क्या तुलसी किडनी फेल्योर को रोकने में मदद करती है?

अल्कोहोल और किडनी रोग

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क्या तुलसी किडनी फेल्योर को रोकने में मदद करती है?

आजकल के खराब जीवनशैली और गलत खानपान की वजह से किडनी के मरीजों की संख्या में हर साल वद्धि होती जा रही है। अगर आप शारीरिक रूप से मोटे होते जा रहे हैं, धूम्रपान करते हैं, डायबिटीज अथवा हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, तो आपको किडनी के स्वास्थ्य की जांच एक बार जरूरी करवानी चाहिए। आज मानव के स्वास्थ्य को इंफेक्शन रोगों की अपेक्षा में उच्च रक्तचाप, ह्रदय संबंधी रोग, मधुमेह और किडनी की बीमारियों से अधिक खतरा होता है। लगभग 10 में से 1 व्यक्ति किडनी की किसी न किसी की बीमारी से जूझ रहा है।

किडनी के लिए तुलसी के फायदे -

भारतीय घरों में तुलसी को बेहद पवित्र माना जाता है। यह एक प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों में आती है, जिसका इस्तेमाल एतिहासिक रूप से हर प्रकार की बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। तुलसी के पत्तों को सीधे ऐसे भी खाया जा सकता है और चाय के साथ ले सकते है। यह चिंता, अधिवृक्क, थकान, हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism), अंसुलित ब्लड शुगर और मुहांसे को दूर करने के लिए एक प्राकृतिक उपाय है। तुलसी की चाय इम्यूनिटी सिस्टम, रेस्पिरेटरी सिस्टम, डाइजेस्टिव सिस्टम और नर्वस सिस्टम आदि को स्वस्थ रखने में मदद करती है। तुलसी का सेवन करना हमारे लिए अधिक फायदेमंद होता है। तुलसी का सेवन करने से हम काफी सारी बीमरियों से बचे रहते हैं, इसलिए आज हम आपको तुलसी से किडनी की बीमारी को भी ठीक करने के बारे में बताएंगे।

किडनी की समस्या के लिए तुलसी के फायदे –

  • तुलसी में एंटी-स्ट्रेस एजेंट होते हैं, जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति तुलसी की पत्तियों को दिन में 2 बार खा सकता है। जिससे रक्त साफ होगा और तनाव दूर रहेगा।
  • तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं जो सांस की बीमारी और पेट को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। तुलसी पाचन की समस्या को खत्म करती है और यह सर दर्द के लिए एक अच्छी दवा भी मानी जाती है।
  • तुलसी की रूट को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह उठकर इसका सेवन करें। तुलसी में मौजूद अधिक औषधीय गुण इंसुलिन लेवल को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं जो डायबिटीज को प्राकृतिक तरीकों से ठीक करते हैं।
  • किडनी स्टोन की समस्या के लिए तुलसी काफी फायदेमंद है। लगभग 6 महीने तक रोज तुलसी के पत्तों के जूस में शहद मिलाकर पीने से स्टोन से छुटकारा मिल सकता है। तुलसी एक डिटॉक्सिफायर (Detoxifier) है जो किडनी के लिए बहुत मददगार साबित होती है। यह रक्त में यूरिक एसिड को कम करने में सहायता करती है।
  • तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर, जो ब्रेस्ट कैंसर और मुंह के कैंसर के खतरे को कम करती है।
  • तुलसी में यूजनोल (Eugenol) नाम का एंटीऑक्सीडेंट होता है जो रक्तचाप को कंट्रोल करके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है, जिससे दिल की समस्या से बचा जा सकता है।
  • तुलसी मुंहासे, हार्मोन संतुलन, त्वचा समस्या, दांतों की देखभाल और आंखों के लिए भी हेल्दी होती है। तुलसी को आप सीधा निगल भी सकते हैं या उसका सेवन पाउडर और काढ़े के रूप में कर सकते हैं।

यह थी कुछ किडनी के फायदों के बारे में जानकारी, जिससे आप किडनी की समस्याओं से मुक्त हो सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो एक बार हेल्थ चेकअप  जरूर करवाएं, क्योंकि यह बीमारियां किडनी को चोट पंहुचा सकती है।

