किडनी रोगी के लिए जैतून का तेल

अल्कोहोल और किडनी रोग

dr.Puneet
+91
OR CALL
9971829191
किडनी रोगी के लिए जैतून का तेल

अगर हम तेल के बारे में बात करें तो जैतून का तेल ख्याल में जरूर आता है। जैतून का तेल जैतून के पेड़ पर लगे फलों से निकाला जाता है, इसकी खेती मुख्य रूप से भूमध्य इलाके में बड़े पैमाने में की जाती है। जैतून के तेल का इस्तेमाल ना सिर्फ खाने, त्वचा और बालों पर लगाने, बल्कि औषधि बनाने के लिए भी किया जाता है। बाजार में इस तेल की तीन किस्मे मौजूद है- परिष्‍कृत जैतून तेल (Refined olive oil), अपरिष्‍कृत जैतून तेल (Inexhaustible olive oil) और एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून का तेल। एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून का तेल सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसके अंदर काफी औषधीय गुण समाहित हैं।

जैतून के तेल में पोषक तत्व :-

जैतून का तेल अपने गुणों के चलते अन्य तेलों की तुलना में सबसे खास है। पोषक तत्वों की बात करे  तो इसमें 73 प्रतिशत तक असंतृप्‍त वसा अम्‍ल (Unsaturated fatty acids) पाया जाता है, जो इसका एक प्रमुख घटक है। साथ ही जैतून के तेल में 24 प्रतिशत संतृप्‍त वसा (Saturated fat), ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड भी पाया जाता है। इसके अलावा जैतून के तेल में विटामिन E और विटामिन K के साथ ही एंटीऑक्‍सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं। 100 ग्राम जैतून तेल में लगभग 884 कैलोरी होती है।

किडनी रोग में जैतून का तेल :-

आपने ऊपर जैतून के तेल के पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जाना, अपने इन्हीं गुणों के चलते यह तेल किडनी रोगी के लिए फायदेमंद है। यह ना केवल आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि यह आपको किडनी रोग होने से भी बचाता है। जैतून का तेल निम्नलिखित रोगों से निदान दिलाकर आपकी किडनी को स्वस्थ रखता है -

उच्च रक्तचाप –

जैतून का तेल उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। एक शोध के अनुसार जो लोग उच्च रक्तचाप की दवाओं का सेवन कर रहे हैं, अगर वह धीरे-धीरे दवाओं का त्याग कर जैतून के तेल को अपने आहार में शामिल करें तो निश्चित ही उन्हें इस गंभीर समस्या से छुटकारा मिलेगा। शोधकर्ताओं का मानना है कि जैतून के तेल में मौजूद ओलिक एसिड आसानी से शरीर में अवशोषित हो जाता है, और इस प्रकार से यह उच्च रक्तचाप को कम करता है। जैतून का तेल खाने से शरीर का रक्त परिसंचरण सुधरता है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या दूर होती है। उच्च रक्तचाप की समस्या से किडनी खराब होने का खतरा रहता है।

मधुमेह –

एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून का तेल रक्त शर्करा को कम करने में काफी सहायक होता है। एक शोध में पाया गया है कि अगर नियमित रूप से एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून के तेल का सेवन किया जाए तो मधुमेह के स्तर को बढ़ने से आसानी से रोका जा सकता है। जैतून का तेल इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ने में मदद करता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर कम होने लगता है। इसके अलावा, जैतून का तेल ट्राइग्लिसराइड का स्तर बनाए रखने में मदद करता हैं। ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) एक तरह का फैट होता है, जो रक्‍त में पाया जाता है। हमारा शरीर इस फैट को इस्तेमाल करके ऊर्जा पैदा करता है। बेहतर सेहत के लिए कुछ ट्राइग्लिसराइड्स जरुरी हैं। लेकिन, इसकी ज्यादा मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है।    ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने से मधुमेह और दिल की बीमारी का खतरा रहता है, जिससे किडनी पर दबाव बढ़ता है और किडनी खराब हो जाती है। जैतून का तेल टाइप 2 मधुमेह रोगियों के लिए उत्तम है। किडनी रोगी चिकित्सक की सलाह से इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं ।

वजन घटाने के लिए –

अगर सही मात्रा में एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून के तेल का सेवन किया जाए तो आसानी से वजन को कम किया जा सकता है। जैतून के तेल में काफी मात्रा में स्वस्थ मोनोसैचुरेटिड फैट पाया जाता है जो शरीर में वसा को जमने नहीं देता, जिससे पेट में चर्बी नहीं जम पाती और पहले से जमा चर्बी भी घटने लगती है। ऐसा होने से आपका वजन कम होने लगता है। अगर आप रोजाना एक से दो चम्मच शुद्ध जैतून के तेल का सेवन करे तो आप मोटापे से बचे रहेंगे।

