किडनी संक्रमण के कारण

अल्कोहोल और किडनी रोग

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किडनी संक्रमण के कारण

आप जो भी खाते-पीते है, उसका सीधा असर प्रत्यक्ष रूप से आपके शरीर पर पड़ता है| गलत खान पान का आपके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है| जिससे आपके शरीर में कई तरह की बीमारियाँ होने लगती है और इसमें से एक है किडनी संक्रमण| किडनी संक्रमण एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है| किडनी संक्रमण आपकी किडनी खराबी से जुड़ी एक समस्या है| किडनी शरीर का एक विशेष अंग होता है| जो यूरिन से जुड़ी सभी प्रकार की समस्या को नियंत्रित करता है| साथ ही आपके शरीर में रक्त संचार को भी ठीक रखता है| किडनी इंफेक्शन होने की स्थिति में आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं| यदि किसी कारण से आपकी एक किडनी संक्रमित हो जाता है तो आपकी दूसरी किडनी काम को संभाल लेती है| लेकिन एक किडनी खराब होने बाद भी आप अपने शरीर में किये हुए अनावश्यक बदलावों को कम नहीं करते तो आपका जीवन मुश्किल हो सकता है| इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपको अपने जीवन में होने वाले अनावश्यक बदलावों में कमी करना है|

किडनी इंफेक्शन क्या है?

किडनी इंफेक्शन एक प्रकार का यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन है| जो अक्सर तब होता है जब आपको यूरिन में संक्रमण हो जाता है| इस समस्या में व्यक्ति को आमतौर पर पेशाब करने में परेशानी होती है| किडनी में होने वाली कई समस्याओं में से एक किडनी संक्रमण भी होती है| ज्यादातर किडनी संक्रमण तब होता है जब मूत्राशय यानी कि पेशाब की नली में संक्रमण के कारण बैक्टीरिया पेशाब की नली के माध्यम से किडनी में प्रवेश कर लेता है| जिससे किडनी में संक्रमण फैलने लगता है| इस संक्रमण को पायलोनेफ्राइटिक(pyelonephritis) कहा जाता है| जब किडनी में संक्रमण होता है तब आपको शरीर में कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है|

किडनी संक्रमण के लक्षण

किडनी संक्रमण होने के बाद हमें शरीर में कई सारे बदलाव देखने मिलते हैं… जो हमें विभिन्न लक्षणों के रूप में दिखाई दे सकते हैं| कौन से हैं वो लक्षण आइये जानते हैं –

  • पेशाब में खून और पस आना
  • तेज़ बुखार आने पर ठण्ड लगना
  • पेट के निचले सिस्से में दर्द होना
  • बार-बार पेशाब आना और पेशाब में जलन होना
  • भूख न लगना
  • पेशाब की तीव्र इच्छा होना, लेकिन पेशाब नहीं होना
  • बार-बार उल्टी आना
  • पेशाब में बहुत तेज़ गंध आना
  • कमजोरी महसूस होना और जल्दी थक जाना

किडनी में संक्रमण के प्रमुख कारण

मधुमेह होना

जिन लोगों को मधुमेह यानी की डायबिटीज की शिकायत होती है उनमें किडनी की समस्या अक्सर देखने को मिलती है| क्योंकि डायबिटीज के मरीजों को यूरिन में संक्रमण होने की संभावना अधिक बनी रहती है और जब यूरिन संक्रमण को आप अनदेखा करते हैं तो ये किडनी में संक्रमण बना देता है| जब मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति अपने खान-पीने पर ध्यान न दें और सही परहेज़ न करें या समय समय पर अपने ब्लड शुगर स्तर की जांच न करवाए तो इसके कारण किडनी में संक्रमण की संभावना अधिक बढ़ जाती है|

अधिक मात्रा में नमक लेना

जब आप खाने में जरुरत से ज्यादा नमक का इस्तेमाल करते हैं तो इससे ब्लड में नमक की मात्रा बढ़ जाती है और फिर किडनी को इसको शरीर से बाहर निकालने में काफी मुश्किल होती है| क्योंकि नमक के अन्दर सोडियम की मात्रा अधिक होती है जिसका अधिक सेवन आपके ब्लड में क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा देता है और इससे किडनी पर प्रेशर अधिक पड़ता है| जो आपकी किडनी को संक्रमित करता है|

ज्यादा कैफीन लेना

बहुत से लोग कॉफ़ी पीने के आदि हो जाते है| कई लोगों को सुबह के समय कॉफ़ी का सेवन ही पसंद होता है| लेकिन आपको बता दें कि ज्यादा काफी पीने से किडनी भी डैमेज हो सकती है क्योंकि ज्यादा कॉफ़ी पीने से बल्ड प्रेशर बढ़ता हैं, जिसका सीधा प्रभाव किडनी पर पड़ता हैं| कॉफ़ी में कैफ़ीन बहुत अधिक मात्रा में होता है जो आपके ब्लड में कैफ़ीन को बढ़ा देता है जिससे किडनी में संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है|

ज्यादा पेन किलर खाना

अधिकार लोग शरीर में होने दर्द को तुरंत कम करने के लिए पेन किलर दवाइयाँ लेते हैं| लेकिन आपको बता दें कि बार-बार पेन किलर लेने से किडनी के फंक्शन पर असर पड़ता है| जिससे आपकी किडनी डैमेज यानी की खराब हो सकती है| ज्यादा पैन किलर का सेवन आपके शरीर में रक्त की मात्रा में कमी भी कर सकता है| और शरीर में खून की कमी होने से आपकी किडनी के काम पर प्रभाव पड़ता है|

अधिक शराब का सेवन

बहुत से लोगों में शराब पीने की इतनी ज्यादा लत होती है कि उन्हें शराब पीने के लिए किसी शादी, पार्टी या किसी त्यौहार की जरुरी नहीं होती| उन्हें तो बस शराब पीने की आदत होती है| लेकिन आपको बता दें कि शराब का सेवन नुकसानदायक होता है| शराब पीने ने किडनी में संक्रमण हो सकता है और आपकी किडनी खराब हो सकती है|

किडनी संक्रमण होने पर शीघ्र से शीघ्र डॉक्टर से परमर्श की आवश्यकता होती है| यदि समय रहते किडनी संक्रमण का ईलाज न किया जाए, तो किडनी का संक्रमण आपके गुर्दे को स्थाई रूप से नुकसान पंहुचा सकता है और बैक्टीरिया आपके खून में फ़ैल सकता है| जो संक्रमण के कारण किडनी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर देता है जिसके बाद आपको डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण करना पड़ता है|

कर्माआयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है।आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। डॉ. पुनीत ने 1 लाख 20 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के माध्यम से किडनी फेल्योर के मरीजों का इलाज कर रहा है।

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