किडनी फेल्योर के कारण

  • धूम्रपान न करें – धूम्रपान करने से उसका गलत प्रभाव हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है। धूम्रपान हमारे दिल की धड़कन को बढ़ाता है और रक्तचाप में वृद्धि करता है, जिसका बुरा असर किडनी पर पड़ता है। धूम्रपान करने से किडनी की समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है और डायबिटीज रोगियों के लिए धूम्रपान नुकसानदेह हो सकता है। धूम्रपान करने वालों की किडनी की कार्यक्षमता धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कम हो जाती है।
  • पेशाब को न रोकें – ज्यादा देर तक पेशाब को रोकने से ब्लैडर भर जाता है। पेशाब को अधिक देर तक रोकें रखने की वजह से पेशाब किडनी की ओर चला जाता है, जिससे बैक्टीरिया के कारण किडनी खराब हो सकती है।
  • उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) – रक्तचाप को नियंत्रण में रखना चाहिए, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर किडनी की क्षति का एक प्रमुख कारण बनता है।
  • मीठे से परहेज करें – मीठा, चॉकलेट, पैक्ड स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक्स हमारी किडनी के लिए हानिकारक होती है। एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादा फ्रुक्टोज का उपयोग करने से यूरिक एसिड के स्तर में वृद्धि हो सकती है जिससे कार्डियोरेनल (Cardio renal) होने का खतरा होता है।
  • दर्द नाशक दवाओं से परहेज करें – इन दवाओं को निश्चित अवधि तक ही लें। इसका लंबे समय तक उपयोग न करें। हम छोटी-छोटी समस्याओं में पेन किलर और एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन यह किडनी पर बुरा प्रभाव डालती है। इसलिए हो सके तो दवाओं के अधिक सेवन से बचें।
  • रोज व्यायाम करें – व्यायाम शरीर के खून परिसंचरण (Blood circulation) के लिए अच्छा है। यह रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याओं को नियंत्रण करने में मदद करता है। अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोग व्यायाम से अपना वजन कम कर सकते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों का वजन ज्यादा है उन्हें किडनी की समस्या हो सकती है। हर किसी के लिए व्यायाम अच्छा होता है। व्यायाम से आप अपने ह्रदय और शरीर को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं।
  • शराब न पिएं – किडनी शरीर से शराब सहित हानिकारक पदार्थ को फिल्टर करने में मदद करती है। अधिक शराब का सेवन करने से किडनी पर दबाव पड़ता है जिससे किडनी की समस्या उत्पन्न होती है।
  • न खाएं सोडियम युक्त आहार – ज्यादा नमक या अधिक मात्रा में सोडियम युक्त आहार का सेवन करने से उच्च रक्तचाप की समस्या का जन्म होता है। जिसका बहुत बुरा असर किडनी पर पड़ता है।
  • कम पानी पीना – हमें प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। कम पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स किडनी पर बुरा असर डालते हैं और अधिक पानी के सेवन से किडनी ठीक तरह से हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।

किडनी फेल्योर के लक्षण –

  • शरीर में कमजोरी और थकान महूसस होना
  • भूख कम लगना
  • गर्मी में ठंड लगना
  • हाथ, पैर और टखने में सूजन
  • बार-बार यूरिन आना
  • यूरिन पास करते समय जलन या दर्द होना
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • स्किन पर खुजली होना
  • मुंह का स्वाद खराब होना
  • मुंह से बदबू आना

किडनी फेल्योर के लक्षणों को कम करने के उपाय –

  • पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं
  • शराब, तंबाकू और धूम्रपान का सेवन न करें
  • रोज व्यायाम करें
  • ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखें
  • मधुमेह रोग का इलाज
  • पेन किलर दवाओं का सेवन न करें
  • वजन को कंट्रोल में रखें
  • हरी सब्जी, फल, अंकुरित अनाज और तरल पदार्थो का सेवन नियमित रूप से करें
  • नमक या सोडियम युक्त आहार कम खाएं
  • मुन्नके का सेवन करें

किडनी की बीमारी में करें ये आहार शामिल –

  • रोज आहार में सेब को जरूर शामिल करें, क्योंकि फाइबर युक्त सेब किडनी के लिए बहुत फायदेमंद है।
  • दिन में एक बार अदरक की चाय पीने से लाभ होता है।
  • खाने में प्याज को शामिल करें, इसे आप सलाद के रूप में भी ले सकते हैं।
  • लाल शिमला मिर्च खाना भी किडनी के लिए फायदेमंद है।
  • दही का सेवन करने से किडनी इंफेक्शन की समस्या दूर रहती है।
  • पेशाब को रोक कर रखने की आदत छोडें।
  • नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें।

आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा भारत के प्रसिद्ध किडनी उपचार केंद्रो में से एक है। यह सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व 5वीं पीढ़ी के डॉ. पुनीत धवन द्वारा किया जा रहा है। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक और आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है, वो भी डायलिसिस और ट्रांसप्लांट की सलाह के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है।

बता दें कि, आयुर्वेद लगभग 5000 वर्ष पहले भारत में शुरू हुआ था। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति लंबे जीवन का विज्ञान हैं और दुनियाभर में स्वास्थ्य देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है, जिसमें औषधि और दर्शन शास्त्र दोनों के गंभीर विचार शामिल हैं। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद दुनिया भर में संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास कर आया है। प्राकृतिक प्रणाली जो आपके शरीर का सही संतुलन प्राप्त के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रण करने पर निर्भर करती है।

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