग को स्वस्थ रखता है, इसलिए खजूर खाने से तनाव कम होता है।
  • पेट को कैंसर से बचाना – एंटी-ऑक्सिडेंट्स भरे खजूर इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम कर देते हैं। खजूर खाने से पेट में होने वाले कैंसर से बचाव करता है।
  • एलर्जी होने से बचें – खजूर में सल्फर होता है जो कि बहुत कम खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसमें मौजूद सल्फर एलर्जी से बचाता है। इस वजह से खजूर खाने से एलर्जी और रिएक्शन के खतरे को कम करता है।
  • हड्डियों मजबूत बनाएं – खजूर में कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए इस्तेमाल होते हैं, इसलिए हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी खजूर खाना अच्छा होता है।
  • योन इक्षा बढ़ाएं – खजूर खाने से सेक्स हार्मोन का स्तर बढ जाता है इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन योन इक्षा बढ़ाने में मदद करते हैं। खजूर का मिल्कशेक, खजूर के सिरप का सेवन करके या रातभर भीगे हुए खजूर को खाने से सेक्स ड्राइव बढ़ाने के लिए लाभकारी होता है।
  • पाचन तंत्र स्वस्थ रखें – खजूर में अच्छी मात्रा में फाइबर होता है, इसलिए खजूर का सेवन करना पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है। खजूर खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और कब्ज की समस्या भी दूर रहती है।

खजूर खाने के नुकसान

खजूर में पाए जाने वाले गुण जानने के बाद इसका अधिक सेवन करना कैसे हानिकारक हो सकता है, यह जानना भी जरूरी है। तो आइए जानेते हैं, खजूर को अधिक मात्रा ने खाने या किसी गंभीर बीमारी में सेवन करने के नुकसान के बारे में।

  • खजूर का अधिक सेवन आपके वजन को बढ़ा सकता है, क्योंकि 100 ग्राम खजूर में करीब 227 कैलोरी होती है।
  • खजूर अधिक खाने से हाइपरकलेमिया की मात्रा भी हो सकती है। ऐसे में आप पोटेशियम की मात्रा अधिक होने की वजह से होता है और खजूर में पोटेशियम की मात्रा पर्याप्त होती है। हाइपरकलेमिया में मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है और कई बार तो लकवा भी पड़ सकता है, इसलिए खजूर खाने से बचें।
  • शिशुओं के लिए खजूर बेहद हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह काफील मोटा और सख्त होता है। शिशु की आतें पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती है। साथ ही खजूर को असानी से पचा नहीं पाते हैं। यह उनके गले में भी अटक सकता है।

तो यह थे खजूर के फायदे और नुकसान, लेकिन किडनी रोगियों खजूर का सेवन बेहद संभल कर और अपने डॉक्टर की सलाह अनुसार ही करें। लेकिन उसस पहले किडनी की बीमारी और उसके संकेतो का जानना बेहद जरूरी है।

किडनी की बीमारी का होना

खराब जीवनशैली और गलत खानपान की वजह से किडनी की बीमारी का खतरा अधिक बढ़ता जा रहा है। ऐसे में आपको अपना खास ख्याल रखने की जरूरत है। इस बदलती लाइफस्टाइल में हमें ऐसा खाना नहीं मिल पाता है, जितनी जरूरत होती है और न ही हम आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि, अगर हम अपनी लाइफस्टाइल में कुछ खास बातों का ही ख्याल रखें तो तब हम इस बीमारी को अपने शरीर से दूर रख सकते हैं। सबसे पहले आपको इस बीमारी के संकेतों को जानना बेहद जरूरी है।

किडनी की बीमारी के संकेत

  • हाथ, पैर और आंखों के नीचे सूजन
  • कमजोरी महसूस होना
  • थकावट
  • बार-बार यूरिन आना
  • भूख न लगना या कम लगना
  • बार-बार उल्टी आना व उबकाई आना
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • यूरिन पास करते वक्त जलन या दर्द होना

किडनी की बीमारी को जड़ खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

भारत का प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा, जहां किडनी की बीमारियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। यह सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक किडनी उपचार पर भरोसा किया जाता है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक और आयुर्वेदिक उपचार की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है, वो भी किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे पुनर्नवा, शिरीष, पलाश, कासनी, लाइसोरिस रूट और गोखरू आदि। यह जड़ी-बूटियां रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां अपने सुंगंधित या औषधीय गुणों के लिए भोजन, स्वाद, दवा या सुगंध के लिए इस्तेमाल होती है। यह जड़ी-बूटियां पेड-पौधे के हरे पत्ते या फूलों वाले हिस्से को संदर्भित करती हैं, जबकि मसालें पौधो के अन्य भागों से बने होते हैं, जिसमें बीज, छोटे फल, जड़ और फल शामिल होते हैं। जड़ी-बूटियों के अनेक औषधीय व अध्यात्मिक इस्तेमाल होती हैं। यह जड़ी-बूटी के सामान्य इस्तेमाल पर पाक संबंधी जड़ी-बूटियां और औषधीय जड़ी-बूटियां और औषधीय जड़ी-बूटियां अलग है।

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