सूजन कम करे –

एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून का तेल लंबे समय से चली आ रही सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है। अगर आप लंबे समय से सूजन से परेशान हैं, तो आप अपने दैनिक आहार में शुद्ध एक्‍सट्रा वर्जिन जैतून का तेल शामिल करें। निश्चित ही आपको सूजन से राहत मिलनी शुरू हो जायगी। साथ ही यह सूजन से होने वाली बीमारियों को भी खत्म करने में मदद करता है। लंबे समय तक सूजन का रहना किडनी खराब होने की तरफ संकेत करता है। किडनी खराब होने पर आँखों के नीचे और पैरों में सूजन आ जाती है।

कोलेस्ट्रोल –

जैतून का तेल आपके बढ़े हुए खराब कोलेस्ट्रोल स्तर को कम करने में मदद करता है। बढ़ा हुआ खराब कोलेस्ट्रोल ना केवल दिल से जुड़ी बीमारियों को बढ़ता है, बल्कि यह कई समस्यों को जन्म देता है। बढ़े हुए खराब कोलेस्ट्रोल से मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या भी पैदा हो सकती है, जिससे किडनी खराब होने का खतरा भी रहता है।

हड्डियाँ मजबूत करें  –

अध्ययन से यह पता चला है कि जो लोग रोजाना जैतून के तेल में पका हुआ खाना खाते हैं उनको हड्डियों से जुड़े रोग होने का खतरा नहीं रहता। जैतून का तेल शरीर में ओएस्तोकल्सिन के स्तर को बढ़ता है, यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने का कार्य करता है। इस तेल के सेवन से अस्थिसुषिरता या ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) हड्डियों की बीमारी होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। यह बीमारी किडनी के ठीक से काम ना करने के साथ-साथ कई अन्य कारणों से हो जाती है। किडनी हड्डियों को मजबूत करने का कार्य करती है। बच्चों और वृद्ध लोगों की हड्डियों को मजबूत रखने के लिए आप जैतून के तेल की मालिश कर सकते हैं।

कब्ज से राहत दिलाए –

नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन करने से पाचन तन्त्र मजबूत होता है। इसके अंदर ओमेगा 3 एसिड, एंटीऑक्सीडेंट, और  विटामिन ई भरपूर मात्रा में होते हैं, यह सभी पोषक तत्व कब्ज की समस्या को दूर कर पाचन तन्त्र को दुरुस्त करने में सहायक हैं। खराब पाचन तन्त्र कई बीमारियों को जन्म देता है।

गठिया –

अगर आप गठिया की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको जैतून का तेल अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। इस तेल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण जैतून का तेल जोड़ों के एक ऑटोइम्‍यून रोग को रोकने में प्रभावी होता है। इस समस्या से निदान पाने के लिए आप जैतून के तेल को अपने आहार में शमिल कर सकते हैं या फिर आप इसे सरसों, बादाम या नारियल के तेल में मिलाकर प्रभावित क्षेत्र की मालिश कर सकते हैं। गठिया रोग किडनी खराब होने की तरफ इशारा करता है। अगर आप लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं तो तुरंत किडनी की जांच करवाए।

पित्त की पथरी रोके –

अगर आप पित्त की पथरी यानि गैलस्टोन की समस्या से जूझ रहें हैं तो आपको जैतून के तेल को अपने आहार में शमिल करना चाहिए। नियमित रूप से जैतून के तेल का सेवन करने से इस स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या के लक्षणों को प्रभावी रूप से कम कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि जैतून के तेल में लगभग सभी प्रकार के विटामिन और खनिज पदार्थों की अच्‍छी मात्रा होती है।

जैतून के तेल के नुकसान :-

वैसे तो जैतून का तेल शरीर पर कोई खास नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता, लेकिन इसके सेवन के दौरान कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, जो निम्नलिखित है -

  • जैतून का तेल उच्च रक्तचाप की समस्या से निदान दिलाता है, लेकिन इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से रक्तचाप निम्न स्तर पर जाने का खतरा रहता है।
  • इसके अधिक सेवन से शरीर में वसा की मात्रा ज्यादा हो सकती है जिससे पाचन विकार हो सकता है।
  • अधिक मात्रा में जैतून के तेल का सेवन करने से वजन बढ़ने का खतरा रहता है।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इस रोग को हमेशा के लिए खत्म करने की ताक़त मौजूद है। जबकि एलोपैथी दवाओं में बीमारी से कुछ समय के लिए राहत भर ही मिलती है। लेकिन आयुर्वेद में बीमारी को खत्म किया जाता है। आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से निदान पाया जा सकता है। आज के समय में कर्मा आयुर्वेदा प्राचीन आयुर्वेद के जरिए किडनी फेल्योर जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है।

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

लेख प्रकाशित